‘‘मैंने गर्भावस्था में मूड के उतारचढ़ाव के बारे में पढ़ा था लेकिन मैं इसके लिए तैयार नहीं था। एक दिन उसका मूड अच्छा होता है और दूसरे दिन बिगड़ जाता है। मुझे तो कुछ समझ नहीं रहा।

गर्भावस्था हार्मोन की अनोखी दुनिया में आपका स्वागत है। वे आपके साथी के गर्भ में पल रहे नन्हे शिशु को बनाने में जी-जान से जुटे हैं। उन्होंने आपके साथी के तन-मन पर अपना काबू कर रखा है। वो कभी भी रो सकती है, उत्तेजित हो सकती है बहुत खुश हो सकती है या निराशा के भँवर में खो सकती है दूसरी तिमाही में ये हार्मोन्स सैट हो जाएँगे तो भी आपको उसके भावनात्मक उतार-चढ़ाव का सामना करना होगा। ऐसे में होने वाले पापा क्या करेंगे :-

धीरज रखें :- गर्भावस्था नौ महीने में ही खत्म हो जाएगी। इसके बीतते ही खुशियों से भरी पोटली आपके हाथों में होगी तब तक अपना नजरिया आशावादी रखें व धीरज धारण करें।

निजी रूप से लें :– उसकी चीख-चिल्लाहट को निजी रूप से न लें यह सब उसके भी बस के बाहर है। यह सब हार्मोन की वजह से हो रहा है। उसे यह सब पता तो चलता है पर वह कुछ नहीं कर पातीं वह भी इस बर्ताव से खुश नहीं है लेकिन बेबस है।

मदद करें :– जी हाँ, उसे आपकी मदद चाहिए। जब भी उसका मूड उखड़े तो उसे कुछ खाने के लिए दें। व्यायाम से भी फायदा हो सकता है। उससे डर व असुरक्षा के बारे में बात करें। रात को दोनों खाने के बाद टहलने निकलें।

घर के काम :– लांड्री, बर्तन वगैरह घर के कितने ही काम होते हैं, जो आप कर सकते हैं। वह आपके इस बर्ताव की सराहना करेगी और आपको उसका खुशनुमा मूड देखकर अच्छा लगेगा।

 

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