Female metabolism concept with nutrition and energy icons on wooden blocks held by a healthcare professional
Female metabolism concept with nutrition and energy icons on wooden blocks held by a healthcare professional

summary: महिलाओं के लिए मेटाबॉलिज्म स्ट्रॉन्ग क्यों होना ज़रूरी है?

बढ़ती उम्र में भी महिलाओं का मेटाबॉलिज्म तेज़ और संतुलित रहना ज़रूरी है, ताकि वजन, एनर्जी, हार्मोन और मानसिक स्वास्थ्य पर बेहतर नियंत्रण बना रहे। हेल्दी मेटाबॉलिज्म महिलाओं को एक्टिव, फिट और सुंदर बनाए रखने में मदद करता है।

Strong Metabolism for Women: तेज़ रफ्तार से दौड़ती आजकल की व्यस्त ज़िंदगी में महिलाएं काफी स्मार्टली घर और करियर दोनों में संतुलन बनाकर चल रही हैं। घर और ऑफिस में काम का दबाव, अपने परिवार से जुडी ज़िम्मेदारियाँ और धीरे-धीरे बढ़ती उम्र का ख्याल रखते हुए हर महिला का फिट और हेल्दी होना बेहद जरूरी है। हर महिला का मेटाबॉलिज्म तेज़ होने के साथ संतुलित भी होना चाहिए। आइये जानते हैं क्या है मेटाबोलिज्म। यह एक तरह की प्रक्रिया है, जो हमारे द्वारा खाए गए खाने को एनर्जी में बदलता है और शरीर की लगभग सभी क्रियाओं को नियंत्रण में रखता है।

हेल्दी मेटाबॉलिज्म न केवल वजन को बढ़ने से रोकता है, बल्कि इसके साथ-साथ हार्मोन के संतुलन, एनर्जी लेवल और पाचन के साथ मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

Strong Metabolism for Women
Female metabolic health, fat-burning and immunity icons shown on wooden blocks in doctor’s gloved hands

महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलाव जैसे प्रेग्नेंसी, पीरियड्स, मेनोपॉज़, ओवुलेशन आदि के समय मजबूत मेटाबॉलिज्म हार्मोन को बैलेंस करने में काफी मददगार साबित होता है। इस तरह महिलाओं को थकान,मूड स्विंग्स, और ब्लोटिंग जैसी समस्याएं का सामना नहीं करना पड़ता है।

मेटाबॉलिज्म अगर धीमे काम कर रहा है , तब शरीर में थकान और सुस्ती बानी रहती है, जबकि मेटाबॉलिज्म के तेज़ी से काम करने पर शरीर को दिनभर पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा मिलती है। मेटाबोलिज्म तेज़ होने पर महिलाएं अपने हर कार्य में काफी एक्टिव रहती हैं चाहे वो ऑफिस हो या घर की ज़िम्मेदारियाँ।

तेज़ मेटाबॉलिज्म पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से शरीर में समाने में मदद करता है, जिससे त्वचा की चमक बरकरार रहती है और साथ ही बालों का स्वास्थ अच्छा रहने लगता है। कमजोर मेटाबॉलिज्म से त्वचा रूखी होने लगती है और साथ ही पिंपल्स होने लगते हैं।

Digestion System
Digestion System

अच्छा मेटाबॉलिज्म डाइजेशन को मजबूत बनाता है। इससे गैस ,कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं। महिलाओं में अक्सर पाचन से जुड़ी परेशानी होती हैं, जो स्ट्रॉन्ग मेटाबॉलिज्म से कम हो सकती हैं।

उम्र बढ़ने के साथ मेटाबॉलिज्म भी धीमा होने लगता है, लेकिन अगर शुरुआत से इस पर ध्यान दिया जाए तो बढ़ती उम्र में भी फिटनेस यूँ ही बनी रहती है। बढ़ती उम्र में भी महिलाओं में हड्डियों और मांसपेशियों को ताकत मिलती रहती है, अगर उनका मेटाबोलिज्म ठीक तरह से काम करता रहता है।

मेटाबॉलिज्म और मानसिक स्वास्थ्य कहीं न कहीं एक दुसरे से जुड़े हुए हैं। तेज़ी से काम करने वाला मेटाबॉलिज्म नर्वस सिस्टम को भी पूरी तरह से एक्टिव बनाये रखता है, जिससे चिंता और डिप्रेशन जैसी परेशानी कम होती है।

weight control
Woman standing on a weighing scale at home to monitor body weight and metabolism balance

महिलाओं का मेटाबॉलिज्म मजबूत होने पर उनका वजन भी नियंत्रण में रहता है। धीमे रूप से काम करने वाला मेटाबॉलिज्म शरीर में मौजूद कैलोरीज़ को बहुत जल्द फैट में बदल देता है, जिससे तेज़ी से वजन बढ़ने लगता है। वहीं दूसरी तरफ तेज़ मेटाबॉलिज्म फैट बर्निंग में सहायता करता है।

उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं का मेटाबॉलिज्म भी धीमे काम करने लगता है, जिससे थकान ,वजन बढ़ना, शरीर में सुस्ती और स्वास्थ्य से जुडी कई समस्याएं होने लगती हैं। लेकिन कुछ नियमित आदतों को अपनाकर मेटाबॉलिज्म को हमेशा ही तेज़ और एक्टिव रखा जा सकता है।

उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाली तरूणा ने 2020 में यूट्यूब चैनल के ज़रिए अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद इंडिया टीवी के लिए आर्टिकल्स लिखे और नीलेश मिश्रा की वेबसाइट पर कहानियाँ प्रकाशित हुईं। वर्तमान में देश की अग्रणी महिला पत्रिका...