क्या आप वसा से डरती हैं। वसा से डरने की बजाए गुड फैट अपनाएँ। सारी वसा बुरी नहीं होती। कुछ वसा तो गर्भावस्था में बहुत ही फायदेमंद होती है; जैसे ओमेगा 3 फैटी एसिड! आपको अपने आहार में इसे अवश्य शामिल करना चाहिए। डीएचए से भ्रूण व शिशुओं के मस्तिष्क व आंखों का संपूर्ण विकास होता है। अध्ययनकर्ताओं ने पता लगाया है कि गर्भावस्था में भरपूर डीएचए लेने वाली माताओं के शिशुओं में हाथ व आंख का बेहतर तालमेल पाया गया। आखिरी तीन महीनों में व नर्सिंग के दौरान तो इसकी जरूरत और भी बढ़ जाती है। जो शिशु के लिए अच्छा है, अपितु आपके लिए भी फायेदमंद है। इससे आपके मूड के उतार-चढ़ाव में सुधार होगा और समय से पहले प्रसव व अवसाद की परेशानी नहीं होगी। आपके शिशु की सोने की आदतें काफी बेहतर होंगी। आप जो भोजन पहले से ले रही हैं, उसमें डीएचए की भरपूर मात्रा पाई जाती है जैसे- सॉलमन, दूसरी तैलीय फिश जैसे- सार्डिन, अखरोट, डीएचए से भरपूर अंडे, आरुगुला, क्रेव वश्रिंप, फलेमनीड व चिकन आप डॉक्टर से गर्भावस्था में सुरक्षित डीएचए सप्लीमेंट के बारे में भी पूछ सकती हैं। कुछ प्रसव पूर्व सप्लीमेंट में डीएचए भी पाया जाता है।

ये भी पढ़ें –

गर्भवती महिला आयरन युक्त पदार्थ-प्रतिदिन लें

गर्भवती महिलाएं वसा का सेवन सीमित मात्रा में ही करें

गर्भावस्था में साबुत अनाज व फलियां लेना बहुत जरूरी

आप हमें फेसबुकट्विटरगूगल प्लस और यू ट्यूब चैनल पर भी फॉलो कर सकती हैं।