Hindi Motivational Story: एक पर्वतारोही कई पर्वतों की चोटी पर अपनी सफलता के झंडे गाड़ चुका था। एक बार वह दुनिया के सबसे ऊँचे पर्वतों में से एक पर चढ़ाई करने गया। वह पर्वत एक तरफ से सपाट था और दूसरी तरफ से उसका रास्ता लंबा था। लंबे रास्ते से चढ़ना आसान था, पर उसमें समय अधिक लगता। उसने सपाट रास्ते से अपने शेरपा के साथ चढ़ाई शुरु की। हालांकि तब भी उसे चढ़ाई में बारह दिन लगते। उसके बेस कैंप से निकलते ही मौसम विभाग से चेतावनी आने लगी कि मौसम ख़राब हो सकता है। पर वह आगे बढ़ता गया। चोटी तक पहुँचने में दो दिन और बचे थे।
ख़राब मौसम की चेतावनी जारी थी। शेरपा ने भी आगे बढ़ने से मना किया, पर पर्वतारोही ने उसकी बात अनसुनी कर दी। अब वह अपने अंतिम पड़ाव पर था। आगे का रास्ता एकदम खड़ा था। घुप्प अंधेरा हो रहा था। वह केवल अपने अंदाज़ से ऊपर चढ़ता जा रहा था। अचानक उसका पैर फिसला और वह हज़ारों फुट की ऊंचाई से नीचे गिरने लगा। तभी एकदम से उसे कमर में बंधी रस्सी की याद आई। रस्सी के जरिये वह पहाड़ के सहारे लटकने लगा। शेरपा ने उसे ऊपर से आवाज़ दी, रस्सी काट दो। पर वह बहुत डर गया था। उसे लगा कि रस्सी काट देने पर वह मर जाएगा। शेरपा ने कई बार उसे रस्सी काट देने के लिए कहा। पर उसने उसकी बात नहीं सुनी। अगले दिन शेरपा ने देखा कि रात में ठंडी हवाओं के तूफान ने पर्वतारोही की जान ले ली वह ज़मीन से सिर्फ पांच फीट की ऊंचाई पर लटक रहा था। अगर वह रस्सी काट देता, तो जीवित बेस कैंप में लौट सकता था।
जहाँ डर होता है, वहाँ विश्वास कभी नहीं पनपता।
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