Moon Face Symptoms: जब हम किसी की खूबसूरती की तारीफ करते हैं तो उसकी तुलना चांद से करते हैं। चांद जैसी उजली और बेदाग त्वचा हर कोई पाना चाहता है। लेकिन कई बार दवाईयों या फिर बीमारी के कारण आपका चेहरा सामान्य से अधिक मोटा व सूजा नजर आने लगता है। ये लक्षण मून फेस के हो सकते हैं। मून फेस एक ऐसी समस्या है जिसमें व्यक्ति को किसी प्रकार की समस्या नहीं होती लेकिन फेस का फूलापन उसकी पर्सनेलिटी और खूबसूरती को खराब कर सकता है। आखिर मून फेस है क्या और इससे कैसे निपटा जा सकता है चलिए जानते हैं इसके बारे में।
मून फेस क्या है

मून फेस की स्थिति में चेहरा गोल और फूला हुआ नजर आता है। ये समस्या अक्सर चेहरे पर असामान्य वसा यानी फैट की वजह से होती है। इस समस्या के लिए कई शारीरिक बदलाव, मेटाबॉलिज्म और दवाईयां जिम्मेदार हो सकती हैं। मून फेस वाले व्यक्ति को किसी प्रकार की शारीरिक समस्याएं नहीं होती लेकिन चेहरा सामान्य से अधिक फूल जाने की वजह से भद्दा और खराब दिखाई देने लगता है।
मून फेस के कारण
कुशिंग सिंड्रोम: मून फेस का सबसे अहम और बड़ा कारण है कुशिंग सिंड्रोम। कुशिंग सिंड्रोम ऐड्रेनल ग्रंथियों द्वारा उत्पादित कोर्टिसोल हार्मोन के अधिक उत्पादन के कारण होता है। जिसकी वजह से चेहरा फूला हुआ नजर आने लगता है।
पीसीओएस: पीसीओएस से प्रभावित महिलाएं हार्मोनल इमबैलेंस का अनुभव कर सकती हैं जो वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है।
मोटापा: शरीर के विभिन्न अंगों में वसा का जमाव मून फेस का कारण बन सकता है। इस स्थिति में चेहरा गोल और चांद के आकार का नजर आने लगता है।
हायपोथायराइड: अंडरएक्टिव थायराइड वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है जो मून फेस के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
कर्टिकोस्टेरॉइड: गठिया, अस्थमा और ऑटोइम्यून समस्याओं के लिए अक्सर कर्टिकोस्टेरॉइड प्रिसक्राइब की जाती हैं। जिसके साइड इफेक्ट के कारण मून फेस की समस्या हो सकती है।
मून फेस के लक्षण
पतली त्वचा: मून फेस की वजह से चेहरे की त्वचा सामान्य से कहीं अधिक पतली हो सकती है। जिससे चोट लगने और खिंचाव की समस्या हो सकती है।
वजन बढ़ना: मोटापे के कारण व्यक्ति शरीर के अन्य अंगों में भी वजन बढ़ने का अनुभव कर सकते हैं। खासकर पेट और गले पर फैट आसानी से नजर आने लगता है।
हाई बीपी: मून फेस की स्थिति में हाई बीपी की समस्या भी हो सकती है। हाई बीपी की वजह से सिर में दर्द और चक्कर महसूस हो सकते हैं।
बालों की अधिक ग्रोथ: हार्मोनल चेंजेज के कारण चेहरे, सीने, चिन और पीठ पर सामान्य से अधिक बालों की ग्रोथ हो सकती है।
कमजोरी: इस स्थिति में व्यक्ति थकान और कमजोरी का अनुभव कर सकता है। पीसीओएस और हायपरथायरॉइड की वजह से भी कमजोरी महसूस हो सकती है।
मून फेस से कैसे निपटें

– मून फेस की समस्या से निपटने के लिए जरूरी है कि आप स्टेरॉइड का कम से कम उपयोग करें।
– पीसीओएस और थायरॉइड कंट्रोल करने वाली दवाओं का सेवन करें।
– यदि आपको किसी प्रकार के ट्यूमर की समस्या है तो उसे आवश्यक सर्जरी द्वारा हटवाया जा सकता है। इससे मून फेस की समस्या कम हो सकती है।
– वजन कम करने के लिए योग, एक्सरसाइज और बैलेंस्ड डाइट को अपनाया जा सकता है।
– लाइफस्टाइल में बदलाव कर डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है।
– कॉस्मेटिक सर्जरी से फेस के फैट को कम किया जा सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
– मून फेस की समस्या अस्थाई हो सकती है इसलिए इस स्थिति में पैनिक न हों।
– अपना ब्लड शुगर लेवल हमेशा कंट्रोल में रखें।
– रेग्यूलर बॉडी चेकअप करवाते रहें।
– जहां तक हो सके फिजिकली एक्टिव रहें।
– बैलेंस्ड और क्लीन डाइट लें।
