आज तकनीक का जमाना है, रोज नई तकनीक आती हैं जिससे आज का खरीदा फोन चार महीने बाद ही पुराना हो जाता है। कुछ लोगों के हाथ से फोन गिरता भी बहुत है और गिर गया तो फिर उसके ठीक होने के चांस बहुत कम हो जाते हैं। फिर बार-बार महंगे मोबाइल खरीदना हमारे बजट में नहीं होता। ऐसे में लोग सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदने को
प्राथमिकता देते हैं।
मेरी एक परिचिता के बेटे ने अपने दोस्त से 10,000 में पुराना मोबाइल खरीदा लेकिन खरीदते समय मोबाइल को ठीक से चेक नहीं किया। घर आकर देखा तो उसकी चार्जिंग की अवधि बहुत कम थी, लेंस टूटा था और सिम ट्रे भी ठीक नहीं थी। उसने विक्रेता को मोबाइल वापस देने की पेशकश की, परंतु उसने इंकार कर दिया। नया हो या पुराना, मोबाइल खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
चोरी का तो नहीं है
आप कितना ही पुराना मोबाइल खरीदें, विक्रेता से बिल और बॉक्स अवश्य लें, क्योंकि चोरी के फोन के साथ बॉक्स होने की संभावना बहुत कम होती है। इसके अतिरिक्त यदि आप भविष्य में दोबारा उसे बेचना चाहेंगे तो भी आपको परेशानी नहीं होगी।
नंबर डायल करें
बॉक्स पर लिखे आईएमईआई नंबर को अपने स्मार्टफोन पर डायल करके दिखने वाले नंबर से मिलाएं। अगर न मिले तो समझ लें कि मामला गड़बड़ है, साथ ही www.imeidetective.com जैसी वेबसाइट पर यह नंबर डालकर चेक कीजिए कि कहीं किसी ने अपने चोरी किए हुए फोन को ट्रेक करने के लिए वेबसाइट पर तो नहीं डाला है क्योंकि चोरी गए मोबाइल को अक्सर पुलिस इसी वेबसाइट पर डालती है।

आईएमईआई नंबर
आईएमईआई (इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आईडेंटिटी) नंबर आपके मोबाइल का सिम स्लॉट नंबर होता है, प्रत्येक फोन के सिम स्लॉट का नंबर अलग होता है। यह नंबर मोबाइल के बॉक्स पर लिखा रहता है। यदि सेलर आपको फोन की एसेसरीज नहीं दे रहा है तो आप कीमत कम भी करवा सकते हैं।
रैम और प्रोसेसर
फोन में सबसे आवश्यक और मुख्य होती है उसकी रैम। 10,000 रुपये से कम कीमत के फोन में भी आजकल 2 जीबी रैम होना सामान्य बात है। यह देखना जरूरी है कि फोन में कम से कम 2 जीबी रैम अवश्य हो। साथ ही प्रोसेसर भी चेक करें। एक साल से पुराने मीडियाटैक प्रोसेसर वाले स्मार्टफोन की परफार्मेंस अच्छी नहीं रहती। क्वालकॉम स्नैपड्रेगन चिप वाले स्मार्टफोन अच्छे होते हैं।
हार्डवेयर पर ध्यान
फोन की बॉडी को ध्यान से चेक करना चाहिए कहीं टूटी या क्रेक तो नहीं है। लेपटाप और यूएसवी केबल, चार्जर और बेटरी और लेंस जरूर चेक करके लें कि वे सही काम कर रहे हैं या नहीं। फाइल्स को ट्रांसफर करके भी देखें कि वे भली भांति ट्रांसफर हो रही हैं या नहीं। सिमकार्ड डालकर चेक करें, साथ ही इंटरनेट चलाकर ऐप्स भी चेक करें। फोन की बैटरी निकालकर देखें कि कहीं भीगा तो नहीं है क्योंकि भीग जाने पर उसका रंग बदल जाता है।
वारंटी चेक करें
कई बार लोग नया फोन ले लेते हैं और पुराने को बेच देते हैं। वारंटी वाला फोन लेना आपके लिए फायदे का सौदा है। किसी भी प्रकार की परेशानी आने पर वारंटी वाले फोन को आप ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर ले जा सकते हैं।
