Pregnancy: गर्भावस्था एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसका इंतजार हर महिला करती है। इससे उसे एक नया जीवन मिलता है। लेकिन इसी प्रेगनेंसी में जब कोई दिक्कत महसूस होने लगे तो चिंता का विषय बन जाती है। ऐसा ही एक विषय है ब्राउन डिस्चार्ज। भले ही यह समस्या थोड़ी बड़ी लगे लेकिन सही देखभाल और उपाय के साथ इसे नियंत्रित किया जा सकता है। आज इस लेख में हम गर्भावस्था के दौरान होने वाले ब्राउन डिस्चार्ज पर विस्तार से बात करेंगे। हम जानेंगे कि प्रेगनेंसी में क्या ब्राउन डिस्चार्ज होना सामान्य है, यह कब होता है और इसके कारण एवं उपाय जैसे सवालों के जवाब भी आपको इस लेख में मिलेंगे।
प्रेग्नेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज होना क्या है?

मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की मेडिकल डायरेक्टर व आईवीएफ विषेषज्ञ डॉक्टर शोभा गुप्ता के अनुसार, ब्राउन डिस्चार्ज का आमतौर पर मतलब होता है कि डिस्चार्ज में खून है। जब रक्त की उम्र बढ़ती है, यह तब यह लाल से भूरे रंग में बदल जाता है। हालिया शोध की मानें तो गर्भावस्था के पहले तिमाही के दौरान रक्तस्राव असामान्य नहीं है। प्रेगनेंसी की शुरुआत में थोड़ा सा स्पॉटिंग सामान्य है, फिर भी इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताना चाहिए। आपके डॉक्टर आपकी और भ्रूण के स्वास्थ्य की जांच के लिए अतिरिक्त टेस्ट भी कर सकती हैं। प्रेगनेंसी के दौरान डिस्चार्ज आमतौर पर भूरे रंग का होता है, जो गर्भावस्था का शुरुआती लक्षण हो सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान ब्राउन डिस्चार्ज आमतौर पर चिंता का कारण नहीं होता है। हालांकि, गहरे भूरे डिस्चार्ज होने पर बिना देर किए गर्भवती महिलाओं को अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर के साथ किसी भी असामान्य स्थिति की चर्चा करना आवश्यक है क्योंकि, यह लक्षण किसी आंतरिक संक्रमण का भी हो सकता है, जिसके लिए इलाज की जरूरत हो सकती है। इलाज के बिना, इंफेक्शन खतरनाक हो सकता है।
क्या प्रेग्नेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज होना सामान्य बात है?

प्रेग्नेंसी में यूटरस से ब्राउन डिस्चार्ज होने को अमूमन सामान्य ही माना जाता है। कुछ महिलाएं इसे मिसकैरेज मानती हैं जबकि यह उससे बिल्कुल भिन्न है। हां, यदि प्रेग्नेंसी के अंतिम दिनों में यह ब्राउन डिस्चार्ज हो रहा है तो जरूर यह सोचा जा सकता है कि अब डिलीवरी के दिन नजदीक आ गए हैं। लेकिन जिसे भी प्रेग्नेंसी के दौरान ये ब्राउन डिस्चार्ज होते हैं, उन्हें अपने गायनकोलॉजिस्ट से जरूर संपर्क करना चाहिए।
प्रेग्नेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज कब होता है?

ब्राउन डिस्चार्ज का मतलब है कि डिस्चार्ज में खून का होना। खून जैसे ही पुराना होता जाता है, यह ऑक्सीडाइज होता है और फिर गहरे लाल से भूरे रंग में बदल जाता है। एक स्टडी तो यहां तक कहती है कि प्रेग्नेंसी के पहले त्रैमासिक में ब्लीडिंग होना असामान्य नहीं है। प्रेगनेंसी की शुरुआत में थोड़ा डिस्चार्ज होना आम है लेकिन फिर भी इसके होने पर अपने डॉक्टर से बात करना बहुत ज़रूरी है। संभव है कि गायनकोलॉजिस्ट प्रेगनेंट महिला और भ्रूण के कुछ टेस्ट करवाए। कई बार हॉर्मोनल बदलाव की वजह से भी कम समय के लिए प्रेगनेंट महिला को ब्राउन डिस्चार्ज होने लगता है।
प्रेग्नेंसी में ब्राउन डिस्चार्ज होने के कारण?

