Couple walking hand-in-hand down a palm-lined road during the Goa monsoon, surrounded by lush greenery and overcast skies.
Goa Trip in monsoon

Summary: मानसून में गोवा की यात्रा: जहाँ बारिश रचती है रोमांच और संस्कृति

मानसून में गोवा अपने झरनों, सांस्कृतिक पर्वों और रोमांचक ट्रेल्स के साथ एक आत्मिक यात्रा बन जाता है। यह मौसम गोवा को भीड़ से हटकर शांति, सौंदर्य और परंपरा का जीवंत अनुभव देता है।

Goa Monsoon Trip: मानसून की पहली बूँद जैसे ही गोवा की धरती को छूती है, यह राज्य अपने असली, शांत और आत्मीय रूप में खिलने लगता है। चकाचौंध वाले टूरिस्ट सीज़न की जगह यह समय होता है धुंध में लिपटी कोकण की पहाड़ियों, मिट्टी की सोंधी महक और झरनों की गूंज से गूंजते जंगलों का। पुराने चर्च, मंदिर और विरासत घरों की भीगी दीवारों पर बारिश की बूंदें मानो कहानियाँ लिखती हैं।

यह मौसम उन यात्रियों के लिए है जो जगहों को उनकी नमी, उनकी सांस्कृतिक परतों और मौन सौंदर्य में समझना चाहते हैं, जो बारिश को सिर्फ मौसम नहीं, बल्कि एक अनुभव मानते हैं। मानसून में गोवा सिर्फ एक ट्रैवल डेस्टिनेशन नहीं, बल्कि एक आत्मिक यात्रा बन जाता है जहाँ रोमांच, संस्कृति और प्रकृति मिलकर एक गहराई भरा अनुभव रचते हैं, एक ऐसा गोवा जो दिल की भाषा में बोलता है।

Goa Monsoon Trip
Goa in Monsoon

नेत्रावळी, दक्षिण गोवा
सांगे तालुका में बसा नेत्रावळी उन यात्रियों के लिए है जो शांति और आत्मिक जुड़ाव की तलाश में हैं। घना जंगल, पक्षियों की चहचहाहट और हवा की सरसराहट यहाँ का संगीत बन जाते हैं। ‘बबल लेक’ की रहस्यमय बुदबुदाहट आपको चौंकाती नहीं, भीतर तक छू जाती है।
यहाँ के ईको-लॉज और होमस्टे प्रकृति से रिश्ता जोड़ने का अवसर देते हैं सादा, लेकिन बेहद गहरा।

चोर्ला घाट
पश्चिमी घाटों में बसा यह घाट गोवा-कर्नाटक की सीमा पर एक शांत रोमांटिक ठिकाना है। धुंध भरी सड़कों, ठंडी हवाओं और हरियाली के बीच ड्राइव करना एक यादगार एहसास बन जाता है। यहाँ के वाइल्डरनेस्ट और नेचर्स नेस्ट जैसे रिसॉर्ट्स ट्रीटॉप स्टे और घाटियों के नज़ारों के साथ एक अनोखा अनुभव देते हैं।

दिवाडी द्वीप
ओल्ड गोवा से फेरी के ज़रिए पहुँचा जाने वाला यह द्वीप भीड़-भाड़ से दूर एक शांत कोना है। यहाँ पुर्तगाली शैली के घर, हरे-भरे खेत और आत्मीय स्थानीय लोग मिलकर एक पुरानी पोस्टकार्ड-सी दुनिया रचते हैं। यह जगह खास है उन लोगों के लिए जो यात्रा में शांति, विरासत और सच्चे पलों की तलाश करते हैं।

जैसे ही मानसून की बारिश धरती को छूती है, गोवा के झरने फिर से जीवंत हो उठते हैं मानो हर चट्टान के बीच से कोई पुराना गीत गूंजने लगता हो। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह मौसम एक वरदान है जहाँ हर झरना जीवन की गति का प्रतीक लगता है। और फोटोग्राफर्स के लिए, यह समय लाइट, मूड और मूवमेंट का सबसे जादुई मेल है।

