Milk Benefits in Winter: सर्दियों में तापमान में गिरावट, चलने वाली खुष्क और बर्फीली हवाओं से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए जरूरी है -बाॅडी टेम्परेचर को मेंटेन करने की। जिसके लिए वुलन कपड़े पहनना ही काफी नही होता, अपनी डाइट में गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थों को ज्यादा से ज्यादा शामिल करने की जरूरत रहती है। गर्म तासीर वाले विभिन्न तरह के दूध इनमें से एक हैं। जो न केवल बाॅडी टेम्परेचर को मेंटेंन रखते हैं, बल्कि इस मौसम में होने वाली परेशानियों से बचाव भी करते हैं।
केसर दूध-
सर्दियों में 4-5 केसर के धागे डाल कर बना दूध पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। केसर में मौजूद सेफरनल एंटी ऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने और शरीर को मजबूती प्रदान करता है। शरीर को गर्माहट प्रदान कर सर्दी के प्रभाव को कम करने में मदद करता है। एलर्जी से होने वाले सर्दी-जुकाम या फ्लू बुखार में बहुत कारगर है। मैगनीशियम, पोटेशियम जैसे मिनरल्स में रिच होने के कारण अस्थमा जैसे श्वसन-रोगों में असरदार है। फेफड़ों में हो रही जलन और सूजन को कम करके आॅक्सीजन की सप्लाई बढ़ाता है जिससे अस्थमा अटैक के खतरे को कम करता है।
सर्दियों में आर्थराइटिस, गठिया, वाई की वजह से सूजन जोडो के दर्द की शिकायत में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर केसर दूध का सेवन करना फायदेमंद है। महिलाओं को माहवारी के दौरान होने वाली समस्याओं को कम करने में बहुत मदद करता है। माहवारी में होने वाले हैवी फ्लो और क्रैम्प में भी रिलीफ देता है। सर्दियों में आर्टीरीज सिकुड़ने हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को कम करता है। क्रोसेटिन और एथ्रोस्कैनरोसिस नामक कंपाउंड आर्टीरीज में जमने वाले बेड कोलेस्ट्राॅल एलडीएल को कम करने में मदद करता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा नहीं रहता। नियमित रूप् से केसर का दूध पीने से स्किन केा ग्लो मिलता है और होंठ फटना कम होता है।
खजूर या छुआरे का दूध-
2-4 छुआरे से बना दूध सर्दियों में पीना सेहतमंद है। ग्लूकोज और फ्रक्टोज जैसी नेचुरल शूगर से भरपूर यह दूध एनर्जी बूस्टर है। आसानी से रक्त में अवशोषित हो जाती है और बीमार व्यक्ति को एनर्जी प्रदान करता है। लीवर को साफ यानी डिटॉक्सीफाई करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। दूध की गर्म तासीर आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों को सर्दियों में होने वाले जोड़ों के दर्द में आराम पहुंचाती है। बार-बार पेशाब आने या बच्चों की रात को सोते हुए बिस्तर गीला करने की समस्या को दूर करने में सहायक है।
सर्दियों में गरिष्ट भोजन ज्यादा खाने और पानी कम पीने से कई बार डायजेस्टिव सिस्टम गड़बड़ा जाता है जिससे अपच, डायरिया, कब्ज, पेट दर्द की शिकायत रहती है। छुआरा-दूध में मौजूद पेक्टिन फाइबर और पोटेशियम डायजेस्टिव सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने और पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में कारगर है।
छुआरे में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट और मैगनीशियम, फास्फोरस, कैल्शियम जैसे मिनरल्स शरीर की मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। गर्म तासीर रक्त संचार बढाकर तंत्रिका विकार से बचाव करती है। इससे आर्टीरीज के अंदर जमे कोलेस्ट्राॅल केा हटाने और गुड कोलेस्ट्राॅल को बढ़ाने में मदद मिलती है। दिल की बीमारी से दूर रखता है।
छुआरे में मौजूद एंटी वायरल एजेंट्स होते हैं जो बैक्टीरिया, वायरस, फंगल इंफेक्शन से होने वाले सर्दी-जुकाम, बुखार जैसी संक्रामक बीमारियों से बचाव करता है। विटामिन ए और बी आंखों की नमी बनाए रखते है यानी खुष्क वातावरण के कारण सर्दियों में ड्राई आइज की समस्या से दूर रखता है। रुखी-बेजान त्वचा और बालों को माॅश्चर कर स्वस्थ और रिफ्रेश बनाने में मदद करता हैं।
हल्दी का दूध-
