बार-बार मूत्र आना
‘‘पिछले कुछ सप्ताह से मुझे बाथरूम के लिए जाना पड़ता है। क्या इस तरह बार-बार मूत्र के लिए जाना सामान्य है?”
पहली तिमाही की समस्या फिर से लौट आई है। गर्भाशय फिर से मूत्राशय पर दबाव डाल रहा है लेकिन इस बार उसका भार पहले से कहीं ज्यादा है। अगर इस मूत्र के साथ किसी तरह का संक्रमण नहीं होता तो हम इसे सामान्य मान सकते हैं। इससे बचने के लिए तरल पदार्थों की मात्रा न घटाएँ क्योंकि इस समय शरीर को उनकी काफी जरूरत है। जब भी मूत्र- की इच्छा हो तो बेहिचक जाएँ।
स्तनों से रिसाव
‘‘मेरी एक सहेली कह रही थी कि उसके स्तनों से नवें महीने में दूध का रिसाव होने लगा था। मेरे साथ ऐसा नहीं हो रहा। क्या मेरे शरीर में दूध नहीं बन रहा?”
दूध तब तक नहीं बनता, जब तक कि इसे पीने वाला शिशु न आ जाए। कई बार तो डिलीवरी के तीन-चार दिन बाद तक भी नहीं बनता। आपकी सहेली कोलॅस्ट्रम के बारे में कह रही होगी। यह हल्के पीले रंग का तरल पदार्थ होता है जो स्तनों में दूध उतरने से पहले बनता है। इसमें ढेर से एंटीबॉडीज होते हैं।इसके अलावा अधिक प्रोटीन, कम वसा व मिल्क शुगर पाए जाते हैं। फिर इसके बाद स्तनों में दूध आता है।
कॉलॅस्ट्रम का रिसाव नहीं हो रहा, तो भी यह आपके शरीर में बन रहा है। अपने निप्पल में हल्के से दबाएँ, आपको इसकी कुछ बूँदें दिखेंगी। यदि जोर से दबाएँगी तो निप्पल में घाव भी हो सकता है। यदि बूँदें नहीं भी दिखतींतो घबराएँ नहीं, शिशु आते ही अपने आहार का इंतजाम कर लेगा। रिसाव न होने का मतलब यह नहीं कि आप उसे पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं पिला पाएँगी।
यदि कोलॅस्ट्रम का ज्यादा रिसाव हो तो आपको अपनी ब्रा के अंदर नर्सिंग पैड लगाने होंगे, ताकि कपड़े खराब न हों। वैसे अब आपको हल्के गीले गाउन, टी-शर्ट, ब्रा व नाइट गाउन की आदत डाल लेनी चाहिए।
हल्का धब्बा लगना
‘‘आज सुबह सेक्स के बाद मुझे हल्का धब्बा दिखाई दिया। क्या लेबर शुरू होने वाला है?”
अगर भीतरी जांच या संभोग के बाद हल्का लाल या भूरा धब्बा दिखे तो इसका मतलब प्रसव की शुरूआत नहीं होती। यदि गुलाबी या भूरे म्यूकस के साथ संकुचन भी शुरू हो जाए तो यह लेबर की शुरूआत हो सकती है, फिर चाहे आपने इंटरकोर्स किया हो या नहीं। अगर संभोग के बाद एकदम से लाल रंग का तेज रक्तस्राव होने लगे तो डॉक्टर को अवश्य दिखाएँ।
पानी की थैली फटना
‘‘मुझे इस बात का बहुत डर है कि पानी की थैली लोगों के बीच फट जाएगी।”
अधिकतर महिलाएँ गर्भावस्था के आखिरी दिनों में इसी बात से डरती हैं कि कहीं लोगों के सामने एम्निओटिक द्रव्य की थैली न फटजाए। 85 प्रतिशत महिलाओं के साथ तो ऐसा लेबर रूम में पहुँचने के बाद ही होता है। करीब 15 प्रतिशत महिलाएँ ही ऐसी होती हैं, जिनकी यह थैली पहले ही फट जाती है लेकिन ऐसा खुले आम तो नहीं होता। यह तभी हो सकता है, जब आप लेटी हों। कम से कम आप खुलेआम सड़क पर लेटने तो नहीं जा रहीं न!यदि थैली फटती भी है तो सब कुछ एक ही बहाव में नहीं होता। जब आप खड़ी या बैठी होती हैं तो शिशु का सिर बोतल के कॉर्क का काम करते हुए एम्निओटिक द्रव्य को गर्भाशय के भीतर ही रखता है।
यदि कभी ऐसा हो भी जाए तो निश्चित रहें, आपको कोई भी नहीं घूरेगा। वे आपकी इस हालत को अनदेखा करते हुए मदद करने की कोशिश करेंगे। हर कोई जानता है कि आप गर्भवती हैं। इसका फायदा यह भी है कि आप लेबर के काफी नजदीक पहुँच जाएँगी यानी 24 घंटे के भीतर शिशु का जन्म हो जाएगा। यदि प्रसव शुरू नहीं होता तो डॉक्टर इसे आपके लिए शुरू करेंगे।
वैसे यदि चाहें तो आखिरी दिनों में हल्का पैड लगाएँ ताकि आप स्वयं को सुरक्षित महसूस करें। अपने घर में भी चादर के नीचे भारी तौलिया या मोमजामा बिछा लें क्योंकि आधी रात को भी आपके साथ ऐसा हो सकता है।
शिशु की ड्रॉपिंग
‘‘38 सप्ताह बीतने के बाद भी शिशु की ड्रॉपिंग नहीं हुई तो क्या मेरा प्रसव देर से होने वाला है?”
