Plants Care in Winter: सर्दियों के मौसम में फूलों की विविधता देखते ही बनती है जिनके मनमोहक रंगो और खुशबू से वातावरण गुलजार होता है। लेकिन इस मौसम में कम तापमान और रात को पड़ने वाली ओंस पौधों को नुकसान भी पहुंचाती है। इसलिए पौधों की देखरेख में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है जो दूसरे मौसम से थोड़ा अलग होती है। आइये जानते हैं कि सर्दियों में पौधों की देखरेख कैसे करें ताकि बगिया हरी-भरी और फूलों से महकती रहे।
वाॅटरिंग को रेगुलेट करें
सर्दी में गर्मी कम होने के कारण पौधों को पानी की बहुत कम जरूरत होती है। गर्मियों में पौधों को जहां दिन में दो बार पानी देना पड़ता है, सर्दियों में 4-5 दिन में एक बार देना पड़ता है।

कब दें?-जब तक ऊपरी मिट्टी 1-2 इंच सूख नहीं जाती, तब तक पानी नही दें। बेहतर है कि उसमें पानी देने से पहले कम से कम एक इंच की गुढ़ाई करें, फर्टिलाइजर दें। अगले दिन पानी दें। पौधों में एक मुट्ठी गोबर खाद या वर्मी कंपोस्ट डाल दें। 10-12 दिन बाद लिक्विड खाद या कंपोस्ट टी दें।
कितना दें?- सर्दियों में पौधों की मिट्टी में काफी दिन तक नमी बनी रहती है। अडेनियम, सेकुलेंट जैसे पौधों में कम से कम 20-25 दिन बाद देना चाहिए। इंडोर प्लांट्स मे मिट्टी पूरी तरह से सूखने पर ही पानी देना चाहिए। ज्यादा पानी देने से उनकी जड़े गल जाती हैं। इससे उनकी पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं, फंगस लगने का डर रहता है, फूल आना बंद हो जाते हैं और पौधा धीरे-धीरे खराब हो जाता है।
कैसे दें?- कोशिश करें पानी स्प्रे से दें। स्प्रे पौधों के तनों या पत्तियों में न देकर सीधे मिट्टी में दें। स्प्रे से पानी देने से पानी पूरी मिट्टी गीली हो सकती है। अगर ठंड ज्यादा न हो, तो पत्तियों पर भी स्प्रे कर सकते हैं।
गमला-प्लेट में पानी न जमा होने दें

ओवर वाटरिंग से गमलों के नीचे रखी प्लेट्स में पानी भर जाता है। इससे पौधों की जड़े खराब होने का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए या तो प्लेट्स को हटा दें या पानी को निकालते रहें।
सनलाइट में रखें

सर्दियों में जितने भी फूलों-फलों वाले पौधे हैं, उन्हें ज्यादा से ज्यादा सूरज की रोशनी में रखें। इससे उनकी ग्रोथ अच्छी होती है और फूल ज्यादा आते हैैं। घर के अंदर ब्राइट लाइट ज्यादा है, पौधों के लिए फायदेमंद है। लंबे समय तक अंधेरे में रहने से पौधों की जड़ें गलने और फोटो सिंथेसिस ज्यादा न होने के कारण हैल्दी नहीं रहेंगे।
नियमित रूप से करें गुढ़ाई

सप्ताह में कम से कम एक बार खुरपी से गुढ़ाई जरूर करें ताकि मिट्टी में हवा अंदर जा सके और जड़ें मजबूत हों।
फंगसनाशी स्प्रे करें

फंगस अटैक से बचने के लिए पौधों के पत्तों और मिट्टी पर 15-20 दिन में एक बार नीम ऑयल स्प्रे करें। इससे पौधे कीटों और पानी से पौधों में लगने वाली फंगस से बचाव होगा।
दें लिक्विड फर्टिलाइजर

पौधों को 25-30 दिन में लिक्विड फर्टिलाइजर दें ताकि पौधे ग्रोथ में एनर्जी वेस्ट न करें, सर्दी से अपने को बचाए रखें। सर्दियों में पौधों को भी ज्यादा फर्टिलाइजर की जरूरत नहीं है। नियमानुसार पौधे लगाते समय फर्टिलाइजर दिया जाता है। बस बीच-बीच में लिक्विड मैन्योर दे सकते हैं। बार-बार खाद डालने से पौधे खराब हो जाते हैं।
ओंस से बचाएं
सर्दियों में ओंस पड़ने से पौधे के पत्ते जल जाते हैं और फूल या कलियां गल जाती हैं। इससे बचने के लिए सुबह के समय पौधों के पत्ते यथासंभव सूखे कपड़े से पौंछ दें या फिर पानी का स्प्रे करें ताकि ओंस धुल जाए। पौधों के पत्ते हेल्दी रहेंगे। ओंस से बचाने के लिए पौधों के ऊपर ग्रीन नेट लगाएं जिससे ओंस न पड़े।
खरपतवार हटाएं

मिट्टी में उगने वाली खरपतवार या घास-फूंस को समय-समय पर हटाते रहें। साथ ही मिट्टी में गिरी पौधे की सूखी पत्तियां भी हटा दें क्योंकि इनसे पौधे में फंगस लगने का खतरा रहता है।
मल्चिंग करें

पौधे की जड़ों को सर्दी से बचाने के लिए गमले की मिट्टी के ऊपर मल्चिंग करें। इसके लिए छोटे-छोटे स्टोन, नारियल रेशों, नीम के सूखे पत्तों, अंडे के छिलकों की लेयर बिछा सकते हैं। ये चीजें दिन में गर्मी को एब्जाॅर्ब कर लेते हैं और पौधे की जड़ को रात को ठंडक से बचाती हैं।
प्रूनिंग या कटिंग करें

सर्दियों के पतझड़ के मौसम में परमानेंट प्लांट्स हाइबर्नेशन या डोरमेंसी में चले जाते हैं यानी इनकी ग्रोथ रुक जाती है। जो फरवरी-मार्च में मौसम थोड़ा गर्म होने पर ये ठीक हो जाते हैं। टेढ़ी-मेढ़ी टहनियों को हटा दें या पौधे की अच्छी शेप के लिए साॅफ्ट प्रूनिंग कर दें, ज्यादा पत्तियां निकाल दें।
फूलों वाले पौधों के सूखे या मुरझाएं फूल, या पत्तियों, टहनियों की भी समय-समय पर प्रूनिंग या पिंचिंग करते रहें क्योंकि ये मिट्टी के पोषक तत्व ले लेते हैं। मिट्टी से 2-3 इंच ऊपर तक के पौधे की मुख्य तने के साथ नई टहनियां निकल रही हों, तो उन्हें काट दें। इन टहनियों पर फूल नहीं आते, पौधे की एनर्जी खींच लेते हैं।
बल्ब वाले पौधों की करें संभाल
सर्दियों में बल्ब वाले पौधे (लिलि, रजनीगंधा) डोरमेंसी में चले जाते हैं। पत्ते काट कर उनके बल्ब गमले में अलग रख देें। गर्मियों में ये दुबारा खिल जाएंगे। अगर आपकेा गमला खाली करना है, तो पत्तों के साथ बल्ब निकाल लें और इन्हें गत्ते के डिब्बे में खुली जगह धूप या छाया में रख दें।