गर्म तासीर वाली हल्दी नेचुरल एंटी सेप्टिक, एंटी बैक्टीरियल और एंटी बाॅयोटिक गुणों से भरपूर है। एक चुटकी या 2-3 ग्राम हल्दी गर्म दूध में मिलाकर पीना दोगुना फायदेमंद है। बाॅडी को डिटाॅक्सीफाई कर इम्यूनिटी मजबूत करता है। पाचन प्रक्रिया को सुचारू रूप् से चलाने में मदद करता है। अपच, कब्ज, पेट में जलन, दर्द, गैस बनने जैसी पेट से जुड़ी बीमारियो आराम पहुंचाता है।
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एंटी ऑक्सीडेंट फ्री-रेडिकल्स सेल्स को बाहर निकाल देता है। जिससे कई प्रकार के इंफेक्शन और बीमारियों से शरीर का बचाव करता हैै। इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस केा हटाता है। एंटी माइक्रोबियल गुणों से भरपूर हल्दी वाला दूध सर्दियों में खांसी-जुकाम, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, साइनस जैसे श्वसन संबंधी मरीजों के लिए फायदेमंद है।
एंटी इंफ्लीमेटरी गुण सर्दियों में अर्थराइटिस, गठिया, जोड़ों या मसल्स के दर्द और सूजन में आराम पहुंचाते हैं। गर्म तासीर होने से रक्त संचार में इजाफा होता है जिससे दर्द में राहत मिलती है। मेटाबाॅलिक सिंड्रोम, हार्ट डिजीज से बचाते हैं। आर्टीरीज में खून को गाढ़ा होने, जमने या क्लाॅटिंग होने से बचाता है जिससे शरीर में रक्त संचार सुचारू रूप से चलाने में मदद मिलती है।
करक्यूमिन एंटी ऑक्सीडेंट ब्रेन में न्यूरोट्राॅफिक फैक्टर का लेवल बढाता है जिससे सर्दियों में गतिहीन जीवनशैली के कारण होने वाले डिप्रेशन में कमी आती है। एंटी सेप्टिक और एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर हल्दी वाला दूध त्वचा में प्राकृतिक चमक पैदा करता है। इंफेक्शन खुजली जैसी समस्याओं को दूर मर त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।
बादाम का दूध-
एक गिलास दूध में 5-7 पिसे बादाम उबाल कर बना दूध एनर्जी प्रदान करता है। मिनरल्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड एफ्लेवोनाॅयड जैसे एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाव कर इम्यून सिस्टम केा मजबूत बनाते हैं। सर्दियों में वातावरण में मौजूद वायरस के इंफेक्शन से बचाता है। ब्लड प्रेशर का लेवल कंट्रोल में रहता है और केरोनरी जैसे हृदय रोग के जोखिम को कम करता है। इसमें मौजूद ओलिक फैटी एसिड ब्लड लिपिक को कंट्रोल में रखता है। एलडीएल बैड कोलेस्ट्राॅल को कम करके हार्ट संबंधी बीमारियों से बचाव करने में सहायक होता है।बोन्स को मजबूती प्रदान करता है।
इसमें मौजूद कैल्शियम और विटामिन-डी हड्डियों और दांतों को मजबूती प्रदान करता है। ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को भी कम करता है। सर्दियों में होने वाले जोड़ों के दर्द में राहत पहुंचाता है। प्रोटीन, राइबोफ्लेविन और आयरन मसल्स को मजबूती प्रदान करते है और सर्दियों में मांसपेशियों मे दर्द को कम करता है। विटामिन-ई और एंटीऑक्सीडेंट तत्व सूरज की अल्ट्रावाॅयलेट किरणों और शुष्क वातावरण से त्वचा का बचाव करके मुलायम, कांतियुक्त और स्वस्थ बनाने में सहायक हैं।
तुलसी वाला दूध-
तुलसी एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, डिस्इंफेक्शनरी, एंटी वायरल, रोगाणुरोधी जैसे गुणों से भरपूर है। इसके 3-4 पत्ते एक गिलास दूध में उबाल कर पीना लाभकारी है। शरीर की इम्यूनिटीे मजबूत होती है और कई बीमारियों से बचाव होता है। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण सर्दी के मौसम में होने वाले गले में खराश, जुकाम और सूखी खांसी में आराम पहुंचाते हैं। एंटीबाॅयोटिक गुणों से भरपूर तुलसी फ्लू या वायरल बुखार में शरीर के तापमान को कम करने और विकारों के इलाज मे मददगार है। अस्थमा के मरीजों को यह दूध आराम पहुंचाता है। इसमें मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या में भी राहत पहुंचाते हैं। नर्वस सिस्टम को आराम पहुंचता हैै जिससे चिंता और अवसाद जैसी स्थिति को रोका जा सकता है।
(डाॅ शालिनी सिंघल, वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ, शालिनी डाइट एंड वेलनेस क्लीनिक, दिल्ली )