Fasting Rules: वैसे तो हर धर्म में व्रत रखते वक़्त बहुत सारे नियम होते हैं | जो कि पालित करने जरुरी होते है अगर इन नियमों का पालन ना किया जाये तो उसका फल भी नहीं मिलता बल्कि उलटा पाप और लगता है | व्रत यानि फ़ास्ट टूटना भी नहीं चाहिए |
Fasting Rules-व्रत, एक नहीं कई तरह के होते हैं जैसे:
साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक तथा वार्षिक, इनको करते समय सावधानियाँ भी अलग अलग होती हैं | कुछ में एक बार भोजन होता है तो कुछ में दो बार कर सकते हैं | कुछ में खाली जल लेना होता है पूरे दिन, तो कुछ में फलाहार कर सकते हैं | कुछ में फलारी भोजन ही खाते हैं, सेंधा नमक के साथ | तो कुछ में सादा , परन्तु रोजाना का भोजन भी खा लेते हैं | व्रत कोई भी हो हिन्दू धर्म में व्रत में प्याज, लहसुन, मॉस, मदिरा के सेवन की मनाही ही नहीं, पाप भी कहा गया है | इसलिये व्रत करें पूरे नियमो को ध्यान में रखकर परन्तु अगर पूरी सावधानीपूर्वक करने पर भी व्रत टूट जाये तो मन में अनेक वहम आते हैं | उस वक़्त एक ही ख्याल बार बार आता है की कहीं कुछ बुरा तो नहीं होनी वाला मेरे साथ जो मेरा व्रत टूटा है, कही भगवान नाराज तो नहीं होंगे और कोई सजा तो नहीं देंगे | ये वो बातें है जो दिल के हर कोने को चिंता से भर देती हैं | अगर ऐसा आपके या आपके किसी अपने के साथ हुआ है तो फिक्रमंद न हों, बल्कि निम्न उपाय कर लें और व्रत के टूट जाने के दोष से पूरी तरह से बचे रहे कुछ इस तरह..
अगर आपका व्रत टूट गया है तो आप मंदिर में जायें और जिन भी भगवान् का आप व्रत कर रहे हैं उन भगवान के आगे जाकर पहले तो माफ़ी मागें की आपसे भूल वश ये व्रत टूटा है, इस लिए आपको भगवान माफ़ करें, फिर भगवान के सामने ही एक हाथ में जल लेकर उसमें कुछ साबुत चावल रखें, एक सुपारी कुछ पैसे भी रखें और अपना नाम तथा गोत्र दिन, वार, बोलकर संकल्प करें की गलती से आपका व्रत टूटा इस लिये आपको माफ़ करें और साथ ही बोलें की अब आप दोबारा संकल्प कर रहे हैं की [अब आप जितने व्रत करना चाहते हैं उनकी गिनती बोले यानि ११,२१ आदि जितने आप को करने है ] इतने व्रत आप पूरे नियमो का ख्याल रखते हुए पूरा करेंगे और इस तरह से दोबारा आप व्रत शुरू कर लेंगे तो कोई दोष नहीं लगेगा और आपको उतना ही लाभ भी मिल जायेगा | साथ ही एक देसी घी का चार मुखी दिया जला दें और अपना व्रत शुरू करें | दोबारा व्रत शुरू करते समय आप शुभ दिनों में ही ये शुरू करें, शुक्ल पक्ष में ये करे, पित्र पक्ष में या सूतक काल में ये संकल्प भूल कर भी ना करें | तो देखा आपने आप इस तरह से व्रत शुरू कर सकते हैं, टूटने की बाद भी | परन्तु एक बात का ख्याल रहे की जानकर तोड़ा गया व्रत हो तो उसमे ये नियम लागू नहीं होता हैं क्योकि उस बात की कोई माफी नहीं होती हैं | इस लिये व्रत करें तो पहले ये सोंच लें की उसको पूरे तरीके से करेंगे कभी बीच में अधूरा नहीं छोड़ेंगे, तभी आपको लाभ मिलेगा नहीं तो लाभ नहीं हानि ही होगी वो भी शायद बड़ी क्योकि भगवान की पूजा पाठ और व्रत यानि फास्ट मज़ाक का विषय नहीं है | इस लिये व्रत कर पाए तो ही शुरू करना अन्यथा नहीं |
उल्टी होने से व्रत टूट जाता है क्या?
व्रत रहने पर भी शरीर अपनी नैसर्गिक क्रियाओं को रोकता नहीं है। समय-समय पर भूख प्यास और मल मूत्र विसर्जन की आवश्यकता पड़ती है। उल्टी भी यदि किसी की तबीयत खराब है, तो उसको आ सकती है। उसका व्रत की पवित्रता भंग होने से कोई संबंध नहीं है
क्या व्रत करना जरूरी है?
हिंदू धर्म में व्रत रखने के कई नियम है और इसका बहुत ही महत्व है। व्रत रखना एक पवित्र कर्म है और यदि इसे नियम पूर्वक नहीं किया जाता है तो न तो इसका कोई महत्व है और न ही लाभ अलबत्ता इससे नुकसान भी हो सकते हैं। हालांकि आप व्रत बिल्कुल भी नहीं रखते हैं तो भी आपको इस कर्म का भुगतान करना ही होगा।
व्रत में क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए?
व्रत के दौरान बार-बार खान-पान नहीं करना चाहिए और व्रत समाप्त होने के बाद भी सात्विक भोजन करना चाहिए। आप व्रत के दौरान एकबार फलाहार कर सकते हैं लेकिन बार-बार खान-पान की चीजों के सेवन करने और ध्यान रखें कि उपवास के बाद ज्यादा खाना खाने से बचें।
व्रत में दवा खा सकते हैं क्या?
जी हां, दवा खाने से रोज़ा टूट जाता है बिल्कुल वैसे ही जैसे खाना खाने से टूटता है। क्या व्रत (उपवास) में दवाइयों का सेवन कर सकते हैं? जहां तक संभव हो नहीं करना चाहिए।