Pregnant woman between maternal and marital family
Pregnant woman between maternal and marital family

Summary: मानसिक थकान को कैसे दूर करें

शारीरिक थकावट आराम से दूर हो सकती है, लेकिन मानसिक थकान का असर गहरा और लंबे समय तक रहता है।

Mental Fatigue during Pregnancy: गर्भावस्था एक ऐसा समय है, जब महिलाएं शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के बदलाव से गुजरती हैं। गर्भावस्था के दौरान महिला के शारीरिक थकान की तो बात की जाती है, लेकिन उनके मानसिक थकान की नहीं। लेकिन जब धीरे-धीरे महिला का मानसिक थकान उन्हें थकाने लगे तब इस से निपटना उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है। शारीरिक थकान को पौष्टिक आहार तथा भरपूर आराम से दूर किया जा सकता है पर मानसिक थकान को कैसे दूर करें आइए जानते हैं इस लेख में।

Mental fatigue during pregnancy
Mental fatigue during pregnancy

गर्भावस्था के दौरान मानसिक थकान उस स्थिति को कहते हैं, जब महिला मन से हर वक्त खुद को थका हुआ, खाली तथा बेचैन महसूस करती है। यह सिर्फ शारीरिक थकावट के कारण नहीं है, बल्कि यह भावनात्मक तथा मानसिक संतुलन के बिगड़ने का भी संकेत है।

गर्भावस्था के दौरान मानसिक थकान के कई कारण होते हैं। ये कारण हैं,

हार्मोनल कारण: गर्भावस्था के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में तेजी से बदलाव होता है। जो की मानसिक थकान का कारण बनता है।

भविष्य की चिंता: गर्भावस्था के दौरान महिला भविष्य (बच्चों की सेहत, डिलीवरी, देखभाल) की चिताओं के कारण भी तनाव में आती है।

सामाजिक अपेक्षाएं तथा निजी समय की कमी भी महिला के तनाव का कारण बनती है।

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के अंदर मूड स्विंग का होना बहुत ही आम है। इस समय महिला के भावना को बदलने में समय नहीं लगता महिला एक पल खुशी तो अगले पल उदासी महसूस करती है। इस तरह पल-पल बदलते भावनाओं पर महिला को खीझने या दबाने की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें समझने की जरूरत है। महिला इस तरह अपने भावनाओं को समझ तथा संभाल सकती है।

दिमाग को शांत करें: जब आप उदास महसूस करें तो गहरी सांस लें। इस तरह खुद को शांत करने में मदद मिलेगी।

जर्नलिंज की मदद लें: जो आप महसूस कर रही हैं उसे लिखे। ऐसा करने से आप अपनी भावनाओं को और अधिक समझ पाएंगी।

पॉजिटिव कहानी और किताबें पढ़ें यह आपको मानसिक रूप से मजबूती प्रदान करते हैं।

गर्भावस्था के दौरान महिला अक्सर दूसरों के सुझावों पर अधिक ध्यान देती है तथा उनके अनुसार ही कार्य करती है। समय पर खाना, चेकअप और घर के काम इन्हीं सब में महिला खुद को उलझा कर मानसिक रूप से थका लेती है।

महिला को ध्यान रखना चाहिए कि यह सब काम जरूरी है, लेकिन इन सब के साथ जरूरी है मी टाइम, अर्थात खुद को समय देना, खुद के पसंद का काम करना। जैसे, अपने किसी पसंद के कार्य को करना, खुद की देखभाल करना। यह देखभाल शारीरिक और मानसिक दोनों हो सकता है।

योग तथा मेडिटेशन करें: योग तथा मेडिटेशन आपको शारीरिक तथा मानसिक दोनों ही प्रकार से स्वस्थ रखने में मदद करता है।

भरपूर नींद लें: नींद एक ऐसी प्राकृतिक दवा है जो आपकी शारीरिक तथा मानसिक दोनों प्रकार के थकावट को दूर करती है।

पार्टनर से बात करें: अपनी परेशानियों को अपने साथी के साथ साझा करें, बिना सोचे अपने दिल की सारी बातें अपने पार्टनर को बताएं।

डॉक्टर मदद लें: अगर इन उपायों के बाद भी आपकी परेशानी कम ना हो तो डॉक्टर से सलाह लें।

निशा निक ने एमए हिंदी किया है और वह हिंदी क्रिएटिव राइटिंग व कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। वह कहानियों, कविताओं और लेखों के माध्यम से विचारों और भावनाओं को अभिव्यक्त करती हैं। साथ ही,पेरेंटिंग, प्रेगनेंसी और महिलाओं से जुड़े मुद्दों...