सर्दियों में बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा: Deadly Disease in Winter
Deadly Disease in Winter

Deadly Disease in Winter: सर्दियों का मौसम अनेक बिमारियों को अपने साथ लाता है। इन बीमारियों से आप खुद को कैसे बचाए रख सकते हैं, बता रहे हैं पीलिभीत के जाने माने (एमडी,पीएचडी) डॉ. वीरेन्द्र कुमार श्रीवास्ताव।

सर्दियों का मौसम जहां बहुत खुशनुमा सा लगता है, वहीं इस मौसम में होने वाली अनेकों बीमारियां होने का खतरा हमेशा बना रहता है। सर्दियों के मौसम में थोड़ी सी लापरवाही का मतलब बहुत सी बीमारियों को बुलावा देना है। अगर हम थोड़े सजग होकर पूरी तैयारी के साथ सर्दियों के इस लुभावने मौसम का स्वागत करें तो हम मौसम का लुत्$फ उठा सकते हैं। सर्दी, जुकाम, बुखार, थ्रोट इन्फेक्शन आदि समस्याएं सर्दियों के मौसम में आम होती हैं। जो लोग सर्दियों में सजग होकर इन सभी बातों का ध्यान रखते हैं और बदलते मौसम में अपना ख्याल रखते हैं, उन तक तो सर्दियों की ये बीमारियां पहुंच ही नहीं पातीं, इसके विपरीत थोड़ी सी असावधानी और बदलते मौसम में शरीर की जरूरतों का ध्यान न रखना, बीमारियों को शरीर में खुला निमंत्रण
है। ऐसे में क्यों न सावधानी बरतकर स्वस्थ रहा जाए और खुशनुमा सर्दियों का बेफिक्र होकर आनंद लिया जाए। यहां हम आपको सर्दियों में होने वाली 10 बीमारियों के बारे में बताएंगे।

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सार्दियों मे कोलेस्ट्रोल बढ़ने का खतरा अत्यधिक होता है। मौसम के बदलाव के साथ ब्लड लिपिड स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है। सर्दियों में यह बढ़ सकता है, ब्लड लिपिड के स्तर में बदलाव का मतलब
है आपके कोलेस्ट्रॉल में बदलाव। यानी कि सर्दियों में कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने की संभावनाएं ज्यादा होती है जोकी आपके दिल की सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। सर्दियों में कोलेस्ट्राल पर काबू रखने के लिए जाने इससे कैसे बचाव किया जाये।

सेहतमंद फैट का चुनाव

सैचुरेटेड फैट अस्वस्थ एलडीएल बढ़ाते हैं और ट्रांस फैट को कम करते हैं, जो एलडीएल और प्रोटेक्टिव एचडीएल को बढ़ाता है। इसलिए इससे परहेज करें। उसकी जगह पर सेहतमंद अनसेचुरेटेड फैट
मछली, नट्स और वेजीटेबल ऑयल्स प्रयोग करें।

साबुत अनाज खाएं

साबुत अनाज ब्रेड, पास्ता, सीरियल्स ब्लड शुगर बढ़ने से बचाते हैं और दिन भर पेट
भरा रहता है। इनमें फाइबर होता है, जो एलडीएल का स्तर कम करता है। सेहतमंद आदतें अपनाएं ज्यादा फल और सब्जियां खाएं। प्रोसेस्ड फूड की जगह इनका प्रयोग करें। फैट फ्री दूध लें। लो फैट दही लें और कम चीनी वाले ब्रेड अपनाये।

Deadly Disease in Winter-Asthma
Asthma

अस्थमा एक प्रकार की एलर्जिक बीमारी है। सर्दियों मे खासकर अस्थमा से पीड़ित लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। सर्दियों में कोहरा बढ़ जाने के कारण एलर्जी के तत्वहवा में उड़ नहीं पाते और आसपास ही बने रहते हैं। इसी वजह से अस्थमा के रोगियो के लिए ये शुष्म तत्व परेशानी का सबब बन जाते हैं। इस कारण इस मौसम में ऐसे लोगों के लिए धूल-मिट्टी से बचना बहुत जरूरी है। दवा खा रहे हैं तो उसे नियमित रूप से लेंते रहें, अन्यथा ये समस्या बड़ी भी बन सकती है

साइनसाइटिस की तकलीफों से बचे रहने के लिए स्वस्थ भोजन करें और ठंड से बचें, बहुत सारे तरल पदार्थ पीएं। धूल से दूर रहें। कई लोगों को ठंडी हवा एवं ठंड के कारण सिरदर्द होता है, जो आसानी से कम नहीं
होता।

