gogo ki ajab anokhi rang birangi diary
gogo ki ajab anokhi rang birangi diary

अगले दिन गोगो के पापा ने उसे एक सुंदर रंग-बिरंगी डायरी और लाल रंग का पेन लेकर दिया। गोगो के कहने पर उसे ढेर सारे अच्छे-अच्छे कलर्स भी लाकर दिए। और गोगो ने सचमुच उसी दिन से डायरी लिखनी शुरू की।

जहाँ-जहाँ वह जादूगर चाचा के साथ गई थी, उन-उन जगहों और वहाँ के लोगों के बारे में उसने अपनी डायरी में बड़े रोचक ढंग से लिखा। जो-जो बातें और मजेदार किस्से-कहानियाँ उसने लोगों के मुँह से सुनीं, उन्हें भी खूब चटकीले अंदाज में लिख डाला। साथ ही वहाँ के फूलों, पेड़ों, पशु-पक्षियों, नदियों, तालाबों और पहाड़ों के बारे में भी इतनी जिंदादिली से भरपूर भाषा में लिखा कि पढ़ने पर उनके चित्र आँखों में बस जाएँ। यही नहीं, बल्कि जो-जो खूबसूरत चीजें गोगो ने अपनी इस अनोखी यात्रा में देखी थीं, बीच-बीच में रंगों से उनकी खूबसूरत ड्राइंग भी बनाती जाती थी।

गोगो की डायरी के पन्ने भरते गए। उसमें उसकी यात्राओं के एक से एक मजेदार वर्णन हैं और साथ में देखे सुंदर-सुंदर दृश्यों और चीजों के रंग-बिरंगे और मजेदार चित्र भी।

गोगो की डायरी अभी पूरी नहीं हुई। मगर वह बीच-बीच में अपनी मम्मी-पापा और सहेलियों को यह डायरी पढ़ने को भी देती है। सब पढ़कर हैरान होते हैं, “अरे-अरे, यह तो दुनिया की अनोखी चीजों के बारे में लिखी गई एक अनोखी डायरी है।”

मम्मी कहती, “बिटिया, यह डायरी तो तुम्हारी अनोखी कलाकृति है, जिसमें तुम्हारे विचार भी हैं, कल्पना भी और अनोखी कलाकारी भी।”

होते-होते गोगो की इस रंग-बिरंगी डायरी की गाथा अखबार और टी.वी वालों को भी पता चली। सब बारी-बारी से गोगो के घर आए यह डायरी पढ़ने के लिए। एक अखबार वाले ने तो नन्ही गोगो की डायरी के कुछ अंश इस शीर्षक के साथ छापे कि यह दुनिया की सबसे छोटी विश्व यात्री की अनोखी डायरी है। एक और अखबार ने गोगो से बात करके जादूगर पाशा से उसके मिलने और फिर उसके साथ दुनिया भर की सैर के किस्से छापे।

टी.वी. वालों ने भी गोगो और उसकी अनोखी डायरी के फोटो खींचकर बीच-बीच में उसकी डायरी के कुछ पन्ने दिखाए। फिर कहा, “जब नन्ही गोगो की यह डायरी पूरी होगी, तो इसे एक नन्ही बच्ची की महान कृति के रूप में सारी दुनिया में जाना जाएगा।”

बहुत से प्रकाशकों ने कहा, “नन्ही गोगो, तुम अपनी डायरी को हमें छापने की अनुमति दे दो। जब भी तुम्हारी डायरी पूरी होगी, हम इसे सबसे पहले छापेंगे और सारी दुनिया के बच्चों के पास पहुँचाएँगे।”

पर नन्ही गोगो का एक ही कहना था, “पहले यह डायरी पूरी तो हो जाए, फिर मैं छपवाने के बारे में सोचूँगी।”

एक और प्रकाशक ने कहा, “मैं एक ऐसी सुंदर किताब छापूँगा, जिसमें गोगो के बनाए सारे चित्र सुंदर, चिकने आर्ट पेपर पर छपे हों।”

गोगो की भी बड़ी इच्छा है कि उसकी डायरी जल्दी से जल्दी छपकर दुनिया के सारे बच्चों तक पहुँचे। इसलिए आजकल वह जल्दी-जल्दी अपनी यह डायरी पूरी करने में जुटी है।

गोगो के दोस्त कई बार बातचीत में यह दोहराए बगैर नहीं रहते, ‘काश, गोगो की डायरी जल्दी से पूरी हो जाती, ताकि उसकी रंग-बिरंगी सुंदर डायरी के जरिए हम इस दुनिया की तमाम रंग-बिरंगी शक्लें देख पाते!’

उम्मीद है, यह डायरी अब जल्दी ही पूरी हो जाएगी। तब इसे हम जल्दी से जल्दी अपने नन्हे पाठकों के आगे पेश करेंगे।

ये उपन्यास ‘बच्चों के 7 रोचक उपन्यास’ किताब से ली गई है, इसकी और उपन्यास पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएंBachchon Ke Saat Rochak Upanyaas (बच्चों के 7 रोचक उपन्यास)