Stale Food Disadvantages: आधुनिक लाइफस्टाइल की बदौलत हमारी खानपान की आदतों में काफी बदलाव आया है। बिजी लाइफ की वजह से हालात यह हो गए हैं कि एक टाइम बनाया खाना फ्रिज में स्टोर करके रखते हैं और दो-तीन दिन गर्म करके खाते रहते हैं। फूड स्टैंडर्ड एजेंसी (एफएसए) के मुताबिक फ्रिज में रखा खाना खराब भले ही न लगे, लेकिन फर्मेंट होने की वजह से सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
असल में बचे हुए बासी खाने में हानिकारक बैक्टीरिया और दूसरे हानिकारक माइक्रोऑर्गेनिज्म पनपने लगते हैं जो व्यक्ति के पेट में पहुंचकर शरीर में विषैले तत्व और कैमिकल बनाने शुरू कर देते हैं जिससे एसिडिटी, डायरिया, पेट में दर्द, अपच, डायरिया जैसी डायजेशन संबंधी समस्याएं होने लगती है। शरीर में पानी की कमी होने पर डिहाइड्रेशन हो सकता है। कई मामलों में फूड पॉइजनिंग की संभावना भी रहती है। कई बार बासी खाना धीरे-धीरे शरीर में अंदर ही अंदर कई बीमारियों को जन्म देता है जिसका पता समय बीतने पर ही पड़ता है। व्यक्ति मोटापा, लिवर से जुड़ी समस्याएं, कोलेस्ट्राॅल, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट संबंधी बीमारियां होने का खतरा रहता है।
बासा न खाएं ये खाद्य पदार्थ
आहार विशेषज्ञों ने कई ऐसे खाद्य पदार्थों की पुष्टि की है जो पकाने के 2 घंटे के बाद बासी होना शुरू हो जाते हैं। अगर जरूरी हो तो सुबह बना खाना दोपहर तक या हद से हद उसी दिन डिनर में खा लेना चाहिए। फ्रिज में रखा 1-2 दिन पहले बना खाना दोबारा गर्म करके खाना सेहत को नुकसान पहुंचाता है। स्वास्थ्य के लिहाज से जिनका यथासंभव परहेज करना बेहतर है-
चावल

बासी होने पर पके हुए चावल में बैसिलेस सैरियस बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो चावल को खराब करने लगते है। दोबारा गर्म किए बासी चावल टाॅक्सिक हो जाते है जिनसे फूड पाॅयज़निंग भी हो सकती है। मोटापा, पेट फूलना, एसिडिटी, कब्ज, अपच और डायरिया जैसी समस्याएं होती हैं।
आलू
आलू चाहे सब्जी में हो या किसी दूसरे रूप में-इसे गर्म करके नहीं खाना चाहिए। बासी खाने से इसके पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। इन्हें दोबारा गर्म करके खाने पर डायजस्टिव सिस्टम पर बुरा असर डालते हैं।
पालक

फाइबर में रिच पालक हमारी आंतों को साफ करने में मदद करता है। यानी आंतों में जमे कोलेस्ट्राॅल को डिटाॅक्स करने का काम करता है। लेकिन पालक पकी हुई ताजी और गर्म खाना बेहतर है। लेकिन 2 घंटे बाद रूम टैम्परेचर में आने पर या एक बार ठंडी हो जाने पर अगर दोबारा खाना हो, तो उसे गर्म किए बिना खाना चाहिए। दोबारा गर्म करने से पालक में मौजूद नाइट्रेट ऐसे तत्व में बदल जाता है जिससे कैंसर होने का खतरा रहता है। अगले दिन खाने पर डायजेस्टिव सिस्टम को काफी मेहनत करनी पड़ती है, कई बार डायजेशन में गड़बड़ी होने पर अपच की समस्या भी आ सकती है।
मशरूम
कोशिश करें कि मशरूम हमेशा फ्रेश ही खाएं। प्रोटीन में रिच होते हैं। दोबारा गर्म करके खाने पर इनके प्रोटीन का कम्पोजीशन बदल जाता है और यह सेहत के लिए हानिकारक हो जाता है।
चुकंदर

कच्चे चुकंदर को 3-5 सप्ताह तक स्टोर किया जा सकता है। लेकिन पकाने पर इसके अंदर ग्लूकोज़ एक्विट होने लगता है और शक्कर के रूप में कंवर्ट हो जाता है। 2 घंटे के बाद खाने पर इसे डायजस्ट करने के लिए शरीर को इंसुलिन का स्राव ज्यादा मात्रा में करना पड़ता है। डायबिटीज की स्थिति में पका हुआ चुकंदर 2 घंटे के बाद खाना नुकसानदायक होती है। अगर चुकंदर दोबारा खाना भी हो , तो अगली बार खाने के कुछ घंटे पहले बाहर निकालकर रख देना चाहिए। दोबारा गर्म करने के बजाय रूम टैम्परेचर पर आने पर ही खाना चाहिए।
अंडा
अमेरिकी संस्थान फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेटिव (एफडीए) के हिसाब से अंडे में मौजूद सैल्मोनेला बैक्टीरिया अंडा पकाने के 2 घंटे बाद एक्टिव होना शुरू हो जाता है। यह बैक्टीरिया कोलेस्ट्राॅल बहुत ज्यादा बढ़ाता है। ताजा पका या उबला अंडा पूरा खा सकते हैं, लेकिन पका हुआ अंडा रखकर नहीं खाना चाहिए। अंडे को दोबारा गर्म करने से यह टॉक्सिक हो सकता है। साथ ही उबालते हुए ध्यान रखें कि उबलते पानी में अंडे को 4-5 मिनट ही पकाना चाहिए। ओवरकुक अंडे अंदर से नीले रंग का या पीली जर्दी पाउडर की तरह टूटने लगती है-इसे नहीं खाना चाहिए।
चिकन

चिकन में भी सैल्मोनेला बैक्टीरिया होता है। साथ ही इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। दोबारा गर्म करके खाने से प्रोटीन-कम्पोजीशन बदल जाता है और डायजेशन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। खासकर होटल या रेस्तरां में मिलने वाले चिकन व्यंजन नुकसानदेय होते हैं क्योकि ज्यादातर सुबह या एक रात के बने होते है।
(डाॅ चेतना बंसल, आहार विशेषज्ञ, अपोलोमैडिक्स अस्पताल, लखनऊ)