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पुष्य नक्षत्र को 'राजा नक्षत्र' भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस नक्षत्र में किया गया कोई भी शुभ कार्य लंबे समय तक फलदायी होता है। खासतौर पर खरीदारी, नया काम शुरू करना, निवेश या दान-पुण्य करने का इसमें बहुत महत्व होता है।
Pushya Nakshatra 2025: दिवाली से पहले धनतेरस पर खरीदारी करना हमेशा से ही विशेष फलदायी माना जाता है। लेकिन इस दिन बाजारों में उमड़ी भीड़ भी लोगों के लिए एक परेशानी बन जाती है। हालांकि इस बार धनतेरस से पहले भी दो ऐसे शुभ योग बन रहे हैं, जो खरीदारी के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
नोट कर लें ये दो तारीख

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार धनतेरस से पहले 14 और 15 अक्टूबर को ऐसे दो शुभ योग बन रहे हैं, जो आपकी हर खरीदारी को सौभाग्यशाली बना सकते हैं। इन दो दिनों में पुष्य नक्षत्र रहेगा, जिसे सभी 27 नक्षत्रों में सबसे श्रेष्ठ और शुभ माना जाता है।
इसलिए खास है पुष्य नक्षत्र
पुष्य नक्षत्र को ‘राजा नक्षत्र’ भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस नक्षत्र में किया गया कोई भी शुभ कार्य लंबे समय तक फलदायी होता है। खासतौर पर खरीदारी, नया काम शुरू करना, निवेश या दान-पुण्य करने का इसमें बहुत महत्व होता है। इस बार पुष्य नक्षत्र में दो और विशेष योग बन रहे हैं। 14 अक्टूबर मंगलवार को मंगल पुष्य योग बन रहे हैं। वहीं 15 अक्टूबर बुधवार को बुध पुष्य योग बन रहा है।
शुभ मुहूर्त पर करें खरीदारी
पुष्य नक्षत्र की शुरुआत 14 अक्टूबर को सुबह 11:54 बजे से होगी। वहीं पुष्य नक्षत्र की समाप्ति 15 अक्टूबर को दोपहर 12:00 बजे हो रही है। ऐसे में आप 24 घंटे से ज्यादा समय इस शुभ योग का लाभ उठा सकते हैं। इस योग में की गई खरीदारी को लक्ष्मी माता की कृपा का प्रतीक माना जाता है।
इन चीजों को खरीदना है अच्छा
माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र में आप जो भी खरीदेंगे, उसमें लाभ होगा। सबसे अच्छा है सोना, चांदी, आभूषण और बर्तन खरीदना। आप चाहें तो नई गाड़ी या बाइक भी खरीद सकते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस नक्षत्र में घर, जमीन या फ्लैट खरीदना बहुत शुभ होता है। इलेक्ट्रॉनिक चीजें जैसे मोबाइल, लैपटॉप, टीवी आदि भी खरीद सकते हैं। ध्यान रखें पुष्य नक्षत्र में नए बही-खाते या व्यापारिक सामान जरूर खरीदें। आप दिवाली की पूजा का सामान भी इसी मुहूर्त में खरीदें।
14 अक्टूबर को करें हनुमान पूजन
पुष्य नक्षत्र पर आपको विशेष पूजन भी करनी चाहिए। इससे आपको नक्षत्रों और ईश्वर कृपा मिलती है। 14 अक्टूबर मंगलवार के दिन आप हनुमान जी और मंगल देव की पूजा करें। हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। साथ ही हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें। ‘राम राम’ का जप करें। मंगल ग्रह की कृपा के लिए शिवलिंग पर लाल गुलाल, लाल मसूर और लाल चंदन चढ़ाएं। इसी के साथ ‘ॐ भौं भोमाय नमः’ मंत्र का जाप करें।
15 अक्टूबर को करें गणेश पूजन
15 अक्टूबर को बुधवार है। इस दिन आपको भगवान गणेश और बुध ग्रह की पूजा करनी चाहिए। गणेश जी को दूर्वा की 21 गांठ चढ़ाएं। साथ ही ‘ ॐ श्री गणेशाय नमः’ का जप करें। बुध ग्रह की कृपा के लिए हरे मूंग का दान करें।

