Guru has special importance in the life
Guru has special importance in the life

Guru Ji: हर व्यक्ति के जीवन में गुरू का खास महत्व है। चाहे हम दुविधाओं में हो, समस्याओं में हों या उत्साह में। गुरू की वाणी और उनका मार्गदशर्न हमारे जीवन को गति और सही दिशा प्रदान करता है। गुरू का स्थान उस पथ प्रदर्शक के समान है, जो अंधेरे रास्तों में भी उजाला कर देते हैं और नामुमकिन को मुमकिन कर अपने भक्त को खुशहाल जीवन प्रदान करते हैं। हर युग में, हर सदी में गुरूओं और पीर पैगम्बरों का जन्म हुआ है, जो समाज सुधार के कार्यों में जुटे रहे और लोगों को छोटे-बड़े और ऊंच-नीच के भेद से मुक्त करने का काम किया। इसी तरह छतरपुर वाले गुरूजी भी अपने भक्तों के बेहद प्रिय है।

कल्याणकर्ता के नाम से मशहूर गुरूजी ने हमेशा संकट की घड़ी में अपने भक्तों का साथ दिया। उन्हीं के वचन हैं कि उनका आर्शीवाद अपने भक्तों पर जन्मों जन्मांतरों तक यूं ही बना रहेगा। गुरू जी की खासियत ये रही कि उन्होंने अपने जीवनकाल में कभी भी किसी व्यक्ति से धन या किसी वस्तु की अपेक्षा नहीं की और भक्तों से किसी भी दान पुण्य के लिए इच्छाशक्ति जाहिर नहीं की, जिससे लोगों में उनके प्रति अटूट विश्वास और श्रद्धा बढ़ती चली गई। गुरू जी का जन्म 7 जुलाई 1954 को पंजाब के मलेरकोटला जिले के डूगरी गांव में हुआ था। गुरू जी का बचपन से ही ध्यान, साधना और आध्यात्म के प्रति गहरा लगाव था।

गुरु जी ने ली थी समाधि

 Guru Ji
chhatarpur guru ji

स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने राजनीति शास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की। उनका व्यक्तित्व ही ऐसा था कि अब लोग उनकी ओर आकर्षित होने लगे और उनकी शरण में आने लगे। गुरू जी ने अपने पूरे जीवनकाल में भक्तों की समस्याओं को दूर करने का काम किया और आज भी उनके नाम के स्मरण से ही भक्तों की दुविधा दूर हो जाती है। उनके भक्तों का कहना है कि उनके जीवनकाल के दौरान उनकी शरण में जाते ही आधी चिंताओं से मुक्ति मिल जाती थी और उनके नजदीक फूलों की सुंगध का एहसास होता था। 31 मई 2007 को गुरूजी ने समाधि ली और उन्होंने किसी को भी अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया। उनका कहना था कि दिव्यशक्ति का कोई उत्तराधिकारी नहीं होता और वो अपने भक्तों से सदैव जुड़े रहते हैं। वे दिव्य रूप में सभी भक्तों के साथ नश्वर रूप में जुड़ गए। ऐसा माना जाता है कि धरती पर उनका जन्म मानव जाति को आर्शीवाद देने और जागरूक करने के लिए ही हुआ था।

ऐसे करें गुरु जी के दर्शन

गुरूजी का आश्रम दिल्ली के छतरपुर इलाके से कुछ ही दूरी पर स्थ्ति है। जहां रोजाना हजारों भक्त पहुंचते हैं और गुरूजी के आश्रम में अपनी हाजिरी लगाते हैं। चाहे कोई अमीर हो या गरीब हर कोई गुरूजी के दर्शन के लिए पूरी श्रद्धा से वहां पहुंचते हैं। अगर आप छतरपुर वाले गुरूजी के दर्शन लिए उनके आश्रम जाना चाहते हैं, तो मेट्रो, ऑटो या बस से आसानी से वहां पहुंच सकते हैं। उसके बाद वहां से आप ऑटो करके उनके आश्रम तक पहुंच सकते हैं। वहां गुरूजी के आश्रम से हर कोई वाकिफ है और वहां जाने के लिए ऑटो की लाइन लगी रहती है।

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