Care of Plants: बिना बागवानी जानें सिर्फ पौधों की वक्त-बेवक्त रोपाई, सिंचाई, खाद्य और कीटनाशक का स्प्रे पौधों के विकास को शून्य कर सकता है। यानी देखभाल के बावजूद पौधों में बहार नहीं उजाड़ दिखता है। इन गलतियों से सीखें और बागवानी को हरा-भरा बनाएं।
अगर बागवानी का शौक हो तो आप पौधों की देखभाल अच्छे से करते हैं। फिर पौधे गमलों में लगे हो या जमीन में। आप बगीचे में हरियाली देखना चाहते हैं? सब पौधों की अच्छे से देखभाल करते हैं? फिर भी बहार दिखती नहीं। एक-एक कर पौधे मरते जाते हैं। ऐसा आपके साथ एक बार नहीं अनेक बार हुआ है, तो उन गलतियों से सीखें और अपने गार्डन को बनाएं हैप्पी-हैप्पी।
मौसम की जानकारी
हर पौधे की लगाने का सीजन होता है। पौधे को सिर्फ इसलिए नहीं लगाएं कि वह आपको पसंद है। फिर चाहे सजावटी पौधा हो या फूल-फल वाला पौधा। कौन-सा पौधा किस मौसम में फैलेगा इसकी जानकारी नर्सरी से लें। ऐसा नहीं करने पर पौधों का मरना तय है। फिर चाहे कितनी भी उसकी देखभाल कर लें। यदि वे उग भी गए तो विकास उनमें शून्य, ठूंठ प्रवृत्ति अधिक दिखेगी।
पानी कम या ज्यादा
आप सोचते हैं कि पौधों में सुबह-शाम खूब सारा पानी डालने या सप्ताह में एक-दो पौधो में पानी डालना ही पौधों के विकास के लिए उचित है। ऐसा सरासर गलत है। हर पौधे की पानी की जरूरत अलग-अलग होती है। कुछ को पानी की अधिकता की दरकार होती है, तो कुछ के लिए ओवर पानी उनके मुरझाने का कारण बनता है। इसकी सही जानकारी नर्सरी से लें। एक टिप पौधों में पानी जड़ में नहीं पौधों पर डालें।
सूरज की रोशनी

आप सोच रहे हैं कि हर पौधों को सूरज की रोशनी बहुत जरूरी होती है, तो आप आधे गलत है। माना कि विकास के लिए फोटोसिंथेसि जरूरी होता है। इसका मतलब यह नहीं कि पौधों को सीधी सूरज की रोशनी में रखें। एक घंटे की धूप आमूमन हर पौधे के लिए पर्याप्त है, पर इसकी ओवर डोज से पौधा मुरझा जाता है। फूल वाले पौधों को धूप में घंटों रखें, फिर यह बात समझ में आएगी। यदि पौधों या बगीचे की जगह बदलना संभव नहीं तो उनके ऊपर ग्रीन मेश वाली शीट चारों तरफ से कवर करवाएं। ताकि उन पर मौसम की मार नहीं पड़े। बहुत से सब्जियों व हर्ब के पौधों को दिन में 6-8 घंटे धूप चाहिए होती है जबकि बड़े पत्तों वाले पौधों को 4-6 घंटे की जरूरत होती है। ये पौधों को कनोपी के नीचे रखा जाता है।
स्थान को दें तवज्जो

पौधों में बहार का एक कारण होता है स्थान। कुछ पौधे ठंड में पनपते हैं, तो कुछ गर्मी में। इसकी जानकारी नहीं होने से भी बगीचा मेहनत के बावजूद पनप नहीं पाता। कुछ पौधे सर्दी में उगते हैं, तो कुछ के लिए बरसात या गर्मी मुफीद रहती है। इसकी सटीक जानकारी बॉटैनिकल गॉर्डन में मिल जाएगी। इस जानकारी का आभाव भी पौधों के सूखने का जिम्मेदार होता है। पौधों को सिर्फ रोपें नहीं मौसम भी देखें।
मिट्टी कसी तो नहीं
यदि आप पौधों की जड़ों की ऊपरी तरफ मिट्टी को कसकर दबा देते हैं, तो ऐसा नहीं करें। जड़ों की ऊपरी तरफ मिट्टी की रोपाई करें। यहां की मिट्टी को हल्का ढीला छोड़ें, ताकि हवा, पानी, सूरज की रोशनी का प्रवेश उनमें हो पाए। किसी पौधे को दूसरे गमले या जमीन में स्थान परिवर्तन करना है, तो उन्हें टहनी से खींचे नहीं। बॉक्स कटर से जड़ों के आस-पास की मिट्टी को ढीला करने के बाद कहीं और लगाएं।
ओवर प्लांटिंग से बचें