यदि शिशु अभी बाहर आने के रास्ते तक नहीं पहुँचा तो इसका मतलब है कि इस प्रक्रिया में समय लग सकता है। यह तब होती है जब शिशु खिसककर माँ के पेल्विक एरिया में आ जाता है। पहली गर्भावस्था में ड्रॉपिंग डिलीवरी से दो-चार सप्ताह पहले होती है। दूसरी-तीसरी गर्भावस्था वाली महिलाओं को लेबर तक नहीं होती। हालांकि अपवाद तो हर जगह होते हैं।आपकी ड्रॉपिंग पहले भी हो सकती है और बाद में भी। आपके शिशु का सिर नीचे आकर फिर से ऊपर जा सकता है। वैसे इस फर्क को आप स्वयं भी महसूस कर सकती हैं। ज्यों-ज्यों डायफ्रम्स से गर्भाशय का दबाव घटेगा। आपको सांस लेने में आसानी होती जाएगी। आप पहले से कहीं आसानी से खाना खा सकेंगी। छाती में जलन व अपच भी नहीं होगा। हालांकि कई और परेशानियां साथ जुड़ जाएँगी आप को बार-बार मूत्र के लिए जाना होगा, जोड़ों की तकलीफ बढ़ जाएगी।अपना संतुलन डांवाडोल सा लगेगा।
कई बार तो यह होने पर भी आपको फर्क पता नहीं चलता क्योंकि कुछ लक्षण तो पहले से ही साथ होते हैं। आप उन्हें गहराई से महसूस नहीं कर पातीं। डॉक्टर शिशु के सिर की स्थिति जांचने के लिए अंदरूनी जांच करेंगे व पेट को दबाकर उसकी स्थिति जांचेंगे।
शिशु अपनी गति के हिसाब से किसी भी व्यवस्था में हो सकता है। हो सकता है कि उसने नीचे आना शुरू ही किया हो। यह भी हो सकता है कि उसके बिल्कुल नीचे आने के बाद प्रसव हो, ऐसी अवस्था में आपको थोड़ी कम मेहनत करनी पड़ सकती है।
शिशु की हलचल में बदलाव
‘‘मेरा शिशु बहुत तेज़ लातें चलाता था और मैं अब भी उसकी हलचल महसूस कर सकती हूं लेकिन वह पहले जितना सक्रिय नहीं रहा।”
पांचवें महीने में उसके पास कलाबाजियाँ खाने व लातें चलाने के लिए काफी जगह थी।अब हालात थोड़े बदल गए हैं। उसके पास ज्यादा जगह नहीं है। एक बार उसका सिर पेल्विस की ओर चला गया तो उसकी हलचल और भी घट जाएगी। इस समय में हलचल के घटने-बढ़ने से कोई खास फर्क नहीं पड़ता लेकिन अगर आपको अचानक लगे कि कोई झटका लगने के बाद हलचल बिल्कुल बंद हो गई तो झटपट डॉक्टर को दिखाएँ।
आज मुझे शिशु की हलचल बिल्कुल पता नहीं चली, इसका क्या मतलब है?”
हमने आपको ‘बेबी किट काउंट’ का फार्मूला बताया है। उसके हिसाब से शिशु की हलचल का अंदाजा रखें। अगर वह उस हिसाब से हलचल नहीं करता तो अपने डॉक्टर को दिखाएँ। डॉक्टर इस कमी की वजह जान लेंगे तो ठीक रहेगा हालांकि कम हलचल करने वाले सुस्त शिशु भी स्वस्थ रूप से जन्म लेते हैं। वैसे कई बार इस हालत में पूरी तरह से हलचल बंद होने की कोई गंभीर वजह भी हो सकती है। इस वजह को भी अनदेखा न करते हुए डॉक्टर की राय ले लें।
‘मैंने सुना है कि डिलीवरी पास आने पर शिशु की हलचल घटती है लेकिन मेरा शिशु तो अभी भी उतना ही सक्रिय है?”
हर शिशु अपने-आप में अलग होता है।उसकी सक्रियता का स्तर अलग होता है। कुछ शिशु सुस्त होते हैं तो कुछ अपनी पूरी चुस्ती-फूर्ति बनाए रखते हैं। वैसे डिलीवरी के आखिरी दिनों में उसके पास जगह की कमी होने की वजह से हलचल थोड़ी घट जाती है लेकिन अगर आप उसकी हलचल का पूरा अंदाजा रखती हैं तो आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
वजन घटना
गर्भावस्था के अंतिम दिनों में माँ का वजन बढ़ना भी बंद हो जाता है। ऐसा क्यों होता है?
दरअसल यह सामान्य सी बात है।इसका मतलब है कि शरीर प्रसव के लिए तैयार है। आपके शरीर का एम्निओटिक द्रव्य घटने लगा है पसीना व दस्त भी वजन घटा रहे हैं यदि यह आपको अच्छा लग रहा है तो डिलीवरी वाले दिन का इंतजार करें, उस दिन अचानक इतना वजन घटेगा, जितना पूरी जिंदगी में कभी नहीं घट पाएगा।