वैसे तो आमतौर पर ऐसी नौबत नहीं आती है लेकिन फिर भी आपातकालीन डिलीवरी की जानकारी हर प्रेगनेंट महिला को होनी चाहिए।
 
1. शांत रहने की कोशिश करें।
2. लोकल आपातकाल नंबर मिलाकर अस्पताल बात करें।
3. किसी पड़ोसी की मदद माँगेंगे।
 4. धकेलने का मन होने पर भी जोर न लगाएँ
 5. अपने बिस्तर पर साफ तौलिया या चादर बिछा लें व दरवाजा खोल दें ताकि आसानी से मदद मिल सके।
 6. अगर शिशु बाहर आने को तैयार हो जाए तो जब भी दर्द उठे तो उसके साथ जोर लगाएँ।
 7. शिशु का सिर दिखने लगे तो जोर लगाने की बजाए पैरीनियम पर हल्का दबाव दें। सिर को एकदम खींचने की बजाए धीरे-धीरे बाहर निकालें।
 8. अगर उसके गले में नाल फँसी दिखे तो उसे आराम से निकाल दें।
 9. सिर निकालने के बाद एक कंधा निकालें। सिर को थोड़ा उठाएँ व हल्का जोर लगाएँ ताकि दूसरा कंधा निकालें।
 10. बाकी शिशु आसानी से बाहर आ जाएगा।
 11. नाल छेड़े बिना शिशु को पेट पर लिटा दें। उसे किसी साफ कंबल या तौलिए में लपेट दें। उसका मुँह व नाक कपड़े से साफ करें। सिर पैरों से नीचे रखें। अगर सांस चालू न हो तो अंगुलियों से मुँह साफ करें व मुँह और नाक में दो-तीन बार हवा फूँकें।
 12. प्लेसेंटा खुद न निकालें। अगर बाहर आ जाए तो किसी तौलिए में लपेट कर, शिशु के स्तर से थोड़ा ऊँचा रखें। आपको इसे काटने की जरूरत नहीं है।
 13. मदद आने तक स्वयं को व शिशु को गरम रखने की कोशिश करें।
 
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