पौधों को होने वाली समस्या
कई बार वे अचानक सूखने लगते हैं, उनकी पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं या वे मुरझा जाते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि पानी की अधिकता या कमी, पर्याप्त धूप न मिलना, पोषक तत्वों की कमी, या कीटों का हमला।
Indoor Plant Care: पेड़ पौधे न केवल हमारे घरों की सुंदरता बढ़ाते हैं बल्कि हमें मानसिक शांति और ताजगी भी प्रदान करते हैं। इनडोर पौधे विशेष रूप से उन लोगों के लिए एक शानदार विकल्प हैं जो प्रकृति को अपने करीब रखना चाहते हैं। हालांकि, इन पौधों की देखभाल करना एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि कई बार वे अचानक सूखने लगते हैं, उनकी पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं या वे मुरझा जाते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि पानी की अधिकता या कमी, पर्याप्त धूप न मिलना, पोषक तत्वों की कमी, या कीटों का हमला। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ छोटे लेकिन प्रभावी उपाय अपनाकर आप अपने इनडोर पौधों को फिर से हरा-भरा और स्वस्थ बना सकते हैं।
पानी देने का सही तरीका

पानी किसी भी पौधे की सबसे बुनियादी जरूरत है लेकिन इनडोर पौधों के लिए पानी देने का सही तरीका समझना जरूरी है। बहुत अधिक पानी देने से पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं, जबकि पानी की कमी से पौधे सूखने लगते हैं। इसलिए यह जानना जरूरी है कि आपके पौधों को कितनी मात्रा में और कितनी बार पानी देना चाहिए। सबसे अच्छा तरीका यह है कि जब मिट्टी ऊपर से सूखी लगे, तभी पानी दें। इसे जांचने के लिए आप अपनी उंगली मिट्टी में डाल सकते हैं—यदि मिट्टी नमी से भरी है, तो पानी देने की जरूरत नहीं है।
सही रोशनी का ध्यान रखें

इनडोर पौधों को अधिक धूप की जरूरत नहीं होती, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे बिना रोशनी के भी जीवित रह सकते हैं। बहुत से लोग अपने पौधों को ऐसी जगह रख देते हैं, जहाँ पर्याप्त रोशनी नहीं होती, जिससे वे धीरे-धीरे मुरझाने लगते हैं। पौधों को खिड़की के पास या ऐसी जगह पर रखें, जहाँ अप्रत्यक्ष लेकिन पर्याप्त रोशनी मिल सके। कुछ पौधे, जैसे कि स्नेक प्लांट, मनी प्लांट और पीस लिली, कम रोशनी में भी बढ़ सकते हैं लेकिन बाकी पौधों को हल्की धूप जरूर चाहिए। इसके अलावा, समय-समय पर पौधों को ताजी हवा में रखना भी जरूरी होता है।
पौधों को जरूरी पोषण दें

इनडोर पौधे मिट्टी के सीमित स्रोत में बढ़ते हैं, इसलिए उन्हें समय-समय पर खाद देना आवश्यक होता है। अगर पौधों को सही पोषण न मिले, तो वे कमजोर हो जाते हैं और उनकी पत्तियाँ पीली पड़ने लगती हैं। हर महीने जैविक खाद जैसे गोबर की खाद, वर्मीकम्पोस्ट, या किचन वेस्ट से बनी खाद डालें। केले के छिलके, चायपत्ती, और अंडे के छिलके प्राकृतिक उर्वरक का अच्छा विकल्प हो सकते हैं। इसके अलावा, लिक्विड फर्टिलाइज़र का उपयोग करने से पौधों को तुरंत पोषण मिलता है, जिससे उनकी वृद्धि तेज होती है।
कीटों से बचाव करें
पौधों की देखभाल एक नियमित प्रक्रिया है। सूखी और पीली पत्तियों को समय पर हटाना जरूरी होता है ताकि पौधे स्वस्थ रहें और नई पत्तियाँ तेजी से उगें। गमले की मिट्टी को भी समय-समय पर हल्का सा खुरचना चाहिए ताकि जड़ों तक हवा पहुँच सके और मिट्टी कठोर न हो। इसके अलावा, पौधों को कीटों और फफूंदी से बचाने के लिए घरेलू उपाय अपनाएं। नीम के तेल का छिड़काव, साबुन के घोल का उपयोग, या लहसुन के पानी का छिड़काव करने से कीटों से सुरक्षा मिलती है।
