Hindi Love Story: उन दिनों अपनी किसी कॉन्फ्रेन्स के लिए मैं चंडीगढ़ में था। उससे बात हुई और शिमला में क्वालिटी टाईम स्पैण्ड करने की प्लानिंग। मैं उसे लेने एअरपोर्ट पहुँचा। अराइवल गेट से निकलते ही उसने मुझे देखा और उपेक्षित मुस्कुराहट के साथ अपनी लगेज ट्राली मुझे पकड़ा दी। हम टैक्सी की ओर बढ़े जो मैंने तीन दिनों के लिए किराए पर ली हुई थी।
“कोई दिक्क़त तो नहीं हुई?”
“नहीं। कुछ नहीं। गरमी लग रही है।” टैक्सी में पहुँचते ही वह पिछली सीट पर पसर गई।
ड्राइवर से चिड़चिड़ाते हुए कहा- “अरे भईया ए.सी. तो ऑन करके रखना था।” ड्राइवर ने ए.सी. ऑन किया और बाहर आकर मेरे साथ डिक्की में सामान रखवाया।
“मुझे चाय चाहिए।” जैसे ही मैं बैठा, उसने कहा।
“आगे कहीं पी लेंगे।” मैंने भी होटल से चेकआउट कर लगेज वग़ैरह साथ ही लिया हुआ था और यहाँ से सीधे शिमला निकलने की तैयारी थी।
“नहीं। मुझे अभी चाहिए।”
“चलो देखते हैं कहाँ मिलती है।”
“मैं नहीं जाऊँगी। तुम जाओ और मेरे लिए चाय लेकर आओ।” उसने बददिमाग राजकुमारीयों की तरह नख़रा दिखाया।
जब मैं चाय ढूंढ कर लाया तो उसने ‘ठंडी है’ कहते हुए एक घूँट पीकर कप मेरी ओर बढ़ा दिया कि अब फेंक कर भी मैं ही आऊँ।
बाहर निकलते हुए यह सोच आकाश की तरह छाने लगी; कि शायद इसे लगता है, इसने मेरे साथ आने को हाँ करके मुझ पर अहसान किया है। मुझे ऐसी बददिमाग लड़कियों से नफ़रत है। वो लड़के और होंगे जिनके साथ तुम यह सब कर सकती होगी।
मैंने निश्चय किया, ये तीन दिन इसके साथ के अंतिम दिन हैं। आख़िरी बात इसकी मानी, अब और नहीं। हाँ, तीन दिन अपनी मर्ज़ी से और अच्छे गुज़ारने की कोशिश करनी है। मैं वह कैसे हो सकता हूँ जो अपने मूड के लिए किसी सेक्स डॉल, नकचढ़ी पर निर्भर हो।
ये कहानी ‘हंड्रेड डेट्स ‘ किताब से ली गई है, इसकी और कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं – Hundred dates (हंड्रेड डेट्स)
