यह क्या हुआ? गर्भाशय का अनियोजित अंत यानी गर्भपात हो जाना मिसकैरिज कहलाता है।पहली तिमाही में इसे मिसकैरिज कहते हैं। 80 प्रतिशत मिसकैरिज पहली तिमाही में ही होते हैं।पहली तिमाही के अंत में, 20वें सप्ताह में होनेवाला मिसकैरिज, लेट मिसकैरिज कहलाता है।
अर्ली मिसकैरिज, भ्रूण में क्रोमोसोमल याजिनेटिक विकृति के कारण होता है लेकिन यह हार्मोनल व दूसरे कारणों से भी हो सकता है अधिकतर इसका कारण पता नहीं चल पाता।
यह कितना सामान्य है? अर्ली प्रेगनेंसी की एक आम जटिलता है। अध्ययनकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि 40 प्रतिशत गर्भधारण मिसकैरिज में बदल जाते हैं। इनमें से आधे तो इतनी जल्दी हो जाते हैं कि गर्भावस्था होने का शक तक नहीं हो पाता। मिसकैरिज किसी भी महिला के साथ हो सकता है चाहे वह हाई किस्म की श्रेणी में आती हो या नहीं!हालांकि कुछ कारणों से मिसकैरिज का खतरा बढ़ सकता है। पहला कारण है; अधिक आयु का होना। दूसरा है- विटामिन की कमी!, वजन कम या ज्यादा होना, धूम्रपान, हार्मोनल असंतुलन, एस.टी.डी. व क्रॉनिक अवस्था।
संकेत व लक्षण क्या हैं?
मिसकैरिज के संकेत व लक्षणों में निम्नलिखित को शामिल कर सकते हैं‒
- तीन दिन से ज्यादा हल्का धब्बा लगना।
- ऐंठन या दर्द, पेट के निचले हिस्से या पीठ में तेज दर्द भी हो सकता है।
- पीरियड की तरह योनि से भारी रक्तस्राव
- गर्भावस्था के लक्षण समाप्त होना।
आप व डॉक्टर क्या कर सकते हैं?
हर रक्तस्राव का मतलब यह नहीं कि आपका मिसकैरिज हुआ है। कई दूसरी स्थितियों में भी ऐसा हो सकता है। कोई रक्तस्राव देखते ही डॉक्टर से मिलें। वे अल्ट्रासाउंड से इसका पता लगाएंगे। यदि गर्भावस्था होगी तो आपको अस्थायी बैड रेस्ट की सलाह दी जाएगी।यदि गर्भावस्था प्रारंभ है तो हार्मोन के स्तर पर नजर रखी जाएगी व रक्तस्राव अपने-आप रुक जाएगा। यदि डॉक्टर को लगे कि गर्भाशय का मुख खुला है या भ्रूण के दिल की धड़कन नहीं सुनाई दे रही तो इसे मिसकैरिज माना जाएगा और बदकिस्मती से इसके बचाव का कोई उपाय नहीं होता।
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