संकुचन शुरू होने के बाद से अगर पीठ के निचले हिस्से में इतना दर्द हो रहा कि बरदाश्त कर पाना मुश्किल हो तो  शायद आपको ‘बैक लेबर’ की समस्या है। तकनीकी रूप से, ऐसा तब होता है जब भ्रूण पोस्टीरियर पोजीशन में होता है। उसका चेहरा ऊपर होता है और इसके सिर का पिछला हिस्सा पेल्विस के पीछे दबाव डालता है। जब तक शिशु सही स्थिति में न आ जाए, तब तक लगातार तेज दर्द बना रहता है।

जब इस तरह का दर्द महसूस हो तो कारण की बजाए उसकी रोकथाम पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी होता है। अगर दर्द बहुत ज्यादा हो तो एपीड्यूरल की हामी भरें। हो सकता है कि आपको आम खुराक से ज्यादा खुराक देनी पड़े। कई बार नारकोटिक्स से भी दर्द में आराम आ जाता है। वैसे अगर आप दवा नहीं लेना चाहतीं तो कुछ हल्के-फुल्के नुस्खे आजमाए जा सकते हैं।

दबाव घटाना :– अपनी पोजीशन बदलने की कोशिश करें। पैदल चलें, हालांकि तेज संकुचनों के बीच ऐसा करना संभव नहीं होगा। उकडूँ बैठें या चौपायों की तरह झुकें, शरीर की कोई भी आरामदायक मुद्रा बनाएँ। अगर लेटने के सिवा कोई उपाय न हो तो पीठ को सही मुद्रा में रखते हुए लेटें।

ठंडा या गर्म :– ठंडा या गर्म; जिस भी सेंक से थोड़ा आराम आए। वही लेने की कोशिश करें या फिर गर्म-ठंडा सेंक दोनों ही लें।

उल्टा दबाव या मालिश :- नर्स या किसी साथी की मदद से उन हिस्सों पर दबाव दें,जिन्हें दबाने से आराम आता हो। इसके लिए दोनों हाथ टेनिस बॉल, बैक मसाजर के दबाव की मदद ले सकते हैं। मालिश से भी हल्का दबाव दे सकते हैं। बारी-बारी से क्रीम, तेल या पाउडर से मालिश की जा सकती है।

रिक्लक्सोलॉजी :- बैक लेबर के लिए इस थैरेपी में, पैर के बॉल के बीचों-बीच अंगुलियों से तेज दबाव दिया जाता है।

गदूसरे वैकल्पिक उपाय :- हाइड्रोथैरेपी से दर्द थोड़ा घट सकता है। यदि ध्यान, आत्मसम्मोहन या मानसिक चित्रण का अभ्यास है तो उन्हें भी आजमाएँ। एक्यूपंचर भी करवा सकती हैं लेकिन इसके लिए पहले से एक्यूपंचर विशेषज्ञ से समय लेना होगा।

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