Life Lessons of Kautilya: कौटिल्य का जन्म 375 बीसी में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। कौटिल्य के पिता ऋषि कनक एक शिक्षक थे। कौटिल्य ने तक्षशिला में अध्ययन किया, जो उस समय शिक्षा के प्रसिद्ध केंद्रों में से एक माना जाता था। छोटी सी उम्र से ही कौटिल्य को राजनीति क्षे़त्र में काफी दिलचस्पी थी। उनके पिता शिक्षक थे तो उनके घर का माहौल शिक्षा का रहा है। ऐसे में कौटिल्य ने अपने जीवन में कई विचारों को अपनाया। आजकल के माता-पिता भी अपने बच्चों को कौटिल्य के जीवन के इन पाठ के बारे में बताना चाहिए ताकि वे भी जीवन में आने वाली मुश्किलों से निपटकर एक सच्चा और सकारात्मक जीवन जी सकें।
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पाठ 1: शिक्षा हमें तरक्की रास्ते बताती है

जरूरी है कि आप अपनी शिक्षा पर पूरी तरह ध्यान दें। शिक्षा सबसे बड़ा धन है जो हर कोई प्राप्त कर सकता है। इसके द्वारा हमें लोगों का आदर करना आता है हमें बहुत से तरह के अवसर प्राप्त होते है। शिक्षा हमें जीवन भर काम आती है।
पाठ 2: विषयों को जानना बेहद जरूरी है
कौटिल्य के अनुसार बच्चों में जानने की इच्छा हमेशा रहनी चाहिए। माता-पिता को चाहिए कि वह विषयों को पढ़ने में या उसे जानने में रुचि दिखाएं। यह आपकी जिंदगी में हमेशा काम आते है। जानने की इच्छा कभी खत्म नहीं होनी चाहिए।
पाठ 3: कुछ जरूरी बातों को गुप्त ही रखें

आप क्या नया आरम्भ करने जा रहे है या फिर आपने किसी भी चीज में आगे बढ़ने के लिए क्या तरीके अपना रखें है उन्हे कभी भी किसी को बताना नहीं चाहिए। इससे आपके आगे बढ़ने के रास्ते बंद हो जाएंगे। कुछ बातों को गुप्त ही रखना अच्छा होता है। हर किसी से अपनी बात को शेयर नहीं करना चाहिए।
पाठ 4: हर किसी के हस्तक्षेप से बचना चाहिए
कुछ चीजों को अपनी प्राइवेसी के दायरे में ही रहने दें। कुछ बच्चे बेहद खुले होते है। वह सब कुछ अपने दोस्तों और बाहर वाले लोगों को बता देतें है। जिससे आपकी कोई प्राइवेसी या निजता नहीं रहती है। लेकिन बच्चों को समझाना चाहिए कि हर किसी को हस्तक्षेप का मौका न मिलें उतना ही लोगों से रखना चाहिए।
पाठ 5: करनी कथनी से ताकतवर होती है

कौटिल्य के अनुसार मनुष्य जन्म से ही नहीं , बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है। आपको खूब मेहनत करनी चाहिए अच्छी शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए। जिससे जगत में आपका नाम हो सके। अपने माता-पिता की प्रतिष्ठा पर ही घमंड नहीं करना चाहिए। क्योंकि आपके कर्म और मेहनत ही आपको लोगों के बीच पहचान दिलाएंगे।
पाठ 6: अच्छे दोस्त ही बनाएं
यदि आपके सामने एक बुरा व्यक्ति हो और दूसरी तरफ एक सांप हो तो आप बेझिझक उस सांप को चुन ले।। क्योंकि सांप आप पर हमला अपने को बचाने के लिए करेंगा। लेकिन एक बुरा इंसान आपको बार-बार किसी तरह चोट पहुंचाता ही रहेगा। क्योंकि इस तरह के बुरे इंसान की ख्वाहिश होती है कि कैसे भी करके आपको नुकसान पहुंचाता रहे।
पाठ 7: स्वयं को कभी कमजोर नहीं दिखाना चाहिए
कौटिल्य के अनुसार कोई सांप जहरीला न भी हो तो भी उसे ऐसा दिखाना चाहिए कि उसके अंदर जहर है। अक्सर जो लोग ताकतवर होते है वह हमेशा कमजोर पर अपनी ताकत दिखाते रहते है। ऐसे में जरूरी है कि आप स्वयं को कमजोर महसूस न करें। किसी को अपनी कमजोरी न दिखाएं। जिससे वह आपको नीचा दिखा सके। अपनी ताकत को दिखाकर साहस के साथ उसका विरोध करें।
