बात तब की है जब  मैं 10 वर्ष की थीऔर  मेरी छोटी बहन 8 वर्ष की थी। हम गर्मी की छुट्टीयां बिताने के लिए ननिहाल गए थें। वहां मेरे मामाजी का जड़ी-बुटियों व औषधियों का व्यापार था। हमारे घर में ही एक गोदाम था। जहां पर मामाजी ने हम लोगों को  जाने से मना किया था। हम सभी बच्चे हम उम्र थें।
 
एक दिन हम सभी बच्चे छुपन- छुपाई का खेल खेल रहे थे। छिपने की कोई अच्छी जगह न देखकर हम सभी उस गोदाम में घुस गएं । कुछ बच्चे बोरियों के ऊपर तो कुछ पीछे छिप गएं। जब खेल खत्म हुआ तो हम सभी मारे खुजली के नाचने लगे। वह खुजली जाने का नाम ही नहीं ले रही थी। तेल लगाने तथा नहाने के बाद भी वह खुजली नहीं गई।

 
जब मामाजी घर लौटे तो हमने उनसे खुजली का कारण पूछा। उन्होनें कहा कि गोदाम में खुजली की बोरियां यानी ऐसी औषधि थी जिसे छूने से खुजली होने लगती थी। इसलिए मैंने तुम्हें वहां जाने से मना किया था। उसके बाद से ही हमने बड़ों का कहा मानने की कसम खाई व अपनी गलती के लिए माफी मांगी।
 
 

 

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