छोटे से गमले या जमीन के कोने में आप पूरा बीज का पैकेट डाल देते हैं या कम जगह में बहुत सारे पौधे रोप देते हैं। सोचते हैं ज्यादा बोने से हरियाली अधिक होगी, तो आप गलत हैं। जान लें पौधों को फलने-फूलने के लिए जगह भी चाहिए होती है। अब सोचिए एक आदमी का खाना 10 लोग खाएंगे, तो पोषण भी बट जाएगा। फिर सेहत तो सपना होगी और पेट भरेगा ही नहीं।
मिट्टी भी जांचिए

समय-समय पर मिट्टी की जांच करवाएं। इसे जांचने के लिए बाजार में पीएच टेस्ट स्ट्रिप भी मिलती है। हर पौधे के पीएच जरूरत को जानें। पौधों में ऑर्गेनिक खाद ही डालें। ऐसा आप नहीं करती, तो यह भी बहार के मुरझाने का कारण हो सकता है।
गहराई को समझें
बीज को आप मिट्टी के नीचे रोप देते हैं, तो ऐसा नहीं करें। इतनी गहराई में बीज अंकुरित कब होगा और कब पौधा उगेगा। सूर्य की रोशनी बीज को मिलेगी ही नहीं। फिर कैसे बीज अंकुरित होगा। फिर आप ऑर्गेनिक खाद या पानी डालें। मेहनत रंग नहीं लाएगी। बीज को ऊपरी सतह से थोड़ा ही नीचे रखें, ताकि उनमें जर्मिनिशेन जल्द हो।
पहले मैरिगोल्ड, फिर गुलाब
पहले कम मेंटिनेंस के फूल वाले पौधे लगाएं। बागवानी में आप नए-नए हैं और हर फूल वाला पौधा फूल देगा ऐसा जरूरी नहीं। इस बात को आप समझ लें। वरना फूल नहीं उगेंगे। कुछ फूल वाले पौधे, जैसे- मैरीगोल्ड, सनफ्लावर, बोगनविलिया आदि को मेंटिनेंस की कम जरूरत पड़ती है। वहीं ऑॢकड या रोज के पौधों को रख-रखाव व देखभाल की जरूरत अधिक होती है। पहले आसान फूल वाले पौधों से बगीचा महकाएं, फिर गुलाब या ऑॢकड का सोचें।
इंसेक्टिसाइड व हर्बिसाइड का गलत प्रयोग

आप अंधाधुंध पौधों में इंसेक्टिसाइड व हर्बिसाइड का छिड़काव कर रहे हैं, तो रुक जाएं। यह भी एक वजह है कि पौधे मुरझा रहे हैं। केमिकल वाले इंसेक्टिसाइड व हर्बिसाइड की जगह ऑर्गेनिक इंसेक्टिसाइड व हर्बिसाइड का प्रयोग करें, जैसे- नीम ऑयल, विनेगर आदि। बाजारू कोई खाद डालने से पहले पैकेट पर लिखे निर्देशों को अच्छे से पढ़ लें।
पानी की जरूरत अलग-अलग
पानी की जरूरत से ज्यादा मात्रा या कमी पौधे के लिए जानलेवा होती है। जान लें कि सब पौधे की पानी की जरूरत भिन्न-भिन्न होती है। मसलन टमाटर के पौधे को पानी की अधिकता चाहिए होती है, ताकि उनकी जड़ें सूखे नहीं। कुछ झाड़ियों को सप्ताह में एक बार पानी चाहिए होता है। कुछ पेड़ों को दो सप्ताह में एक बार पानी की जरूरत होती है। याद रखें कि पानी की कमी या अधिकता, दोनों ही पौधों के लिए नुकसानदायक है।