दूधसागर जलप्रपात
भगवान महावीर अभयारण्य में स्थित दूधसागर झरना मानसून में अपने पूरे शबाब पर होता है। “दूध का समुद्र” कहलाने वाला यह झरना भारत के सबसे ऊँचे झरनों में से एक है। बारिश में इसकी धाराएँ बेहद प्रबल हो जाती हैं। कुळे से जीप सफारी या ट्रेक करते हुए यहाँ पहुँचना अपने आप में एक रोमांच है।

Waterfall flowing through lush greenery during the Goa monsoon, with muddy waters and nearby village rooftops.
Waterfall in Goa

तांबड़ी सुर्ला जलप्रपात
मोल्ले के पास स्थित यह झरना 12वीं सदी के महादेव मंदिर के नज़दीक है। घना जंगल और पहाड़ों की गोद में बहता यह झरना मानसून में खासा सक्रिय हो जाता है।यहाँ प्रकृति की सादगी और इतिहास की भव्यता साथ नजर आती है।

हरवळे जलप्रपात

साखळी के पास डिचोली क्षेत्र में स्थित यह झरना घोड़े की नाल जैसी बनावट के लिए जाना जाता है। बारिश के मौसम में इसकी धाराएँ और हरियाली इसे बेहद आकर्षक बना देती हैं। आसपास की गुफाएँ और प्राचीन मंदिर इस जगह को आध्यात्मिक स्पर्श देते हैं।

कुस्के जलप्रपात

काणकोण के शांत कुस्के गांव में बसा यह झरना प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। अगस्त से सितंबर के बीच यह अपनी पूरी भव्यता में नजर आता है। घने हरियाले जंगलों और ताजगी भरी हवा के बीच इसका जलप्रवाह मंत्रमुग्ध कर देता है।

Raft drifting on a calm river surrounded by dense greenery during the Goa monsoon.
Rafting

नेत्रावळी जलप्रपात
मडगांव से करीब 50 किमी दूर स्थित यह झरना ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए एक इनाम जैसा है। घने जंगलों से होकर गुजरने वाला रास्ता रोमांच से भरपूर होता है। झरने के पास पहुँचते ही ठंडी फुहारें तन-मन को तरोताज़ा कर देती हैं। यह स्थान प्रकृति के एकांत और ताजगी का सुंदर संगम है।

केसरवाल जलप्रपात

पणजी से सिर्फ 22 किमी की दूरी पर स्थित यह झरना मानसून में जीवंत हो उठता है। यह न केवल देखने में सुंदर है, बल्कि इसके खनिज-समृद्ध जल को स्वास्थ्यवर्धक भी माना जाता है। चारों ओर फैली हरियाली और चट्टानों से गिरती धाराएँ शांति का अनुभव कराती हैं। परिवार या एकांतप्रिय यात्रियों के लिए यह एक छोटा लेकिन सुकूनदायक ठिकाना है।

मानसून सिर्फ मौसम नहीं, गोवा की आत्मा में गूंजता उत्सव है। यह समय है जब खेत लहराते हैं, मंदिरों और चर्चों में रीतियाँ सजती हैं। ईसाई, हिंदू और आदिवासी समुदाय मिलकर जीवन के उल्लास को बाँटते हैं। यहाँ हर त्योहार, हर परंपरा बारिश की हर बूँद के साथ जीवंत हो उठती है।

सांजाव महोत्सव (24 जून)
यह उत्सव साओ जोआओ संत के सम्मान में मनाया जाता है। पुरुष पारंपरिक पहनावे में कुओं और तालाबों में कूदते हैं जीवन के उल्लास का प्रतीक बनकर। सिर पर फूलों की रंग-बिरंगी मालाएं और लोकगीतों की गूंज माहौल को जीवंत कर देती है।

Festival crowd near a white church with palm trees and boats on a river during the Goa monsoon.
Festivals in Goa during monsoon

सांगोड महोत्सव (29 जून)
असोलणा गाँव में मनाया जाने वाला यह त्योहार मछुआरे समुदाय की श्रद्धा का प्रतीक है।
सेंट पीटर और पॉल को समर्पित इस दिन, नावें सजती हैं जैसे चलती हुई मंदिरें।
नौकाओं पर होते हैं भक्ति गीत, लोकनृत्य और प्रार्थनाएं।

