किसी दूसरे के पालतू जानवर के साथ व्यवहार करने के हैं कुछ बेसिक एटीकेट्स: Dealing with Pets
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Dealing with Pets: ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिन्हें शिष्टाचार में शामिल करना जरुरी होता है। आज के समय में देखें हम सभी इमेज के प्रति सचेत हैं। इसके अलावा हम शिष्टाचार को लेकर भी जागरूक हुए हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि कई बार अनजाने में ही सह लेकिन हम दूसरे के पालतू जानवर के साथ कुछ ऐसा कर देते हैं जो कि शिष्टाचार के दायरे को खत्म कर देता है। वो ऐसी क्या बातें हैं इनका जिक्र हम नीचे इस आर्टीकल में करेंगे। सबसे प्रमुख चीज आपको इस बात का ध्यान रखना है कि अगर आप किसी ऐसे इंसान के घर जा रहे हैं जिसका कोई पालतू है और अगर उन्होंने उसका कोई नाम रख रखा है तो उसे इस नाम से ही संबोधित किया जाए। आप यह कहकर अपना पल्ला न झाड़ें कि अरे भई डॉग को तो डॉग ही कहेंगे। आपके लिए वो डॉग हो सकता है लेकिन उनके लिए वो उनके परिवार का सदस्य है।

बिना अनुमति के किसी के पालतू जानवर को छूना

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Tips to Dealing with Pets

यह एक सामान्य शिष्टाचार है। जिस तरह से हम किसी के भी बच्चे को छूने से पहले उससे पूछते हैं वहीं बात दूसरे के पालतू जानवर पर भी लागू होती है। हो सकता है कि वह आपको मना करें। कई बार जानवर दूसरे के प्रति सेंसेटिव होते हैं। वह कई बार आपके ऐसा करने से वे अक्रामक भी हो सकते हैं। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से भी ऐसा करना सही नहीं है। बहुत पालतू सोशल नहीं होते। यहां तक कि छोटे पपीज के साथ भी यह परेशानी होती है। वह आपको काट भी सकते हैं।

अपने आप कुछ भी खिलाना

आजकल बहुत से विदेशी ब्रीड भी रखी जा रही हैं। ऐसे में उनकी डाइट और यहां तक कि उनके खाने-पीने के टाइम भी फिक्स होते हैं। लेकिन बहुत से लोग आज भी यह समझते हैं कि अगर आप चिकन-मटन जैसी कोई चीज खा रहे हैं और पालतू उनके आस-पास है तो वह उसे दे सकते हैं। यहां तक कि बहुत लोग मीठा बिस्कुट भी दे देते हैं। आप ऐसा न करें। लोग अपने पालतू जानवर के प्रति बहुत संवेदनशील हो चुके हैं। वैसे भी आपको नहीं पता कि आपको कौन सी चीज फायदा करती है और कौनसी नुकसान। ऐसे में आपकी एक छोटी सी लापरवाही उस पैट को नुकसान पहुंचा सकती है।

नेगेटिव कमेंट

आप एक बाहरी इंसान के तौर पर किसी के पालतू को देखते हैं लेकिन जो लोग इन्हें रखते हैं वह सच में इन्हें अपने बच्चे की तरह पालते हैं। ऐसे में अगर आप किसी ऐसे के घर जा रहे हैं जहां पालतू रहते हैं वहां उनके पालतू को देखकर कोई टीका-टिप्पणी न करें। यह आपका अत्यंत निजी मामला है कि आपको पालतू पसंद हैं या नहीं लेकिन आपको कभी भी किसी की पसंद की आलोचना नहीं करनी चाहिए। उदाहरण के लिए, किसी पालतू जानवर के माता-पिता से यह कहना कि मुझे कुत्ते पसंद नहीं हैं क्योंकि उनसे बदबू आती है। यह बात उनके मन को अच्छी नहीं लगेगी। यहां तक कि पालतू जानवर की विशिष्टताओं के बारे में आलोचनात्मक बयान देने से भी बचें। यह बात तो हम बहुत बार इंसानों के साथ भी करते हैं ऐसे में किसी के पालतू के फिजीक को देखकर कुछ भी बोलने से पहले हम यह तक सोचने की जेहमत नहीं करते कि इसका असर उसके मालिक पर क्या होगा? अगर किसी का डॉग थोड़ा बड़ा है तो लोग बोल देते हैं। यह तो भेड़िया लग रहा है। वहीं अगर वह थोड़ा सॉफ्ट है तो हम यह कहने से नहीं चूकते कि अरे भई यह किस काम का है यह तो कबूतर से भी डर जाता होगा।

सलाह न दें

हम लोगों को सलाह देने का बड़ा ही शौक है। अगर आपके पास कभी कोई पालतू रहा भी है तो भी दूसरे को जानवर के बीमार होने पर या खान-पान को लेकर सलाह देने की कोशिश न करें। अगर उन्हें आपसे कुछ सलाह चाहिए होगी तो वह खुद मांगेंगे अन्यथा उनके पास वैटनरी डॉक्टर हैं जो उन्हें आपसे बेहतर गाइड करेंगे।

जानवरों के साथ अपने बच्चों की निगरानी न करना

यदि आपका छोटा बच्चा किसी के पालतू जानवर में रुचि रखता है, तो स्थिति की निगरानी करना सुनिश्चित करें। बच्चों को जानवर बहुत अच्छे लगते हैं। ऐसे में आप कोशिश करें कि जब आपका बच्चा दूसरे के घर जाकर उनके पालतू के साथ खेलने लगे तो ओनर से पूछ लें कि क्या आपका बच्चा उसके साथ खेल सकता है? अगर वो हां करते हैं तो बच्चों के साथ आपको मौजूद रहना होगा। बहुत बार ऐसा होता है कि बच्चे जानवर को परेशान करने लगते हैं और वो उसे चोट भी पहुंचा देते हैं।