- कई दफ़ा प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्सुअल इंटरकोर्स करने से सर्विक्स खून से भर जाता है, जो इसे संवेदनशील बनाता है। सेक्सुअल इंटरकोर्स ब्राउन डिस्चार्ज और दर्द का कारण बन सकता है।
- फर्टिलाइज हो चुके अंडे यूटरस की दीवार तक जाते हैं और खुद को इम्प्लांट कर लेते हैं, जिससे भी ब्लीडिंग होने लगती है। प्रेग्नेंसी के शुरूआती कुछ हफ़्तों में ही यह हो सकता है। कई बार पीरियड की तारीख से पहले भी यह होने लगता है, तब-तक महिला को पता नहीं रहता कि वह प्रेगनेंट है।
- डिलीवरी की तारीख पास आते ही कभी-कभी कुछ महिलाओं को ब्राउन डिस्चार्ज होने लगता है। 36 से 40 हफ़्तों के बीच ऐसा होता है। इस समय यह सर्विक्स के सॉफ्ट होने से जेली की तरह का हो सकता है क्योंकि महिला का शरीर डिलीवरी के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाता है।
- जब प्लेसेंटा असामान्य रहता है तो उसे मोलर प्रेगनेंसी कहते हैं। इसमें भी कभी-कभी ब्राउन डिस्चार्ज होने लगता है।
- ब्राउन डिस्चार्ज एक्टोपिक प्रेगनेंसी का भी एक लक्षण है। इसमें फर्टिलाइज्ड अंडे खुद को यूटरस के बाहर इम्प्लांट कर लेते हैं, अमूमन फैलोपियन ट्यूब्स में।
- प्रेग्नेंसी में कभी-कभार सर्वाइकल पॉली से खून निकलने की वजह से भी ब्राउन डिस्चार्ज होता है।
- वजाइना से निकलने वाला यह ब्राउन डिस्चार्ज कुछ मामलों में मिसकैरेज का संकेत भी हो सकता है।
- प्रेग्नेंसी के दौरान कभी-कभी वजाइना में इन्फेक्शन हो जाता है और इसकी वजह से भी ब्राउन डिस्चार्ज हो सकते हैं।
ब्राउन डिस्चार्ज को ठीक करने के उपाय

- अमूमन देखा गया है कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कहा जाता है कि वे काम करें, एक्सरसाइज़ करें जबकि ब्राउन डिस्चार्ज होने के दौरान यह सब नहीं करना चाहिए।
- प्रेग्नेंट महिला को अपने आराम पर पूरा ध्यान देना चाहिए और भरपूर नींद लेनी चाहिए।
- कई बार अपने पैर को ऊपर उठाकर रखने से आराम मिलता है। इसके लिए तकिये का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सुधारता है और ब्राउन डिस्चार्ज की मात्रा को कम करता है।
- समय पर डॉक्टर को दिखाना और उनके द्वारा बताई गई दवाइयों का सेवन करना बहुत ज़रूरी है।
- ऐसे में सेक्सुअल इंटरकोर्स नहीं करने की सलाह दी जाती है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

- क्या ब्राउन डिस्चार्ज का मतलब प्रेग्नेंसी ही है?
अमूमन लोग यही सोचते हैं कि ब्राउन डिस्चार्ज तभी होता है जब एक महिला प्रेगनेंट होती है जबकि यह सच नहीं है। जरूरी नहीं है कि यह एग फर्टिलाइजेशन वाली ब्लीडिंग हो।
- प्रेग्नेंट महिलाएं ब्राउन डिस्चार्ज होने पर डॉक्टर से कब मिलें?
बेहतर तो होगा कि पहली बार ही जब ब्राउन डिस्चार्ज हो तो गायनोकोलॉजिस्ट से मिल लिया जाए। लेकिन यदि प्रेग्नेंट महिला को इसके साथ गंध भी आए तो डॉक्टर से तुरंत मिलना ज़रूरी है।
- क्या मेनोपॉज़ में भी हो सकता है ब्राउन डिस्चार्ज?
कई बार देखा गया है कि मेनोपॉज़ के दौर से गुजर रही महिलाओं में भूरा रंग का थक्का निकलता है। इसे प्री-मेनोपॉज़ का एक लक्षण माना जाता है।