sardee-jukaam
sardee-jukaam

तापमान में परिवर्तन के कारण सर्दीजु काम जैसी बीमारी बहुत ही आम है। अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हैं तो आपको ये बहुत आसानी से हो सकता है। इसलिए आप ऐसे संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। वायरस से बचे रहने के लिए हाथ धोने के लिए हमेशा साबुन का उपयोग करना चाहिए ताकि संक्रमण से बचा जा सके। यह वायरल इंफेक्शन है, इसलिये सामान्यत:
इसमें डॉक्टर जल्दी एंटीबायटिक देने की सलाह नहीं देते और यह 5 से 7 दिन में खुद ही ठीक हो जाता
है। परेशानी ज्यादा होने पर कभी- कभी एंटी एलर्जिक दवा दी जाती है, ताकि मरीज को आराम मिल सके।
घरले उपचार के तौर पर आप इसमें भाप, नमक के पानी के गरारे आदि लें सकते हैं जो की अपने आप में काफी लाभदायक हैं। इसमें गर्म तरलपदार्थ का सवे न बढा़ देना चाहिए जैसे
हरी सब्जियों का सूप आदि। कभी भी किसी गर्म स्थान से तुरंत ठन्डे में और ठंडे से गर्म में न जाएं, नहीं तो इससे इस संक्रमण के होने का खतरा बढ़ जाता है।

बच्चों में पाई जाने वाली यह आम समस्या है। ये समस्या टॉन्सिल में संक्रमण की वजह से होती है। इसमें गले में काफी दर्द होता है। कभी-कभी तेज बुखार भी हो सकता है। यह बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण से हो सकता है। इससे बचे रहने के लिए इस मौसम में बच्चों को ठंडी चीजे खाने पीने को न दें। गर्म और गुनगुने पानी का प्रयोग करें।

jodon ka dard
jodon ka dard

ऐसे मौसम में जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ सकती है। जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए सबसे आम उपचारों में से एक अपने आप को और अपने पैरों को गर्म रखें। भारी कपडों के बजाय पतले कपड़ों के दो या तीन जोड़े पहनें। व्यायाम करें और हो सके तो धूप मे भरपूर बैठे। इससे मांसपेशियों की सिकाई भी होगी।

सार्दियों के मौसम मे लापरवाही से बच्चों के फेफडों में सूजन का खतरा हो सकता है, जो निमोनिया का रूप ले लेता है। ये बीमारी इंफेक्शन की वजह से होती है। निमोनिया का पता चलने पर डॉक्टर से तुरंत इलाज करवाना चाहिए, वरना ये जानलेवा भी साबित हो सकता है। इस बीमारी में सांस लेने मे तकलीफ के साथ-साथ तेज बुखार आना, शरीर में कंपन होना सामान्य लक्षण होते हैं। निमोनिया का पता चलने पर सबसे पहले डॉक्टर की सलाह पर दवा लें या अस्पताल में एडमिट हो।

gale mein kharaash ya dard hona
gale mein kharaash ya dard hona

सर्दी का मौसम आते ही गले में खराश इरीटेशन जैसी परेशनियां आम तौर पर सामने आती हैं। इसके साथ गले में दर्द भी लोगों को बेहद परेशान करता है। कई बार तो दर्द इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि खाना खाने में भी लोगों को परेशानी महसूस होती है। गले में दर्द सामन्यता ठंडी चीजों के सेवन से भी होता है।
1. सर्दियों में गले के दर्द से छुटकारा पाने
के लिए दिन में 2-3 बार नमक वाले गर्म पानी से गरारे करें।
2.ठंडी चीजों के सेवान से बचें।
3. गर्म चीजों यानि सूप आदि का सेवन
करें।
4.अदरक के रस में शहद मिलाकर लेने से
भी राहत मिलती है।

paachan sambandhee samasya
paachan sambandhee samasya

सार्दियों के मौसम मे खास तौर से पाचन संबंधी समस्या बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए इस मौसम में पानी
खूब पीना चाहिए, जिसमें कब्ज एक सामान्य समस्या है। पानी कम पीने के कारण ये समस्या बढ़ जाती है। भोजन के पश्चात जीरा पावडर खाने से पाचन क्रिया भी ठीक रहेगी। उचित फाईबर युक्त आहार का सेवन और व्यायाम से कब्ज एवं गैस एसिडिटी से निजात पाया जा सकता है।

rookhee tvacha
rookhee tvacha

सर्दियों में ज्यादा कपड़े पहनने से त्वचा को नमी नहीं मिल पाती, जिससे त्वचा रुखी हो जाती है और फटी सी हो जाती है। त्वचा को ड्राई होने से बचाने के लिए अच्छे मॉइश्चराइजर का कई बार उपयोग करें। त्वचा को ड्राइनेस से बचाने के लिए मलाई या तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं। ज्यादा सार्दी होने पर फटे होठों की भी यह समस्या आती है, इसके लिए तरल चीजों का सेवन भरपूर करें और वैसलिन और लीप बाम का उपयोग खूब करें।

influenza yh flu
influenza yh flu

इंफ्लुएंजा या फ्लू, सर्दी में इंफेक्शन की वजह से होने वाली सबसे कॉमन बीमारी है। एक-दो दिन से ज्यादा रहने इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर की सलाह तुरंत लें। तेज बुखार, हाथ पैरों की मांसपेशियों में दर्द होना, सिरदर्द होना, बार-बार गला सूखना, गले में दर्द होना, ठंड लगना आदि। इंफ्लुएंजा या फ्लू होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। फ्लू से निजात पाने के लिए आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार भी बेहद असरदार होते हैं। पौष्टिक आहार और तरल आहार का सेवन करें।