Summary: स्मार्ट निवेश की शुरुआत करें — शॉर्ट-टर्म प्लान से बढ़ाएं पैसा तेजी से
सिर्फ 3 से 6 महीने की अवधि में 6% से ज्यादा ब्याज देने वाले ये फंड्स अब एफडी का स्मार्ट और लिक्विड विकल्प बनते जा रहे हैं।
Short Term Investment: अगर आप ऐसे निवेशक हैं जो कम जोखिम, कम लागत और आसानी से कैश में बदले जा सकने वाले निवेश विकल्प तलाश रहे हैं, तो आपके लिये अब सिर्फ बैंक के शॉर्ट-टर्म डिपॉजिट ही एकमात्र रास्ता नहीं हैं। वित्तीय बाजार में अब एक नया विकल्प कॉन्स्टेंट मैच्योरिटी इंडेक्स फंड्स यानी CMIF तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। कई बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनियाँ अब ऐसे CMIFs ऑफर कर रही हैं जो CRISIL IBX Financial Services 3-6 मंथ डेट इंडेक्स को ट्रैक करते हैं। यह एक ऐसा ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड प्रोडक्ट है जो बैंकों, एनबीएफसी (NBFCs) और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा जारी शॉर्ट-टर्म बॉन्ड्स और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है।
CMIF क्या है और कैसे काम करता है

कॉन्स्टेंट मैच्योरिटी इंडेक्स फंड्स ऐसे म्यूचुअल फंड हैं जो हमेशा एक निश्चित अवधि की सिक्योरिटीज जैसे 3-6 महीने के बॉन्ड्स में निवेश करते हैं। यह फंड उन निवेशकों के लिए बनाया गया है जो कम जोखिम वाला, शॉर्ट-टर्म और स्थिर रिटर्न देने वाला निवेश चाहते हैं। खासकर कॉरपोरेट ट्रेजरीज़, कंजरवेटिव निवेशक और हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स जो अपने फंड्स को 3-6 महीने के लिए पार्क करना चाहते हैं।
रिटर्न और लिक्विडिटी
इन फंड्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनमें कोई लॉक-इन पीरियड नहीं होता, यानी आप कभी भी अपना पैसा निकाल सकते हैं। इनमें इंडिकेटिव यील्ड: लगभग 6% से 6.4% तक हैं। अगर बैंक डिपॉजिट से तुलना करें तो जहाँ 3-6 महीने की एफडी पर औसतन 4.25% रिटर्न मिलता है, वहीं CMIFs लगभग 200 बेसिस पॉइंट्स ज्यादा रिटर्न देते हैं। इसके साथ ही लिक्विडिटी का लाभ मिलता है यानी निवेशक किसी भी समय यूनिट्स रिडीम कर सकते हैं, जिससे पैसा लगभग तुरंत उपलब्ध हो जाता है।
अधिक सुरक्षा
इन फंड्स को कम जोखिम वाली श्रेणी में रखा गया है क्योंकि ये रोल-डाउन स्ट्रैटेजी पर आधारित होते हैं। इस रणनीति में फंड मैनेजर 6 महीने की सिक्योरिटीज खरीदते हैं और जब उनकी मैच्योरिटी 3 महीने रह जाती है, तो वे उन्हें बेचकर फिर से नई 6 महीने की सिक्योरिटीज में निवेश कर देते हैं। इससे पोर्टफोलियो की अवधि हमेशा 3-6 महीने की सीमा में रहती है, जिससे ड्यूरेशन रिस्क कम होता है और वोलैटिलिटी लगभग नगण्य रहती है। यह निरंतर रोटेशन निवेशकों को स्थिरता और नियमित रिटर्न दोनों देता है।
किसके लिए उपयुक्त हैं ये फंड
CMIFs खासतौर पर उन निवेशकों के लिए हैं जो सेफ इनवेस्टमेंट चाहते हैं लेकिन एफडी से थोड़ा बेहतर रिटर्न की उम्मीद रखते हैं। जो niveshaअपने फंड्स को कभी भी निकालने की सुविधा चाहते हैं। टैक्स के लिहाज से एफडी से बेहतर विकल्प ढूंढ रहे हैं।
निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
- निवेश करने से पहले फंड की क्रेडिट क्वालिटी और पोर्टफोलियो कंपोजिशन जांचें।
- एक्सपेंस रेशियो कम वाले फंड को प्राथमिकता दें ताकि नेट रिटर्न ज्यादा मिले।
- 3 से 6 महीने से कम अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं तो लिक्विड फंड्स भी एक अच्छा विकल्प हैं।
- हमेशा SEBI से रजिस्टर्ड फंड हाउस के उत्पादों में निवेश करें।
तो, अगर आप भी बैंक एफडी के मुकाबले थोड़ा बेहतर रिटर्न चाहते हैं लेकिन जोखिम से बचना भी चाहते हैं, तो CMIFs एक उत्कृष्ट विकल्प हैं।