चिखल कालो महोत्सव
फोंडा के माशेल गांव में होने वाला यह मड फेस्टिवल बेहद अनोखा है।यह श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से प्रेरित है जहाँ बच्चे नहीं, बड़े भी बाल बन जाते हैं। मिट्टी में फिसलना, पारंपरिक खेल खेलना और हँसी से भर जाना यही इसकी आत्मा है।

तावशाचे फेस्त
तळावली के चर्च में मनाया जाने वाला यह अनोखा उत्सव ‘ककड़ी’ यानी उपज के प्रति कृतज्ञता दर्शाता है। नारियल, सब्ज़ियाँ और फलों के साथ सामूहिक प्रार्थना की जाती है। यह उत्सव प्रकृति, परिश्रम और आस्था के मधुर संगम को दर्शाता है।

बोंदेरा महोत्सव (अगस्त)
दिवाडी द्वीप पर अगस्त में मनाया जाने वाला यह उत्सव सांस्कृतिक रचनात्मकता का पर्व है। रंगीन झंडे, फूलों से सजे फ्लोट्स और पारंपरिक पोशाकों में सजे लोग इसका हिस्सा होते हैं। सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं, गीत-संगीत और लोक नृत्य इसे जीवन्त बनाते हैं। यह एक साथ कई परंपराओं और समुदायों को जोड़ने वाला त्योहार है।

पश्चिमी घाट में ट्रेकिंग
मानसून में चरावणे जलप्रपात (वालपई) और सात्रेगड ट्रेक (म्हादई) जीवन से भर उठते हैं। हर कदम पर घना कोहरा, भीगी मिट्टी और पक्षियों की आवाज़ रोमांच का साथ देते हैं। इन ट्रेक्स में जंगल, झरने और ऊँचाइयाँ मिलकर एक अद्भुत अनुभव रचते हैं।

Group rafting on a rocky river during the Goa monsoon, enjoying a water adventure.
Adventure in Goa during monsoon

म्हादई नदी में वाइट वॉटर राफ्टिंग
जुलाई से सितंबर तक मानसून में राफ्टिंग का मज़ा दोगुना हो जाता है। म्हादई नदी की तेज़ धाराएँ, घने वर्षावन और तेज़ हवाएँ रोमांच को चरम पर ले जाती हैं। यह अनुभव सिर्फ खेल नहीं, बल्कि प्रकृति की ताक़त से दोस्ती करने जैसा है।

मानसून ट्रेल्स
चोडण द्वीप की मसालों की बग़ीचियाँ, मांडवी की क्रूज़ यात्रा और घने ट्रेक्स मानसून में अलग रूप ले लेते हैं। जीटीडीसी द्वारा आयोजित गाइडेड ट्रेक्स दूधसागर, तांबड़ी सुर्ला और नेत्रावळी जैसे स्थलों तक ले जाते हैं।  इन ट्रेल्स में सिर्फ प्रकृति नहीं, स्थानीय संस्कृति और जैव विविधता भी मिलती है। यह ट्रैकिंग नहीं, इको-टूरिज़्म और आत्मिक जुड़ाव की एक यात्रा बन जाती है।

तो मानसून आपके भीतर क्या जगाता है भीगी मिठास, रोमांच या संस्कृति की लय? जो भी हो, गोवा हर एहसास के लिए तैयार है। इस बार समंदर की रौनक से आगे बढ़िए और उस गोवा को महसूस कीजिए जो बारिश में खिलता है, कहानियाँ कहता है और आत्मा को छू जाता है। मानसून में गोवा, एक जगह नहीं, एक गहराई भरा अनुभव है।

सोनल शर्मा एक अनुभवी कंटेंट राइटर और पत्रकार हैं, जिन्हें डिजिटल मीडिया, प्रिंट और पीआर में 20 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने दैनिक भास्कर, पत्रिका, नईदुनिया-जागरण, टाइम्स ऑफ इंडिया और द हितवाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया...