वाइट नाइट सिंड्रोम को क्यों कहा जाता है हीरो सिंड्रोम और कैसे हो इसका उपचार
वाइट नाइट सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति खुद को हीरो समझता है और हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहता है। रोगी के लिए इसके लक्षणों को पहचानना और जीवन में कुछ खास बदलाव करना जरूरी है।
White Knight Syndrome: वाइट नाइट सिंड्रोम को हीरो सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति खुद को दूसरों को बचाने वाला यानी रेसक्रूयर या हीरो समझते हैं। इस सिंड्रोम को अधिक नकारात्मक रूप से लिया जाता है। लेकिन, ऐसा नहीं है। यह सिंड्रोम अच्छे लोगों में होना बेहद सामान्य है और यह आमतौर पर उनकी लव लाइफ से जुड़ा होता है। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि बहुत सी महिलाओं को भी यह परेशानी होती है। जिन लोगों को यह सिंड्रोम होता है, वे उन लोगों की ओर आकर्षित होते हैं, जो लगातार मुसीबत में दिखाई देते हैं। लोगों की यह मुसीबत इमोशनल या फिजिकल किसी भी तरह की हो सकती है। इसमें वाइट नाइट सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति खुद को एक ऐसा योद्धा मानता है, जो उस व्यक्ति को उसकी मुसीबतों से बचा सकता है। जानिए इसके बारे में और अधिक।
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वाइट नाइट सिंड्रोम के लक्षण
वाइट नाइट सिंड्रोम से पीड़ित लोग बहुत अधिक केयरिंग और इमोशनल होते हैं। ऐसे व्यक्तियों में इस सिड्रोम का कारण अतीत का कोई खराब अनुभव हो सकता है। उनकी हिस्ट्री में खुद को नुकसान पहुंचाना, ड्रग्स का सेवन, माता-पिता को खोने का डर आदि भी शामिल हो सकते हैं। ऐसे लोगों में इसके निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते हैं:
- इमोशनल अलगाव के डर के साथ खराब पर्सनालिटी
- अधिक इमोशनल और सेंसिटिव होना
- पार्टनर को बहुत अधिक महत्व देना और उससे भी यही उम्मीद करना
- खुद की आलोचना करना
- दूसरों को दोष देना और कंट्रोल करना
- मदद करने के लिए ज्यादा उत्सुक रहना
इस प्रॉब्लम से परेशान लोग ऐसे पार्टनर खोजते हैं, जो मुसीबत या मुश्किल में हो या जिसकी ट्रॉमा, एडिक्शन आदि की हिस्ट्री हो। इसके अलावा रोगी में कुछ अन्य लक्षण भी नजर आ सकते हैं।

वाइट नाइट सिंड्रोम का उपचार
आमतौर पर देखा जाए तो वाइट नाईट सिंड्रोम कम आत्मविश्वास का मामला है। अगर आपको लगता है कि आपको यह समस्या है, तो सबसे पहले आपको इसके लक्षणों को सही से पहचाना होगा। इस समस्या का शिकार पुरुष अधिक होते हैं। अगर आप इस सिंड्रोम से छुटकारा पा कर एक हेल्दी और हैप्पी लाइफ जीना चाहते हैं, तो आपको अपने जीवन में कुछ बदलाव लाने होंगे, जैसे:
- अगर आपको लगता है कि किसी व्यक्ति को आपकी जरूरत है तो उसकी मदद से पहले खुद से यह जरूर पूछें कि क्या सच में इस स्थिति में आपकी जरूरत है? क्या किसी ने आपकी मदद मांगी है? अगर आप मदद करते हैं तो इससे आप पर कुछ नकारात्मक प्रभाव तो नहीं पड़ेगा। हालांकि, शुरुआत में यह करना थोड़ा मुश्किल होगा। लेकिन, फिर आप इसके आदि हो जाएंगे।
- इस सिंड्रोम से पीड़ित लोग खुद को सबका हीरो मानते हैं और उन्हें लगता है कि केवल वो ही समस्या का हल कर सकते हैं। लेकिन, खुद की इस सोच से बदलें। केवल वहीं अपनी राय दें, जहां आपको लगता है कि ऐसा करना जरूरी है।
- इसके बारे में अपने दोस्त, प्रियजन या किसी थेरेपिस्ट बात करें। वो आपका इमोशंस पर कंट्रोल करने के बारे में सही मार्गदर्शन करेंगे।
- इस समस्या से गुजर रहे लोग अपने बारे में नहीं सोचते हैं। अगर आप इससे पीड़ित हैं, तो दिन में कुछ देर केवल अपने बारे में सोचें और अपने शौक को पूरा करने के बारे में विचार करें। खुद का ध्यान रखना इस परेशानी से बाहर आने का अच्छा रास्ता है। अपने आत्मविश्वास को भी बढ़ाएं
