मैं पहली कक्षा में पढ़ता था। मुझे मेरे दोस्त ने बताया कि जब उसका बहुत दिनों से हिलने वाला दांत टूटा तो उसे सोते वक्त अपने तकिए के नीचे रख दिया, सुबह तकिए के नीचे दांत के पास सिक्का मिला, वह बहुत खुश हो गया। उसने कहा कि यदि फिर उसका दांत टूटा तो वह उसे तकिये के नीचे ही रखेगा, उसे फिर सिक्का मिलेगा। सुनकर मेरे मन में भी लालच आया, सोचा मेरा दांत भी टूटेगा तो मैं अपने तकिए के नीचे ही रखूंगा। एक दिन जब मेरा दांत हिल रहा था तो मैंने उसे तोडऩे की कोशिश की, पर मारे दर्द के उसे निकालने की हिम्मत नहीं हुई। फिर सोचा, क्यों न अपने छोटे भाई के ही दांत तोड़कर देखूं। फिर मैंने अपने 1 साल के छोटे भाई के सामने उगे नन्हे-नन्हे दांतों पर धीरे-धीरे पेपरवेट मारा। उसके मुंह से खून आने लगा तो वह चिल्लाकर रोने लगा। उसकी आवाज सुन मम्मी वहां आई और उन्होंने मुझे दो झापड़ दे मारे। जब मैंने उन्हें सिक्का मिलने वाली बात बताई तो उन्होंने मेरे कान खींचे और कहा कि ऐसे कोई सिक्का नहीं मिलता। अब जब मेरी बेटी के दांत आ रहे थे तो मेरी मां बोली कि पापा से दांत संभाल कर रखना, ये सिक्के के लालच में किसी के भी दांत तोड़ देते हैं।

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