गर्भावस्था में 6 या इससे अधिक बार, दिन में अवश्य लें। अनाज लेना भी बहुत जरूरी है। जौ, गेहूं, ओट,मक्का, चावल, ज्वार और मटर, बींस, मूंगफली जैसे फलीदार खाद्य पदार्थ पोषण से मालामाल होते हैं। इसमें विटामिन B12 (वह सिर्फ पशु उत्पाद में होता है) को छोड़कर, विटामिन B के सभी तत्त्व होते हैं जो शिशु के शारीरिक विकास में सहायक होते हैं। ये जटिल कार्बोहाइड्रेट आयरन और खनिज लवण से भी भरपूर होते हैं जैसे ‒जिंक, सेलेनियम और मैग्नीशियम, ये भी गर्भावस्था में बहुत महत्व रखते हैं।
स्टार्च युक्त खाद्य पदार्थ लेने से भी मॉर्निंग सिकनेस घट सकती है। इनमें कई पोषक तत्व एक से हैं और हर तरफ अपने-आप में काफी ताकतवर हैं। भरपूर पोषण पाना चाहें तो अपने आहार में साबुत अनाज व फलीदार पदार्थ शामिल करें।
थोड़े नए प्रयोग करें, आप अपनी मछली या चिकन को साबुत गेहूं की डबलरोटी को चूरे में लपेट कर, हर्ब्स व पारमेज़न चीज़ छिड़क कर खा सकती हैं। अन्य प्रोटीन युक्त अनाज क्विनोआ को साइड डिश की तरह लें। अपनी स्वादिष्ट रेसिपी में थोड़ा ओट मिला लें। सूप में लीमा की बजाय नेवी बींस मिलाएं। हालांकि आपको पता होना चाहिए कि रिफाइंड अनाज में साबुत अनाज के सारे गुण व खूबियां नहीं पाए जाते। उनमें रेशा, प्रोटीन, विटामिन व खनिज लवण की मात्रा भरपूर नहीं होती।
दी गई सूची में से अपने मनपसंद व्यंजन छांटें व प्रतिदिन लें। भूलें नहीं कि वे शरीर में प्रोटीन की कमी भी पूरी कर देंगे।
1-किसी भी साबुत अनाज; गेहूं या सोया से बनी डबलरोटी का स्लाइस
1/2 साबुत अनाज से बना पीटा, रोल,बैगल या टार्टिला
1 कप साबुत अनाज (खाने के लिए तैयार सैरेल)
1/2 कप ग्रेनोला
2 बड़े चम्मच व्हीट जर्म
1/2 कप पके भूरे चावल
1/2 कप पके ज्वार, बाजरा या क्विनोआ
1 औंस (पकाने से पहले) साबुत अनाज या सोया पास्त्र।
1/2 कप पकी बींस, दालें, स्पिल्ट
2 कप पॉपकार्न
1 औंस साबुत अनाज सोया क्रिस्प
1/4 कप साबुत-अनाज या सोया आटा
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