‘‘मैं मां बनने को बेताब हूं लेकिन बच्चे के जन्म का अनुभव कैसा होगा। मुझे दर्द के बारे में सोचकर काफी चिंता होती है।”

अक्सर हर मां बड़ी बेताबी से शिशु के जन्म का इंतजार करती है लेकिन उन्हें लेबर,डिलीवरी व दर्द के नाम से ही घबराहट होने लगती है। वे इस दर्द के बारे में सोच-सोचकर परेशान रहती हैं। इसमें हैरानी की कोई बात नहीं हैं। जिसने कभी थोड़ा भी दर्द सहन न किया हो, यह दर्द उसके लिए हौवा बन सकता है। यह भी याद रखें कि गर्भावस्था का दर्द जीवन की प्रक्रिया का एक हिस्सा है। सदियों से औरतें ही इसे सहती आई हैं और इस दर्द का एक सकारात्मक उद्देश्य होता है। इसी दर्द के बाद तो नन्हा शिशु आपकी बाँहों में आएगा। यह दर्द कुछ समय के लिए ही होता है। यह सारी जिंदगी आपके साथ नहीं रहने वाला। दर्द घटाने की दवा भी माँगने या चाहने पर ही दी जाती है। इस दर्द से न घबराएं। इसके लिए वास्तविक रूप से तैयार हों। अपने मन व शरीर दोनों को ही इस दर्द के लिए तैयार करें।

जानकारी लें :- दरअसल औरतों या महिलाओं को पता ही नहीं चल पाता कि उनके शरीर के साथ क्या हो रहा है इसलिए वे ज्यादा घबराती हैं। उन्हें बस इतना पता है कि उससे तकलीफ होती है, हमें जिसके बारे में पता न हो। यह बात हमें ज्यादा डराती है इसलिए इस बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी पाने की भी कोशिश करें।

टीम बनाएँ :- किसी को अपना हमदर्द बनाएं।यह आपका कोई साथी, पति या रिश्तेदार हो सकता है। वे प्रसव के समय आपको सहारा देंगे ताकि आपका डर व तनाव दूर हो सके।

व्यायाम करें :- यह सारी प्रक्रिया शरीर से जुड़ी है इसलिए अपने डॉक्टर की सलाह से स्ट्रैचिंग व टोनिंग के सभी व्यायाम करती रहें ताकि शरीर की मजबूती व लोच, प्रसव व डिलीवरी के समय काम आ सकें। अपना कीगल व्यायाम भी करना न भूलें।

गर्भावस्था के बीच या बाद के दिनों में रक्तस्राव

दूसरी या तीसरी तिमाही में हल्का गुलाबी रक्तस्राव देख कर न घबराएं, यह अंदरूनी चेकअप या संभोग की वजह से हो सकता है। यदि इसके साथ तेज दर्द हो और ब्लीडिंग काफी तेज हो तो डॉक्टर के पास जाने में देर न करें। वे अल्ट्रासाउंड से सही स्थिति का पता लगा लेंगे।

प्रीक्लेम्पसिया का निदान

प्रीक्लेम्पसिया का निदान यानी गर्भावस्था के दौरान ‘हाइपरटेंशन’ यह प्रायः 3 से 7 प्रतिशत गर्भवस्थाओं में होता है। यदि इसे सही समय पर पहचान कर इलाज हो सके तो कई जटिलताओं से बचा जा सकता है।इसके प्रारंभिक लक्षणों में अचानक वजन बढ़ना, हाथों-पैरों की सूजन, सिर दर्द ,पेट दर्द या नजर धुंधलाना हो सकते हैं यदि ऐसा कोई लक्षण दिखे तो डॉक्टर को दिखाने में देर न करें। नियमित मेडिकल देखभाल आपको किसी भी रोग की जटिलता से बचा सकती है।