ऐसा माना जाता है कि घर का मेन गेट ही सबसे पहले पॉजिटिव और नेगेटिव एनर्जी से प्रभावित होता है और जिसका इफ़ेक्ट पूरे घर पर पड़ता है। घर में सुख समृद्धि, प्रसन्नता और उन्नति के लिए घर के मुख्य दरवाजे का वास्तु दोष रहित होना जरुरी होता है। घर के दरवाजे से जुड़े इन वास्तु के नियमों का पालन करके आप भी अपनी किस्मत चमका सकते हैं।

  • मुख्य दरवाजा हमेशा अंदर की ओर खुलना चाहिए। दरवाजा बाहर की ओर खुलना अशुभ होता है इससे बीमारियां और खर्च बढ़ते है।
  • घर का दरवाजा अगर अपने आप खुलता या बंद होता हो, तो उसे जल्द से जल्द ठीक करवा लें क्योकि इससे मानसिक परेशानियां बढ़ती हैं।
  • घर का मेन गेट अधिक चौड़ा नहीं होना चाहिए। वास्तु की नजर से दरवाजे की चौड़ाई से ठीक दोगुनी उसकी लंबाई होनी चाहिए। इससे घर में खुशहाली बनी रहती है। ज्यादा चौड़ा दरवाजा रोग और खर्च को बढ़ाता है।
  • मेन गेट के सामने चट्टान या पत्थर का ढ़ेर नहीं होना चाहिए। इससे आपके जीवन में शत्रुओं की संख्या बढ़ती है।
  • दरवाजे के आस पास रद्दी, कबाड़ और डस्टबीन नहीं होना चहिए। इससे आपकी उन्नति बाधित होती है। ऐसे में धन-हानि और नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • घर के दरवाजे पर विंड चाइम शुभ फल देने वाला होता है।
  • बहुत से घरों का मेन गेट जमीन से रगड़ खाकर खुलता है, जो कि अच्छा वास्तु संकेत नहीं है। इससे व्यक्ति को आर्थिक संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है।
  • अगर घर का मुख्य दरवाजा अधिक ऊंचा होता है तो व्यक्ति पर सरकारी मामलों में कोई आरोप लगने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे घर में रोग वृद्धि भी होती है।
  • दरवाजे को खोलते या बंद करते समय आवाज नहीं होनी चाहिए। ऐसा होना अशुभ फलदायी होता है।