Money Tips: अधिकतर लोगों का यही मानना है कि जब बात मनी टिप्स की आती है तो पुरुषों से बेहतर महिलाएं नहीं हो सकती हैं। जबकि सच तो यह है कि महिलाओं को ही गृहलक्ष्मी कहा जाता है जो घर पर फाइनेंस को बेहतर तरीके से मैनेज करती हैं। ऐसे में यदि आपको मनी मैनेजमेंट के लिए और टिप्स मिले तो इससे बेहतर क्या हो सकता है! सबको अपनी लाइफ में अच्छी जिंदगी और सफलता चाहिए लेकिन इसे पूरा करने के लिए बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग भी जरूरी है। यदि आप एक वर्किंग वूमेन हैं और मनी मैनेजमेंट के लिए कुछ टिप्स जानना चाहती हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है।
टैक्स प्लानिंग

इफेक्टिव टैक्स प्लानिंग सिर्फ टैक्स मिनीमाइजेशन नहीं है, बल्कि जब टैक्स रिटर्न के बाद मैक्सिमाइज किया जाता है, तो सभी टैक्स, सभी हिस्सों और सभी कॉस्ट के बारे में सोचना है। इसके तीन बुनियादी स्ट्रेटेजी समय, इंकम शिफ्टिंग और कन्वर्जन यानी रूपांतरण हैं। उस टैक्स को जानना जरूरी है, जिसे आप पे कर रही हैं। टीडीएस आपकी इन-हैंड सैलरी को प्रभावित करता है। चैरिटेबल कॉन्ट्रिब्यूशन, पूंजीगत लाभ की कटाई, नेट इन्वेस्टमेंट इंकम टैक्स, एस्टेट टैक्स प्लानिंग जरूरी हैं।
हेल्थ अलाउएन्स

अधिकतर लोगों का पैसा जल्दी खत्म हो जाता है। यह सही नहीं है। इसलिए समय के साथ हेल्थ केयर के लिए ज्यादा खर्च सही रहता है, जिसमें गंभीर रोग और विकलांगता लाभ शामिल होना चाहिए। 65 की उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस मिलना मुश्किल है, इसका प्रीमियम बहुत ज्यादा रहता है। इसके साथ ही, पति और पत्नी दोनों को कवर करने के लिए जॉइन्ट लाइफ फर्स्ट हेल्थ के लिए लाइफ इंश्योरेंस भी होना चाहिए।
रिटायरमेंट प्लानिंग

अपने जीवन के शुरुआती दौर से ही रिटायरमेंट की योजना करनी चाहिए। रिटायरमेंट लाभों का इस्तेमाल खर्च के लिए नहीं बल्कि पूरी लाइफ के लिए इन्वेस्ट होना चाहिए।
परिवार के लिए बचत बनाम जरूरतें

हमेशा इमरजेंसी फंड अलग से सुरक्षित रखना चाहिए ताकि आपको आपात स्थिति के लिए लंबी अवधि के इनवेस्टमेंट की जरूरत न पड़े। सभी युवाओं को शुरुआत से ही बचत करना चाहिए क्योंकि यहीं से उन्हें ‘पैसे का मूल्य’ समझ आना शुरू हो जाता है। एक व्यक्ति को हमेशा बढ़ने वाले एसेट जैसे स्टॉक, सोना, जमीन में इन्वेस्ट करना चाहिए, न कि बड़ी कार, ब्रांडेड कपड़े जैसी चीजों में। इसका मतलब यह नहीं होता कि हम अच्छी तरह से नहीं जी रहे हैं, बल्कि इसका मतलब यह है कि हम अच्छी तरह से रहते हैं लेकिन समझदारी से।
ऐसा कहा जाता है कि एक महिला जो अच्छी पढ़ी-लिखी होती है, दो परिवारों पर सकारात्मक प्रभाव डालती है, अपने माता-पिता और अपने पति और ससुराल वालों पर। एक मां सभी वैल्यू सिस्टम का केंद्र बिंदु होती है, जो उसके बच्चे में भी विकसित होती है। इसलिए महिलाओं को सक्षम और पैसों को लेकर जागरूक होना भी जरूरी है। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, वे जैसा देखते हैं, वैसा ही सीखते हैं, इसलिए मां को फाइनेंशियल प्लानिंग की क्षमता को विकसित करना चाहिए।
