- प्लेसंटा को खींचने की बजाए अपने-आप उभरने दें। आपको नाल काटने की भी जरूरत नहीं है।
- शिशु को माँ के पेट पर लिटा दें। उसे किसी साफ कपड़े या तौलिए में लपेट दें।
- शिशु का सिर दिखने लगे तो माँ से कहें कि वह धक्का न लगाए। उसके पैरीनियम पर हल्का दबाव दें। सिर को धीरे-धीरे निकलने दें। उसे जोर लगाकर न खींचें। अगर नाल दिखाई दे तो उसे शिशु की गर्दन से निकाल दें।
- अपने पास तौलिया, अखबार, साफ कपड़े वगैरह रख लें। योनि के नीचे कोई बर्तन या डिशपैन रखें ताकि उसमें एम्निओटिकद्रव्य रखा जा सके।
- यदि समय है तो अपने हाथ व माँ के योनि प्रदेश को किसी एंटीबायोटिक्स साबुन से धोएं।
- सबसे पहले शांत रहने की कोशिश करें व माँ को तसल्ली दें। चाहे आप डिलीवरी के बारे में ज्यादा नहीं जानते लेकिन शिशु व उसकी माँ ही काफी काम कर लेंगे। अस्पताल फोन करके डॉक्टर बुलवाएँ।
- अगर समय है तो माँ को बिस्तर पर इस तरह लिटाएँ कि वह नितंबों को नीचे से पकड़ कर आ सके। पाँवों को सहारा देने के लिए कुर्सियाँ लगा दें। कुछ कुशन व तकिए पीठ के पीछे लगा दें ताकि वह डिलीवरी के लिए आप उकडूँ मुद्रा में आ जाए। अगर शिशु का सिर दिखना शुरू नहीं हुआ और आप मदद का इंतजार करना चाहते हैं तो माँ को सीधा लिटा दें, डिलीवरी की प्रक्रिया धीमी हो जाएगी।
- यदि बिस्तर या मेज पर ले जाने का समय न हो तो माँ के नीचे अखबार बिछा कर, डिलीवरी के स्थान को साफ रखने की कोशिश करें।
- सिर को दोनों हाथों में थाम कर नीचे की ओर लाएं व माँ से कहें कि वह धकेले ताकि कंधे बाहर आ सकें। बारी-बारी से दोनों कंधे बाहर आ जाएँ तो बाकी शरीर निकलने में देर नहीं लगती।
- साफ कपड़े से मुँह या नाक पोंछें व सिर को पाँवों से नीचे रखें। मुँह में अंगुलियाँ डाल कर साफ करें व थोड़ी सांस फूँकें ताकि उसकी सांस चालू हो जाए।
- माँ व शिशु को गरमाहट में रखें।
अस्पताल ले जाते समय
अगर कार में ले जाते समय डिलीवरी शुरू हो जाए तो कार को किसी सुरक्षित जगह ले जाएं। अपना फोन पास रखें। कार की सिग्नल बत्ती जला दें। यदि टैक्सी में हैं तो ड्राइवर से अस्पताल फोन करने को कहें। यदि हो सके तो कार में कंबल या जैकेट बिछाकर उसे पिछली सीट पर लिटा दें। यदि मदद न आए तो शिशु की डिलीवरी करें व फिर उन्हें अस्पताल ले जाएँ।
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