Overview: 50 की उम्र वाले पुरुष जरूर कराएं ये वाले टेस्ट
50 की उम्र के बाद पुरुषों के लिए हेल्थ चेकअप बेहद जरूरी होता है। ये टेस्ट बीमारियों की महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं और गंभीर समस्याओं को रोकते हैं।
Health Tests for Men: 50 साल की उम्र एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, खासकर जब बात स्वास्थ्य की हो। इस उम्र में पुरुषों के लिए नियमित हेल्थ चेकअप बेहद जरूरी होता है, ताकि बुढ़ापे को बिना किसी बीमारी और परेशानी के जिया जा सके। नियमित जांच कराने से आप किसी भी बीमारी का पता उसके गंभीर होने से पहले लगा सकते हैं और सही इलाज प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन 50 की उम्र में कौन से टेस्ट करवाने जरूरी होते हैं इसकी जानकारी अधिकांश पुरुषों को नहीं होती। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
कोलोनोस्कोपी

50 साल या उससे अधिक उम्र के पुरुषों को कोलोनोस्कोपी करानी चाहिए। अगर आपके परिवार में कोलन कैंसर का इतिहास है या आपको इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) जैसी समस्या है, तो डॉक्टर पहले भी इस टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। यह टेस्ट कोलन और रेक्टम में कैंसर या प्री-कैंसरस ग्रोथ (पॉलिप्स) का पता लगाने में मदद करता है। कोलोनोस्कोप को रेक्टम के माध्यम से बड़ी आंत में डाला जाता है। प्रक्रिया में 30 मिनट से 1 घंटा लगता है।
प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन (PSA)
50 साल से अधिक उम्र के पुरुषों को प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम के कारण यह टेस्ट कराना चाहिए। PSA एक प्रोटीन है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि से बनता है। कैंसरस कोशिकाएं अधिक PSA बनाती हैं, जिससे खून में इसका स्तर बढ़ जाता है। यह प्रोस्टेट कैंसर या अन्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। ये टेस्ट 35-40 की उम्र में भी करवाया जा सकता है। भारत में पिछले कुछ सालों में प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
ब्लड प्रेशर स्क्रीनिंग
हर वयस्क को, खासकर 50 से अधिक उम्र के पुरुषों को नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करानी चाहिए। हाई ब्लड प्रेशर को ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है, क्योंकि इसके लक्षण दिखाई नहीं देते। यह हृदय रोग, स्ट्रोक, और डिमेंशिया का जोखिम बढ़ाता है। बीपी की सामान्य रीडिंग 120/80 mm Hg होती है। अगर रीडिंग 140/90 से अधिक है, तो बार-बार जांच की जरूरत होती है।
आंखों की जांच

50 की उम्र में नियमित आंखों की जांच जरूरी होती है, खासकर अगर आप चश्मा पहनते हैं या परिवार में आंखों की बीमारी का इतिहास है। मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, और मैकुलर डिजनरेशन जैसी समस्याएं बिना लक्षणों के बढ़ सकती हैं। नियमित जांच से इन्हें समय रहते डायग्नोज किया जा सकता है।
लिपिड प्रोफाइल या कोलेस्ट्रॉल
20 साल से अधिक उम्र के सभी वयस्कों को हर 5 साल में यह टेस्ट कराना चाहिए। यह टेस्ट LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल), HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल), और ट्राइग्लिसराइड्स को मापता है। अधिक LDL और ट्राइग्लिसराइड्स हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ाते हैं। सामान्य स्तर होने पर 5 साल बाद, अन्यथा बार-बार जांच की जरूरत होती है।
ब्लड शुगर स्क्रीनिंग
45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को यह टेस्ट कराना चाहिए। ये उच्च ब्लड शुगर डायबिटीज का संकेत हो सकता है, जो आंखों, किडनी, और हृदय रोग की समस्याएं पैदा करता है। शुगर का सामान्य स्तर 70-100 mg/dL होता है। सामान्य स्तर होने पर 3 साल बाद, अन्यथा जल्दी जांच की सलाह दी जाती है।
