शायद तभी कहते है कि जहां चाह होती है वही राह भी होती है इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है मदर डेरी के इन 800 बूथों पर काम करने वाले हमारे सेना के जवानों ने ,जो मदर डेरी के बूथ चला रहे और आम जनता को कारगिल और सियाचीन के किस्से भी सुना रहे है। बगंलादेश युद्ध में क्या हुआ,कारगिल के जवानों ने कैसे युद्ध जीता ,किस तरह सेना के जवान सीमा पर देश की रक्षा करते है ये सभी किस्से आप  इन बूथों को चलने वाले हमारे रिटायर सैनिको से सुन सकते है। 
 
मदर डेरी रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर हर साल सैनिकों को बूथ आवंटित करती है। पिछले 40 सालो से मदर डेरी ये काम कर रही है। ”हीरो नेक्स्ट डोर”  और ”मिलिए अपनी असली हीरो से” इस तरह के स्लोगन्स के साथ मदर डेरी ने इन जवानों को सम्मानित किया है और इन्ही नामो से उनके कैंपेन भी चल रहे है। मदर डेरी की इस पहल से रिटायर हुए सभी जवानों को वो सम्मान मिल रहा है जो उनका अधिकार तो है ही साथ ही वो सम्मान उन्हें मिले ये हमारा भी कर्तव्य है।  
 
20 सालो तक देश की रक्षा करने के बाद ये जवान अब हमारी अगली पीढ़ी को ये किस्से सुनाकर उनमे देश प्रेम की भावना को और अटूट बना रहे है और अपनी जिम्मेदारी सरहद के भीतर भी निभा रहे है। आपका क्या कहना है मदर डेरी की इस पहल के बारे में।अगर आपके भीतर भी देशभक्ति भाव है तो अपनी राय नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में “जय हिन्द” के साथ जरूर लिखे ।
 
 

 नोट – इन जवानों के बारे में और जानने के लिए आप इस महीने की हमारी मैगज़ीन देखे उसके साथ एक बुक लेट दी गयी है।  

 
 
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