दूध का दूध पानी का पानी
Doodh ka Doodh Pani ka Pani

Idioms Story in Hindi: ‘दूध का दूध, पानी का पानी’ हिंदी कहावत का मतलब है सच और झूठ में साफ़-साफ़ अंतर करना या सही और गलत को स्पष्ट रूप से अलग करना। जब किसी मामले में न्यायपूर्ण निर्णय लिया जाता है, तो इस कहावत का उपयोग किया जाता है।

शहर के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में डॉक्टर नित्या अपनी ईमानदारी और निष्ठा के लिए जानी जाती थीं। उनके साथ ही डॉक्टर विमल भी काम करते थे, जो मरीजों से अनावश्यक टेस्ट और महंगे इलाज के जरिए पैसे कमाने की कोशिश करते थे। नित्या को विमल के इस व्यवहार से बेहद तकलीफ होती थी, लेकिन बिना सबूत के वह कुछ नहीं कर सकती थीं।

एक दिन, सुनीता नाम की एक गरीब महिला अस्पताल में आई। विमल ने उसे बताया था कि उसकी बीमारी गंभीर है और उसे महंगे टेस्ट और इलाज की ज़रूरत है। इस जानकारी के आधार पर सुनीता ने अपना घर तक गिरवी रख दिया था। सुनीता की हालत देखकर काव्या ने उसके मामले की खुद जांच करने का फैसला किया। जब नित्या ने सुनीता की रिपोर्ट्स को देखा, तो उन्हें एहसास हुआ कि उसकी बीमारी उतनी गंभीर नहीं थी, जितना विमल ने बताया था। नित्या ने सुनीता का इलाज बिना महंगे टेस्ट और दवाइयों के किया, और कुछ ही हफ्तों में वह ठीक हो गई।

नित्या ने इस मामले की रिपोर्ट अस्पताल के निदेशक को दी, जिन्होंने तुरंत विमल के खिलाफ जांच शुरू की। जांच में साबित हो गया कि आलोक ने जानबूझकर सुनीता को गलत जानकारी दी थी ताकि वह उससे पैसे कमा सके। इसके बाद विमल को अस्पताल से निकाल दिया गया और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।

इस घटना ने अस्पताल में सही और गलत का स्पष्ट अंतर स्थापित कर दिया। नित्या के साहस और ईमानदारी ने यह साबित कर दिया कि सच्चाई और न्याय हमेशा जीतते हैं, और आखिर में दूध का दूध और पानी का पानी हो ही जाता है

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