गर्भावस्था आपके पूरे शरीर पर किसी न किसी रूप में अपना असर दिखाती है। त्वचा पर भी उसका काफी असर दिखता है। इन दिनों आपकी त्वचा में निम्नलिखित बदलाव आ सकते हैं।

लीनिआ निग्रा :- जिस तरह गर्भावस्था हार्मोन की वजह से निप्पल के आस-पास का रंग गहरा जाता है उसी तरह नाभि से लेकर नीचे तक जाने वाली सफेद रेखा भी गहरा जाती है काली महिलाओं में यह ज्यादा स्पष्ट रूप से दिखती है। यह दूसरी तिमाही में उभरती है व डिलीवरी के कुछ महीने बाद हल्की पड़ जाती है। दाइयां कहती हैं कि अगर ये लाइन नाभि तक जाती है तो शिशु लड़की होती है यदि यह लाइन आपकी पसलियों तक चली जाती हैं तो होने वाला शिशु लड़का होता है।

गर्भावस्था की झाइयां :- 50 से 75 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं के चेहरे पर झाइयां होती हैं। सांवली महिलाओं के माथे, नाक व गालों पर चकत्ते से पड़ जाते हैं। वैसे तो ये डिलीवरी के कुछ माह बाद अपने आप हल्की पड़ जाती हैं। यदि नहीं तो ब्लीच, पील या लेज़र की मदद ली जा सकती है। अभी आपको इन इलाजों से बचना है। फिलहाल कंसीलर की मदद से इन्हें छिपाएं।

हाइपर पिगमेंटेशन :- कई महिलाओं के शरीर की त्वचा कुछ अंगों में काफी गहरा जाती है व तिल भी काफी गहरे हो जाते हैं यह भी डिलीवरी के बाद हल्के हो जाते हैं। सूरज की धूप में ज्यादा समय न बिताएं। सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। एक बड़ा हैट व पूरी बाजू के कपड़े आपके साथी हो सकते हैं।

 

मस्सा :- अक्सर गर्भवती महिलाओं में मस्से की समस्या बढ़ जाती है। त्वचा पर फालतू त्वचा का जमाव-सा हो जाता है। ये दूसरी-तीसरी तिमाही में होते हैं। और डिलीवरी के बाद ठीक हो जाते हैं। यदि नहीं, तो डॉक्टर इन्हें हटा भी सकते हैं।

हथेलियों व तालुओं की लाली :- रक्त प्रवाह बढ़ने से ऐसा होता है। ठंडे पानी से थोड़ी राहत मिलती है। हाथों को सीधा सेंक देने वाली वस्तुओं से दूर रहें। कड़े साबुन व खुशबूदार लोशन को अलविदा कहें। यह भी डिलीवरी के बाद ठीक हो जाएगा।

हीट रैशेज़ :- गर्भवती माँएं अक्सर हीट रैश से परेशान रहती हैं। पसीने वाली त्वचा जब आपस में रगड़ खाती है तो त्वचा लाल हो जाती है और वहाँ जलन होने लगती है। छाती के नीचे, बगलों में, जांघों के बीच व पेट के निचले हिस्से में ज्यादा तकलीफ होती है। अपने शरीर को साफ-सुथरा रखें। उस जगह कपड़े से थपथपा कर सुखाएं व पाउडर लगाएं। थोड़ा कैलेमाइन लोशन भी राहत देगा लेकिन पहले अपने डॉक्टर से पूछना न भूलें। अगर दो-तीन दिन में भी ये ठीक न हों तो डॉक्टर की राय लें।

कुछ भी हो सकता है :- ये सब तो कुछ उदाहरण हैं। आपकी त्वचा किसी भी तरह से प्रतिक्रिया प्रकट कर सकती है।

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