Boost Happy Hormone: व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सेहत को दुरुस्त रखने में हार्मोन्स की अहम भूमिका होती है। व्यक्ति की खुशियां और दुख हार्मोन की कमी या अधिकता पर निर्भर करता है। हार्मोन की कमी के कारण शरीर में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं साथ ये हमारी खुशियों पर भी ग्रहण लगा सकता है। खासकर महिलाओं के शरीर में एक उम्र के बाद तेजी से बदलाव होते हैं जिसका मुख्य कारण है हार्मोंस का डिसबैलेंस होना। हार्मोन्स का डिसबैलेंस होने से शरीर में मौजूद हैप्पी हार्मोन में कमी आने लगती है जिससे तनाव, अनिद्रा और एंग्जाइटी जैसी समस्याएं होना स्वाभाविक है। महिलाओं की खुशियों पर कौन से हार्मोन्स भारी पड़ रहे हैं और उन्हें कैसे खुशियों में तबदील किया जाए चलिए जानते हैं इसके बारे में।
क्या है हैप्पी हार्मोन

हैप्पी हार्मोन हमारे शरीर के फील-गुड संदेशवाहक होते हैं जो हमारे मूड और खुशी की भावना को प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये मुख्यत: चार प्रकार के होते हैं जो प्राकृतिक रूप से आपको खुश रखने में मदद करते हैं। हैप्पी हार्मोन की कमी से शरीर में कई तरह के बदलाव महसूस किए जा सकते हैं। ये व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालते हैं जिससे कई बार एंग्जाइटी और डिप्रेशन जैसी स्थिति का भी सामना करना पड़ता है।
हार्मोन के प्रकार
डोपामाइन: ये फील गुड हार्मोन है जिसे न्यूरोट्रांसमीटर भी कहा जाता है। डोपामाइन व्यक्ति के नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता कर उसे खुश रखने में मदद करता है। ये न्यूरोलॉजिकल और फिजियोलॉजिकल कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो मोटर स्किल, डिसीजन मेकिंग, रिस्पॉन्सबिलिटी और साइकलॉजिकल डिसऑर्डर को प्रभावित करता है।
ऑक्सीटोसिन: ये हार्मोन रिश्तों को निभाने में अहम भूमिका निभाता है। इसे लव हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। आप किसी के प्रति कैसा व्यवहार करते हैं या क्या सोचते हैं ये इसके लिए जिम्मेदार होता है। ऑक्सीटोसिन हार्मोन की कमी से व्यक्ति भावनात्मक रूप से कमजोर हो जाता है जिसके परिणामस्वरूप रिश्ते कमजोर हो सकते हैं।
सेरोटोनिन: ये हार्मोन शरीर और मस्तिष्क में संकेत को संचारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे पाचन तंत्र, प्लेटलेट और नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है। ये मूल रूप से मूड को नियंत्रित करने में मदद करता है। जो हम खाते हैं ये वैसा ही रिएक्ट करता है।
एंडोर्फिंस: ये अक्सर शरीर के प्राकृतिक दर्द निवारकों और मूड स्विंग्स के रूप में जाना जाता है। ये हार्मोन आपको शांत करता है और खुश रखने के लिए जिम्मेदार होता है।
हैप्पी हार्मोन की कमी के संकेत

– मूड स्विंग्स
– थकान
– चिड़चिड़ाहट
– याददाश्त की समस्या
– अनिद्रा की समस्या
– खाने की आदत में बदलाव
– अधिक क्रेविंग होना
– काम में मन न लगना
– सुस्ती
महिलाएं ऐसे करें हार्मोन्स को हैप्पी
– महिलाएं हैप्पी हार्मोन को बढ़ाने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
– डाइट में फल, सब्जियों, अनाज और ओमेगा-3 फैटी एसिड को शामिल करें।
– मस्तिष्क को शांत रखने के लिए पर्याप्त नींद लें।
– तनाव, एंग्जाइटी और डिप्रेशन को कम करने के लिए मेडिटेशन करें।
– हैप्पी हार्मोन का स्तर बढ़ाने के लिए अपनी हॉबीज को आगे बढ़ाएं।
– दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं।
– खुश रहने के लिए महिलाएं खुद को करें पैंपर। महिलाएं पार्लर जाएं, विंडो शॉपिंग करें, कैफे जाएं या फिर किताबें पढ़ सकती हैं।
