OCD के संकेत हैं अनोखे, आप भी जानिए
ओसीडी से ग्रसित व्यक्ति को एक ही तरह का विचार बार-बार मन में आता है और वह विचार लंबे समय तक परेशान करता है, चाहे वह साफ-सफाई को लेकर हो या फिर किसी भी चीज को लेकर जरूरत से अधिक चिंता करना शामिल है।
OCD Symptoms: ओसीडी यानि ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर, एक मानसिक विकार है। इसका नाम सुनते ही आपको लगता होगा कि यह साफ-सफाई से जुड़ी एक मानसिक बीमारी है लेकिन ऐसा बिल्कुल भई नही हैं। इस विकार से ग्रसित व्यक्ति को कई तरह के नकारात्मक विचार भी मन में आते हैं, जो उनके लिए और उनके आसपास रहने वाले लोगों के लिए जानलेवा भी हो सकते हैं। ओसीडी से ग्रसित व्यक्ति को एक ही तरह का विचार बार-बार मन में आता है और वह विचार लंबे समय तक परेशान करता है, चाहे वह साफ-सफाई को लेकर हो या फिर किसी भी चीज को लेकर जरूरत से अधिक चिंता करना शामिल है।
आज हम आपको इस लेख में ओसीडी के ऐसे लक्षणों के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में शायद ही आप जानते हों।

बार-बार चीजों की लिस्ट बनाना
ओसीडी से ग्रसित व्यक्तियों को अक्सर इस बात का डर लगा रहता है कि कहीं वे कुछ भूल तो नहीं रहे हैं। इसलिए वे कई दैनिक गतिविधियों ( जैसे दांतों में ब्रश, ब्रेकफास्ट करना इत्यादि) को याद करने के लिए कई बार लिस्ट बनाते हैं। हालांकि, कुछ रिसर्च में बताया गया है कि ओसीडी से ग्रसित व्यक्तियों की याददाश्त क्षमता कमजोर नहीं होती है, इसलिए इस तरह की लिस्ट बनाना वास्तव में अनावश्यक है। इस तरह की लिस्ट बनाना एक तरह से मजबूरी माना जाता क्योंकि लिस्ट ओसीडी वाले व्यक्ति को बार-बार भ्रम होता रहता है कि वे कुछ भूल रहे हैं। इस वजह से वे कभी समझ नहीं पाते हैं कि उन्हें किसी तरह की लिस्ट बनाने की जरूरत नहीं है। ओसीडी से ग्रसित व्यक्ति आम चीजों को भी याद रखने के लिए लिस्ट बनाने लग जाते हैं, जैसे- हाथ धोना, प्रदूषण से कैसे बचें इत्यादि। ओसीडी में इस तरह के संकेत दिखना काफी आम है।

हमेशा कुछ गलत हो जाने का डर
ओसीडी से ग्रसित लोगों में लगातार इस बात का डर मना रहता है कि कहीं कुछ गलत तो नहीं हो गया, उन्होंने कुछ गलत को नहीं किया या उनसे कोई गलती हो गई। ऐसे में कई बार वे इस डर तरह के डर से निपटने की कोशिश करते हैं। इसलिए वे हर को छोटे से छोटे कार्यों और बातों के बारे में लोगों को काफी ज्यादा विस्तार से बताने लगते हैं।

ओसीडी से ग्रसित व्यक्तियों का यह व्यवहार अक्सर रिश्तों में परेशानी पैदा कर सकता है। उदाहरण के लिए पति से बार-बार पूछना कि मैं कैसी लग रही हूं, अच्छा जबाव मिलने पर भी असंतुष्ट रहना, अपनी गलती को लगातार कई बार दूसरों के सामने कबूल करना इत्यादि। इतना ही नहीं ओसीडी से ग्रसित व्यक्ति डॉक्टर- को भी बार-बार अपनी मानसिक स्थिति के बारे में बताना जिसे हर व्यक्ति सुनकर थक जाता है। उन्हें समझाना मुश्किल हो जाता है कि सामने वाले को उनकी बात अच्छे से समझ आ गई है।
हेल्थ को लेकर बहुत ज्यादा चिंता करना
कुछ ओसीडी से ग्रसित व्यक्तियों को हेल्थ से लेकर काफी ज्यादा चिंता रहती है। वह बार-बार अपनी छोटी से छोटी समस्या को लेकर बैठ जाते हैं। हल्के से दर्द या फिर थोड़ा सा भी असहज महसूस करने पर उन्हें लगता है कि कहीं उन्हें कोई घातक बीमारी तो नहीं हो गई है। कई बार वे इस बात को लेकर अपने परिवार वालों को बार-बार डॉक्टर से पास ले जाने की मांग करते हैं। कुछ स्थितियों में तो मरीज डॉक्टर्स तक के ट्रीटमेंट से निराश रहता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि डॉक्टर उनकी समस्या को समझ नहीं पा रहे हैं और सही से इलाज नहीं कर रहे हैं।

एक्सीडेंट न हो जाए, इसका डर
इस तरह के ओसीडी से ग्रसित व्यक्तियों को इस बात का डर बना रहता है कि कहीं किसी तरह का एक्सीडेंट न हो जाए। ऐसे व्यक्ति हर एक छोटी से छोटी चीजों को एक्सीडेंट से जोड़ने लग जाते हैं। इसलिए वे यात्रा करने से भी डरते हैं। इतना ही नहीं, ऐसे व्यक्तियों को पैदल चलते समय भी एक्सीडेंट होने का डर लगा रहता है। वे साइकिल से लेकर गाड़ियों तक से जानें में डरते हैं। साथ ही उन्हें दूसरों को लेकर भी इसी तरह का डर लगा रहता है।

हर समय परफेक्शन
ओसीडी के अंतर्गत यह एक ऐसा लक्षण होता है, जिसमें व्यक्ति को हर एक चीजें को लेकर इस बात की दिक्कत होती है कि वे सही से क्यों नहीं रखी हैं। कोई भी रंग मिले तो वे उसे भी चाहते हैं कि यह इंद्रधनुष की तरह सजा हो या फिर सही लाइन में रखा हो। अगर चीजें सही से बराबर नहीं रखी होती हैं, तो उनका पूरा ध्यान उसपर बना रहता है। वे बार-बार इस चीज को लेकर चिंतित रहते हैं।

इसकी वजह से उनके दिमाग में अजीब सा ख्याल आ जाता है। हद तो इस बात का है कि उन्हें अगर चीजें ऑर्डर में न लगी हों, तो कुछ बुरा होने का डर लगा रहता है। ऐसे व्यक्तियों को इस बात की ही चिंता रहती है कि वह चीजों को एक लाइन या आर्डर में रख दें। चाहे वह अल्फाबेटिकल हो, कलर्ड हो, न्यूमेरिकल हो कैसा भी हो, लेकिन एक ऑर्डर में होनी चाहिए।
ओसीडी से ग्रसित व्यक्तियों में इस तरह के संकेत नजर आते हैं। अगर आपको भी इस तरह से असहज महसूस होता है या फिर किसी तरह की मानसिक समस्या होती है, तो इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर या फिर मनोचिकित्सक से सलाह लें।