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प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं और इस दौरान उनकी खाने-पीने की पसंद भी तेजी से बदलती हैं। कई गर्भवती महिलाएं खट्टे और तीखे स्वाद वाली चीजें खाना पसंद करती हैं। इन्हीं खट्टी चीजों की टॉप लिस्ट में शामिल है इमली। लेकिन क्या वाकई गर्भावस्था में इमली खाना फायदेमंद है, कहीं इसके ज्यादा सेवन से नुकसान तो नहीं होगा।
Tamarind During Pregnancy: प्रेगनेंसी में इमली खाने का मन करता है! बॉलीवुड फिल्मों में इस बात को इस तरह से दिखाया गया कि इमली और गर्भावस्था को एक दूसरे से जोड़ दिया गया है। यह बात काफी हद तक सही भी है। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं और इस दौरान उनकी खाने-पीने की पसंद भी तेजी से बदलती हैं। कई गर्भवती महिलाएं खट्टे और तीखे स्वाद वाली चीजें खाना पसंद करती हैं। इन्हीं खट्टी चीजों की टॉप लिस्ट में शामिल है इमली। लेकिन क्या वाकई गर्भावस्था में इमली खाना फायदेमंद है, कहीं इसके ज्यादा सेवन से नुकसान तो नहीं होगा। अगर आप भी इस जानकारी से अनजान हैं तो आपके लिए यह जरूरी बात जानना बेहद आवश्यक है।
इमली के हैं कई स्वास्थ्य लाभ

इमली एक खट्टा फल है, जो विटामिन सी से भरपूर होता है। ऐसे में सीमित मात्रा में इसे खाने के ढेर सारे फायदे हैं। इमली में पोटेशियम, आयरन, पॉलीफेनॉल्स, फ्लेवोनोइड, फाइबर, विटामिन ए और विटामिन सी के साथ ही कई अन्य खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं। यही कारण है कि इमली का सेवन कुछ महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस, उल्टी और मतली से राहत देने में मदद करता है। इसके अलावा यह शरीर में आयरन के अवशोषण को बढ़ावा देने में भी सहायक होती है। लेकिन गर्भावस्था में इमली का ज्यादा सेवन करना खतरनाक हो सकता है। यह गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए खतरा बन सकता है।
हो सकता है गर्भपात का खतरा
इमली में विटामिन सी बहुत ज्यादा होता है, जो गर्भावस्था में बड़ी चिंता का कारण बन सकता है। विटामिन सी की अत्यधिक खुराक शरीर में प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन को कम कर सकती है, जिससे गर्भपात का जोखिम बढ़ सकता है। खासकर गर्भावस्था के पहले और दूसरे महीने में अधिक विटामिन सी का सेवन गर्भपात का कारण बन सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को इमली का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
समय से पहले शिशु का जन्म
इमली का अधिक सेवन समय से पहले शिशु के जन्म का कारण भी बन सकता है। विटामिन सी के उच्च स्तर से गर्भाशय में संकुचन होने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे प्रीमेच्योर बर्थ का जोखिम बढ़ सकता है। यह विशेष रूप से तब ज्यादा होता है जब विटामिन सी का स्तर बहुत ज्यादा होता है।
कब्ज और पेट की समस्याएं
इमली का अधिक सेवन कभी-कभी गर्भवती महिलाओं में कब्ज, दस्त या पेट की खराबी का कारण बन सकता है। कब्ज और दस्त दोनों ही स्थितियां गर्भवती महिलाओं और गर्भस्थ शिशु के लिए बड़ा खतरा मानी जाती हैं।
ब्लड शुगर और प्रेशर में उतार-चढ़ाव
गर्भावस्था में इमली का अत्यधिक सेवन आपके ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर लेवल पर भी प्रभाव डाल सकता है। इमली का सेवन अधिक करने से ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर असंतुलित हो सकते हैं, जो मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे में अगर आप इमली खाना पसंद भी करती हैं तो भी इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करें।
