जगाने से पहले लाइट तो जला लेती—हाय मैं शर्म से लाल हो गई: Hindi Kahaniya
Jgane se Pahele Light to Jala Leti

Hindi Kahaniya: बात उन दिनों की है जब मैं शादी करके अपने ससुराल आयी थी। घर में मेहमानों का तांता लगा हुआ था। सोने की थोड़ी दिक्कत होती थी। ऐसे में एक दिन हमारे देवर की नींद पूरी नहीं हुई थी वो सुबह के समय हमारे कमरे में आ कर सो गए।

हमे पता नही था और पतिदेव बाथरूम में थे। मैं किचन से आई और कमरे में अंधेरा था।  हमने सोचा अंधेरे का कुछ फायदा उठाया जाए और पतिदेव को जगाया जाए। उसके बाद  मैं देवर को पतिदेव समझ कर उन्हें बड़े प्यार से जगाने लगी। कुछ देर वो चुप रहे फिर बोले भाभी मैं हूं भईया नहीं। जगाने से पहले लाईट तो जला लेती। उनका इतना कहना था कि मैं शर्म से पानी पानी हो गयी और पूरे दिन उनके सामने नहीं पड़ी। शुक्र है ये बात उन्होंने आज तक किसी और के सामने नहीं कही। मैं देवर जी की काफी आभारी हूँ।
हाय मैं शर्म से लाल हुई।

यह भी देखे-मां के चले जाने के बाद-गृहलक्ष्मी की कविता