दोस्तों हर बार की तरह इस बार भी मैं आपसे अपने दिल की बात कहूंगी कहूंगी, पर बात शुरू करने से पहले मैं आपको ये बताना चाहती हूं कि मैं अपने पाठकगण से थोड़ा नाराज हूं, आपको लग रहा होगा कि आखिर किस बात से मैं आप लोगों से नाराज हूं? तो मैं आपको बात दूं कि मैं कॉलम के जरिए आपसे अपने दिल की बात तो कहती हूं पर एक आप हैं, जो मेरी दिल की बात पर कोई कमेंट ही नहीं करते। मैं आप लोगों से जानना चाहती हूं कि आखिर ऐसा क्य़ूं। अगर आप हमारी पत्रिका के नियमित पाठक-पाठिका हैं, तो आपका हक बनता है कि आप मेरे इस कॉलम पर अपनी राय जरूरी रखें ताकि मुझे भी पता चल सके कि आप मेरी दिल की बात से कितनी सहमत हैं। चलिए ये तो बात हो गई रूठने मनाने की। इसको यही विराम देते हुए मैं आगे बढ़ती हूं अपने विषय पर। दोस्तों आपके हाथ में गृहलक्ष्मी पत्रिका का वेट लॉस स्पेशल अंक है, जिसमें आपको वेट लॉस से जुड़े हर विषय पर पूरी जानकारी प्राप्त हुई होगी। इस बार मैं इसी विशेषांक के तहत आपसे अपने दिल बात कहूंगी क्योंकि मुझे लगता है कि यह विषय ऐसा है, जिसको लेकर हर औरत सजग रहती है। मुझे भी सभी महिलाओं की तरह अपने को फिट रखने का बहुत शौक है।
वैसे मैं आप लोगों को बता दूं कि मैं इतनी मोटी नहीं हूं। आपको लग रहा होगा कि मैं अपने मुंह मियां मिट्ठू बन रही हूं पर ऐसा बिलकुल भी नहीं है। मेरे दोस्त यार मुझे देखकर यही कहते हैं कि यार अर्पणा तुमने तो अपने को बहुत मेंटेन किया हुआ है। दोस्तों, मुझे भी और महिलाओं की तरह मोटापे से बहुत डर लगता है, क्योंकि मोटापा एक ऐसी चीज है जिसका असर सिर्फ शरीर पर ही नहीं बल्कि चेहरे पर भी दिखाई देता है, जिसको किसी मेकअप से नहीं छुपाया जा सकता है। मेरी बातों से आपको लग रहा होगा कि अगर मैं सेहत को लेकर इतनी सजग हूं तो पक्का मैं जिम वगैरह जरूर जाती होंगी और उसके सप्लीमेंट लेती होंगी और क्रैश डाइटिंग करती होंगी। पर मोहतरमा, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
इन सारी चीजें से मेरा दूर-दूर तक वास्ता नहीं है। मेरे मित्रगण आज मुझसे मेरी फिटनेस का राज पूछते हैं। सच बताऊं तो जब कोई मुझसे यह पूछता है तो मेरा दिल गार्डन-गार्डन हो जाता है। वो इसलिए क्योंकि मैंने अपने दोस्तों की तरह कोई मशीनी एक्सरसाइज नहीं बल्कि अपने हिसाब से अपनी फिटनेस को मेंटेन किया हैं। मेरा जो फ्रेंड सर्कल है वो अपने मोटापे को कम करने के लिए और सुंदरता को कायम रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा मशीनी एक्सरसाइज करती हैं, सप्लीमेंट लेती हैं और क्रैश डाइटिंग करती हैं। पर उनको देखकर कहीं से नहीं लगता है कि वो फिट हैं। बल्कि ये जरूरी लगता है कि वो अपनी उम्र से ज्यादा बड़ी दिखने लगी हैं। उनके चेहरे पर चमक नहीं बल्कि सूखापन होता है। ऐसे लगता है जैसे ना जाने कितने दिनों से खाना ना खाया हो। शरीर को फिट रखने के चक्कर में वो अपनी सुंदरता को भी गंवा दे रही हैं।
मैं जब भी उन लोगों से मिलती हूं तो उनको यही सलाह देती हूं कि यार फिट रहने के चक्कर में अपनी सुंदरता को तो मत गंवाओ। आखिर हम औरतों की सुंदरता ही तो हमारा गहना है। पर वो तो मेरी बात को हंसते हुए टाल देती हैं और कहती हैं कि सुंदरता के लिए ही तो हम ये सब करते हैं। उनके इस तरह के व्यवहार को देखकर मैं चुप हो जाती हूं।
मुझे समझ नहीं आता है कि आखिर मैं उनसे क्या बोलूं। मैं उनकी इस बात से तो सहमत हूं कि शरीर फिट रहेगा तो सुंदरता अपने आप निखर कर आएगी। अगर शरीर फिट नही तों सुंदरता भी नहीं। पर मैं इस बात के विरोध में हूं कि शरीर को फिट और सुंदरता को बरकरार रखने के लिए घंटों फिटनेस सेंटर में पड़े रहो, क्रैश डाइटिंग करने और सप्लीमेंट लो। यह कहां की समझदारी है। अपने को फिट रखो पर एक लिमिट में क्योंकि लिमिट से आगे बढ़कर हर चीज नुकसानदेह होती है, फिर चाहे वो एक्सरसाइज ही क्य़ूं ना हो। दोस्तों आप मेरी इस बात से कितने सहमत हैं, ये तो आप ही जानें। पर मैं तो बस इतना कहना चाहूंगी कि अपनी फिटनेस को बनाए रखें पर उसके चक्कर में अपनी सुंदरता को कम ना करें, क्योंकि चेहरा वो चीज है, जो बिना कुछ कहे सारे राज खोल देता है।
