Nag Panchami 2024 Upay: नाग पंचमी सावन महीने की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस दिन नाग देवता की पूजा की जाती है, जो भगवान शिव के प्रमुख भक्त माने जाते हैं। नागों की पूजा करने से कालसर्प दोष जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलने की मान्यता है। यह पर्व भारत के अलावा नेपाल और अन्य हिंदू बहुल देशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है।
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साल 2024 में कब है नाग पंचमी
हिंदू धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्व है। यह पर्व नाग देवता की पूजा के लिए समर्पित है, जो भगवान शिव के प्रिय हैं। इस साल नाग पंचमी 9 अगस्त, 2024 को मनाई जाएगी। नाग पंचमी केवल भारत ही नहीं बल्कि नेपाल और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में भी मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से न केवल उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है बल्कि कालसर्प दोष जैसी समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उन्हें जीवन में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन नाग पंचमी के दिन पूजा करने से राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
नाग पंचमी पर पूजा विधि
नाग पंचमी के दिन अष्ट नागों की पूजा का विधान है। इस दिन नाग देवता की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि नाग देवता भगवान शिव के परम भक्त हैं और भगवान शिव के गले में शेषनाग शोभायमान रहते हैं। इसलिए नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से पहले भगवान शिव की पूजा करना अति आवश्यक है। भगवान शिव को जल चढ़ाकर, धूप-दीप दिखाकर और बेलपत्र अर्पित करके उनकी आराधना की जाती है। इसके बाद ही नाग देवता की पूजा शुरू की जाती है।
कालसर्प दोष क्या होता है
ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष एक महत्वपूर्ण विषय है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में फंसे होते हैं, तो ऐसी स्थिति में कालसर्प दोष बनता है। माना जाता है कि यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएँ ला सकता है जैसे कि धन हानि, विवाह में विलंब, स्वास्थ्य समस्याएं और करियर में अड़चनें। इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जिनमें से एक प्रमुख उपाय नाग पंचमी के दिन विशेष पूजा करना है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं और व्यक्ति को कई तरह के लाभ मिल सकते हैं।
घर के द्वार पर सर्प आकृति बनाएं
नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। इनमें से एक प्रमुख उपाय है घर के द्वार पर सर्प आकृति बनाकर उसका अभिषेक करना और घी चढ़ाना। इसके बाद नागराज के बारह नामों का जाप करना चाहिए। ये बारह नाम हैं: अनंत, वासुकी, शेष, पद्म, कम्बल, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शंखपाल, कालिया, तक्षक और पिङ्गल। इन नामों का जाप करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं और कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं। यह उपाय नाग पंचमी के दिन विशेष रूप से प्रभावशाली माना जाता है।
गाय के गोबर का इस्तेमाल
हिंदू धर्म में गाय के गोबर को पवित्र माना जाता है। नाग पंचमी के दिन गाय के गोबर से घर के मुख्य द्वार पर नाग की आकृति बनाकर उसकी पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलने की मान्यता है। इसके अतिरिक्त, चांदी का नाग बनवाकर उसे पुजारी से प्राण प्रतिष्ठित करवाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करना भी एक प्रभावशाली उपाय माना जाता है। ये दोनों ही उपाय नाग देवता को प्रसन्न करने और कालसर्प दोष के दुष्प्रभावों को कम करने में सहायक होते हैं।
चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा
यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो नाग पंचमी के दिन चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा बनवाकर उसकी विधि-विधान से पूजा करना बहुत लाभकारी माना जाता है। इस जोड़े को कच्चा दूध, बताशा और फूल अर्पित करने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं और कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है। चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह उपाय नाग पंचमी के दिन विशेष रूप से प्रभावशाली माना जाता है।
