माता पिता की बातों से बच्चों का कम होता आत्मविश्वास बढ़ाएं खुद माता पिता इन 4 आसान तरीकों से

बच्चों का आत्मविश्वास जब बढ़ता है तो वे जीवन के किसी भी क्षेत्र में अपनी सफलता की राह पर आगे बढ़ सकते हैं

Boost you Kids Confidence: हमारे समाज में माता-पिता का बच्चों के जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। बचपन में बच्चों की मानसिक स्थिति, उनकी सोच और उनका आत्मविश्वास उनके घर के माहौल और माता-पिता के व्यवहार पर निर्भर करता है। बच्चों का आत्मविश्वास जब बढ़ता है तो वे जीवन के किसी भी क्षेत्र में अपनी सफलता की राह पर आगे बढ़ सकते हैं,

लेकिन अगर माता-पिता का व्यवहार नकारात्मक या आलोचनात्मक होता है तो यह उनके आत्मविश्वास को कम कर सकता है।

जब माता-पिता अपने बच्चों की गलतियों या कमियों पर बार-बार आलोचना करते हैं, तो बच्चे खुद को अव्यर्थ और कमज़ोर महसूस करने लगते हैं। यह उन्हें मानसिक दबाव दे सकता है, जिससे उनका आत्मविश्वास प्रभावित होता है। यदि बच्चे की कोशिशों की सराहना न की जाए, तो उन्हें लगता है कि उनकी कोई भी कोशिश व्यर्थ है।

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कभी-कभी माता-पिता अपने बच्चों से बहुत ज्यादा उम्मीदें लगा लेते हैं, जैसे कि वे हमेशा हर क्षेत्र में सबसे अच्छे हों। यदि बच्चे इन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाते, तो उन्हें लगता है कि वे अपारदर्शी हैं और उनके अंदर कोई खास बात नहीं है। ऐसी स्थिति में बच्चे का आत्मविश्वास धीरे-धीरे गिरने लगता है।

कुछ माता-पिता बच्चों के दुख या संघर्ष को समझने में असफल रहते हैं। वे सोचते हैं कि यह बस एक ‘छोटी सी समस्या’ है, लेकिन बच्चों के लिए यह बहुत बड़ा हो सकता है। अगर बच्चों के इमोशन्स की कद्र नहीं की जाती, तो यह उनका आत्मविश्वास कमजोर कर सकता है।

बच्चों को उनकी मेहनत और प्रयासों के लिए सराहना देना बहुत जरूरी है। उदाहरण के लिए, यदि बच्चा कुछ नया सीखता है, तो उसकी कड़ी मेहनत की तारीफ करें, भले ही परिणाम सही न हो। इस प्रकार का प्रोत्साहन बच्चों को आत्मविश्वास में वृद्धि करने में मदद करता है और वे खुद को अधिक सक्षम महसूस करते हैं।

माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों की भावनाओं को समझें और उनके दृष्टिकोण से चीजों को देखें। अगर बच्चा दुखी है या किसी समस्या से जूझ रहा है, तो उन्हें सुनें और उनका समर्थन करें। यह बच्चों को यह महसूस कराएगा कि वे अकेले नहीं हैं, और उनके पास परिवार का समर्थन है, जो उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है।

बच्चों को जिम्मेदारी और स्वतंत्रता देना उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है। जैसे-जैसे वे खुद फैसले लेने की आदत डालते हैं, उनका आत्मविश्वास मजबूत होता है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को छोटी-छोटी जिम्मेदारियां सौंपें।

बच्चों को दूसरों से तुलना करने से बचाएं। किसी और बच्चे से उनकी तुलना करने से उनकी खुद की पहचान और आत्मविश्वास प्रभावित हो सकता है। बच्चों को यह बताना कि वे अपने आप में विशेष हैं, उनकी आत्म-मूल्यता को बढ़ाता है।

माता-पिता के व्यवहार का बच्चों के आत्मविश्वास पर गहरा असर पड़ता है। अगर माता-पिता अपने बच्चों की तारीफ करें, उन्हें समझें और उनकी कमजोरियों को नजरअंदाज न करके सुधारने में मदद करें, तो यह बच्चों के आत्मविश्वास को मजबूत करने में मदद करता है।

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली तरूणा ने 2020 में यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इंडिया टीवी के लिए आर्टिकल्स लिखे और नीलेश मिश्रा की वेबसाइट पर कहानियाँ प्रकाशित हुईं। वर्तमान में देश की अग्रणी महिला पत्रिका...