Vastu Tips For Gifts: एक दूसरे को उपहार देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। पहले के जमाने में लोग शादी, बर्थडे पार्टी, ग्रह प्रवेश या किसी अवसर पर ही तोहफे दिया करते थे, लेकिन अब एक दूसरे को तोहफे देने के लिए किसी अवसर का इंतजार नहीं करना पड़ता है लोग यूंही अपने मन मुताबिक किसी को भी कभी भी तोहफे दे देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र में तोहफे को लेकर भी कई नियम बताए गए हैं, कुछ चीज ऐसी होती है जिन्हें भूलकर भी तोहफे में नहीं देना चाहिए।
अक्सर हम तोहफे देने के समय इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं और तोहफे में हम जो मन में आता है वह दे देते हैं, लेकिन हमें वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना चाहिए और उसी अनुसार तोहफे में चीज देनी चाहिए, आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि वास्तु शास्त्र के अनुसार कौन-कौन सी ऐसी चीज हैं जिन्हें भूलकर भी किसी को भी तोहफे में नहीं देना चाहिए, तो चलिए जानते हैं।
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इन चीजों को तोहफे में भूलकर भी नहीं देना चाहिए
जूते चप्पल
वास्तु शास्त्र, प्राचीन भारतीय वास्तुकला और जीवनशैली का विज्ञान, हमारे जीवन के हर पहलू को सकारात्मक ऊर्जा से भरने पर ज़ोर देता है। जूते-चप्पल, जिनका उपयोग हम बाहर की दुनिया से अपने पैरों को ढंकने के लिए करते हैं, वास्तु में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वास्तु के अनुसार, जूते-चप्पल को दरिद्रता का प्रतीक माना जाता है। उन्हें अशुभ माना जाता है क्योंकि वे बाहर की गंदगी और नकारात्मक ऊर्जा को अपने साथ लाते हैं।
यही कारण है कि इन्हें घर के अंदर प्रवेश करने से पहले उतार देना चाहिए और उन्हें एक निर्दिष्ट स्थान पर रखना चाहिए। किसी को जूते-चप्पल गिफ्ट में देना भी अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह उस व्यक्ति को दरिद्रता और नकारात्मकता ला सकता है। इसके बजाय, आप उपहार के रूप में अन्य वस्तुएं दे सकते हैं जो सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक हों।
काले रंग के कपड़े
वास्तु शास्त्र, प्राचीन भारतीय दर्शन, रंगों और उनके प्रभावों पर ज़ोर देता है। काले रंग को अक्सर नकारात्मक ऊर्जा से जोड़ा जाता है। यह शोक, मृत्यु और अंधकार का प्रतीक माना जाता है। इसी वजह से, वास्तु के अनुसार, काले रंग के कपड़े गिफ्ट में देना अशुभ माना जाता है। यह माना जाता है कि यह प्राप्तकर्ता को नकारात्मकता और दुर्भाग्य ला सकता है। हालांकि, कुछ अपवाद भी हैं। काले रंग का इस्तेमाल कुछ विशेष अवसरों पर, जैसे कि तंत्र-मंत्र या पूजा-पाठ में किया जाता है। इसके अलावा, कुछ लोगों का मानना है कि काला रंग शक्ति और अधिकार का प्रतीक है। इसलिए, वे इसे गिफ्ट के रूप में देना पसंद करते हैं।
ताजमहल
ताजमहल, अपनी अद्भुत सुंदरता और स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है, अक्सर लोगों को मोहित कर लेता है। कई बार, लोग इसे उपहार के रूप में देना पसंद करते हैं या इसे अपने घरों में सजावट के तौर पर रखते हैं। लेकिन, क्या यह वास्तु के अनुसार उचित है? वास्तु शास्त्र के अनुसार, ताजमहल को गिफ्ट या घर में रखना अशुभ माना जाता है। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि ताजमहल मुमताज महल का मकबरा है, और मृत्यु और शोक से जुड़ी वस्तुओं को नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
ऐसी वस्तुएं घर में नकारात्मकता और दुर्भाग्य ला सकती हैं। इसके अलावा, ताजमहल एक विशाल स्मारक है, और इसे घर में रखने से ऊर्जा का प्रवाह बाधित हो सकता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखना महत्वपूर्ण है, और ताजमहल जैसी भारी वस्तुएं इसे बाधित कर सकती हैं। यदि आप ताजमहल की सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं, तो आप इसे तस्वीरों या कलाकृतियों के रूप में देख सकते हैं। लेकिन, इसे गिफ्ट के रूप में देना या घर में रखना वास्तु के अनुसार उचित नहीं माना जाता है।
घड़ी
घड़ी गिफ्ट देना एक आम बात है, चाहे वो जन्मदिन हो, शादी हो, या कोई अन्य अवसर हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार घड़ी गिफ्ट देना अशुभ माना जाता है? इस लेख में, हम इस परंपरा के पीछे के कारणों और अपवादों पर चर्चा करेंगे। वास्तु शास्त्र में घड़ी को अशुभ क्यों माना जाता है? घड़ी समय का प्रतीक है, और समय का संबंध जीवन, मृत्यु और क्षय से होता है। वास्तु में, ऐसा माना जाता है कि घड़ियां नकारात्मक ऊर्जा को अपने साथ लाती हैं, खासकर यदि वे टूटी हुई या पुरानी हों। कुछ लोगों का मानना है कि घड़ी गिफ्ट करने से प्राप्तकर्ता के भाग्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, खासकर अगर उन्हें उपहार में देने वाले व्यक्ति से बुरी नजर लगी हो।
इत्र
प्रेमी जोड़े अक्सर एक-दूसरे को इत्र उपहार में देते हैं, क्योंकि यह एक रोमांटिक और प्रीमियम विकल्प लगता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार इत्र गिफ्ट देना अशुभ माना जाता है? इस लेख में, हम इस परंपरा के पीछे के कारणों और अपवादों पर चर्चा करेंगे। वास्तु शास्त्र में इत्र को अशुभ क्यों माना जाता है? इत्र को अस्थिरता और परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है। कुछ का मानना है कि इत्र नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है, जो रिश्तों में तनाव और मतभेद पैदा कर सकता है। इत्र की तेज सुगंध दूर जाने की भावना पैदा कर सकती है, जो रिश्तों में दूरी का कारण बन सकती है।
रुमाल
ज्योतिष शास्त्र में कुछ वस्तुओं को उपहार में देना अशुभ माना जाता है, जिनमें रुमाल और जूते-चप्पल शामिल हैं। इन वस्तुओं को उपहार में देने से रिश्तों में खटास आ सकती है और धन हानि भी हो सकती है। रुमाल को अक्सर रोने से जोड़ा जाता है, जो दुःख और नकारात्मकता का प्रतीक है। रुमाल को विदाई देते समय भी इस्तेमाल किया जाता है, जो अलगाव और दूरी का प्रतीक है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, रुमाल अशुभता का प्रतीक भी है।
महाभारत ग्रंथ
महाभारत, हिंदू धर्म का एक पौराणिक ग्रंथ है, जो अपनी विशालता और ज्ञान के लिए जाना जाता है। लेकिन, क्या इसे घर में रखना या उपहार के रूप में देना उचित है? महाभारत ज्ञान और नीतिशास्त्र का एक विशाल भंडार है। कई लोग इसे हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ मानते हैं और इसका नियमित रूप से पाठ करते हैं। महाभारत भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।