Hindi Story: आज मैं जो लिखने जा रही हूं वह एक कहानी ही नहीं हमारी जिंदगी का एक बेहद दुखद हिस्सा रहा। हमारा परिवार बहुत खुश था। हम दो बहने और दो भाई थे।सभी भाई बहनों में मैं सबसे बड़ी और फिर मेरी छोटी बहन रुचि रही। दोनों भाई छोटे थे। हम दोनों बहनों की शादी हो चुकी थी।
बात गर्मियों की 4 जून दिन सोमवार की है। सुबह से ही बहुत तेज मौसम की पहली बारिश थी।भाइयों में बड़े भाई बिट्टू ने बाहर काम करना शुरू ही किया था, कि जिंदगी की इस दुखद खबर ने हमारे पूरे परिवार की सभी खुशियां जैसे समेट लीं, न जाने किसकी नजर लगी, हमारे बिट्टू का एक्सीडेंट हो गया,उस एक एक्सीडेंट ने हमसे हमारा लाड़ला बिट्टू छीन लिया। सिर्फ बिट्टू ही नहीं उसके साथ जैसे हमारे परिवार का सब कुछ चला गया।
मम्मी पापा छोटे भाई का बुरा हाल था, छोटे भाई की पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई थी। हम दोनों बहने ससुराल की जिम्मेदारियां में इस कदर घिरीं थी कि चाह कर भी अपने परिवार को पूरी तरह सपोर्ट ना कर सकी। क्योंकि मैं भाई बहनों में बड़ी थी इसलिए मुझे अंदर तक कुछ अक्सर कचोटता था कि मैं अपने छोटे भाई या मम्मी पापा के साथ इस दुख की घड़ी में खड़ी ना हो सकी।
क्योंकि मुझे डायरी लिखने की आदत थी इसलिए अपने मन का हर भाव ,अवसाद मैं कहानी के रूप में लिखती रही। एक दिन 2018 में मेरी छोटी बहन रुचि गोयल हमारे घर आई। उसके हाथ मेरी डायरी लग गई और वह कहानी पढ़ कर रोने लगी। उसमें लिखी दो कहानियों ने उसका दिल छू लिया। वो थी माँ का शाँल और आहट।
उसने मुझसे कहा आप इन कहानियों को कहीं अच्छी जगह पोस्ट क्यूं नहीं करतीं,आप बहुत भावपूर्ण लिखती हो,आप लिख सकती हो, अपने लेख कहानियां पत्रिकाओं में भेजें। उसके दिए प्रोत्साहन और हिम्मत से ही मैं आज लिख पा रही हूं।
उसमें से पहली कहानी मां का शाँल तो सबसे पहले गृहलक्ष्मी की सोशल साईट पर ही प्रकाशित हुई, जिसे पाठकों का बहुत प्रेम और स्नेह मिला। उसके लिए आज भी गृहलक्ष्मी का दिल से आभार मानती हूं। फिर सपना मैम का जब फोन आया कि आपकी कहानी हमारे गृह लक्ष्मी पेज पर बहुत ज्यादा पसंद की गई तो उनके और अपनी बहन के प्रोत्साहन से मेरी कलम को बहुत हिम्मत मिली।
आहट भी एक छोटी लघु कथा है जिसमें एक मां का इंतजार है अपने कभी न लौटने वाले बेटे के लिए। समय आने पर उसे भी जल्दी ही पोस्ट करूंगी।
आज जो मेरी कलम की पहचान ऋतु गुप्ता लेखिका के तौर पर बनी है उसके पीछे मेरी छोटी बहन रुचि गोयल का ही हाथ है आज भी हम दोनों बहनें मिलकर एक और एक ग्यारह हो जाते हैं एक दूसरे के सुख दुख में हम सभी भाई बहन हमेशा साथ खड़े हैं।बस यही प्यार है। हमारे साथ को किसी की नजर ना लगे, ईश्वर ऐसी बहन ऐसी दोस्त सभी को दे।
Also read: अपने शब्दों के चयन से करें वाणी का शृंगार-गृहलक्ष्मी की कहानियां
