टी.वी. पर तो सब कुछ अच्छा लगता है।आधी रात को ३ बजे एक महिला उठकर पेट पर हाथ रखती है और तेज आवाज में पति को उठाती है- हनी, वक्त आ गया है।
लेकिन हैरानी तो इस बात की होती है कि उसे सही वक्त का पता कैसे चला? उसने इतने भरोसे के साथ प्रसव के बारे में कैसे बता दिया?जबकि यह पहली बार गर्भवती हुई है? वह बड़े आराम से अस्पताल जाने की तैयारी करती है और डिलीवरी के लिए पहुंच जाती है। बेशक, यह सब पहले से स्क्रिप्ट में लिखा होता है।
अगर हमारी बात की जाए तो हमारे पास कोई स्क्रिप्ट नहीं होती। हम रात को ३ बजे भी उठते हैं तो हमें कुछ पता नहीं होता कि वह सचमुच प्रसव का दर्द है या ब्रेक्सटन हिक्स?क्या मुझे उस समय उठकर लाइट जलानी चाहिए और सही समय का इंतजार करना चाहिए? क्या मुझे अपने साथी को जगाना चाहिए? क्या मुझे डॉक्टर को आधी रात जगाकर यह सुनना होगा कि मुझे झूठे दर्द उठे थे? क्या मैं उन गर्भवती महिलाओं में से हूँ, जो झूठे दर्दों में ही चिल्लाने लगती हैं और फिर कोई उन पर ध्यान नहीं देता। या फिर चाइल्ड बर्थक्लास में मैं ही एक ऐसी महिला हूँ जिसे लेबर की पहचान नहीं है? क्या मैं देर से अस्पताल जाऊँगी और रास्ते में ही शिशु का जन्म हो जाएगा? ऐसे सवाल तो कांट्रैक्शन से भी तेज गति से दिमाग में चक्कर काटने लगते हैं। सच्चाई तो यह है कि हर गर्भवती महिला को ऐसे डर का सामना करना पड़ता है लेकिन आपको इस बारे में ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम आपको हर तरह के लेबर से जुड़े संकेतों व लक्षणों की जानकारी दे रहे हैं।
 
समय से पूर्व प्रसव के लक्षण 
लेबर से पहले समय से पूर्व प्रसव के लक्षण उभरते हैं, जिसका मतलब है कि प्रमुख घटना शुरू होने वाली है। समय से पूर्व प्रसव के शारीरिक बदलाव लेबर से एक महीना पहले भी उभर सकते हैं या फिर एक घंटे पहले भी ….डॉक्टर उस समय जांच करके बता सकते हैं किगर्भाशय का मुख फैल रहा है या नहीं! इसकेअलावा और भी कई लक्षण हैं, जिन पर आप स्वयं ध्यान दे सकती हैं।
ड्रोपिंग- पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं में, लेबर शुरू होने के २-४ सप्ताह पहले भ्रूण पेल्विस की ओर आ जाते है। दूसरे
प्रसव में यह काम तभी होता है जब प्रसव बिल्कुल शुरू होने वाला होता है।
पेल्विस व गुदा मार्ग पर दबाव- मासिक धर्म की ऐंठन की तरह हल्का दर्द महसूस होता है। इसके अलावा पीठ के निचले हिस्से में दर्द भी होता है।
वजन घटना या बिल्कुल न बढ़ना- नवें महीने में प्रसव पास आने पर वजन धीरे-धीरे बढ़ता है। आप २-३ पौंड वजन घटा भी सकती हैं।
ऊर्जा स्तर में बदलाव- कुछ महिलाओं को बहुत ज्यादा थकान महसूस होने लगती है। तो कुछ कहती हैं कि उनकी ऊर्जा पहले से काफी बढ़ गई है। च्नेस्टिंग इंस्टिंक्टज् के चलते वे शिशु को घर लाने से पहले सजा-संवार लेना चाहती हैं। घर के हर कोने को व्यवस्थित कर देना चाहती हैं।
योनि स्राव में बदलाव- यदि आप ध्यान देंगी तो पता चलेगा कि स्राव पहले से बढ़ जाता है व गाढ़ा हो जाता है।
म्यूकस प्लग का हटना- सर्विक्स पतला होकर खुलने लगता है तो गर्भाशय पर सील की तरह लगा प्लग वहाँ से हट जाता है।असली प्रसव से एक दो सप्ताह पहले आपको योनि से म्यूकस के छोटे कतरे निकलते दिखाई दे सकते हैं।
गुलाबी या लाल धब्बे- सर्विक्स का फैलाव होने के कारण हल्का लाल या गुलाबी म्यूकस निकलने लगता है। यह प्रसव से २४ घंटे पहले शुरू होता है लेकिन कई दिन पहले भी हो सकता है।
ब्रेक्सटन हिक्स कांट्रैक्शन- ये पहले से ज्यादा ताकतवर और दर्दनाक हो जाते हैं।
डायरिया- कई महिलाओं को प्रसव से ठीक पहले पतले दस्त आने लगते हैं।
 
फाल्स लेबर के लक्षण 
लेबर है या नहीं? यदि यह सब न हो तो रियल लेबर शुरू नहीं होता; जैसे ‒
संकुचन नियमित नहीं होता और इसकी संख्या भी नहीं बढ़ती। असली संकुचन धीरे-धीरे तेज, लंबे व ज्यादा दर्द भरे होते जाते हैं। 
यदि आप स्थिति बदल लें या चक्कर लगाएँ तो कांट्रैक्शन रुक जाते हैं। वैसे कई बार समय से पहले वाले असली प्रसव में भी ऐसा होता है।
भूरे रंग का स्राव, जो कि भीतरी जांच या संभोग की वजह से हो सकता है।
संकुचन के साथ भ्रूण की गतिविधियाँ भी गहन हो जाती हैं।
याद रखें कि झूठे लेबर से भी कोई नुकसान नहीं होता। अगर आप सामान के साथअस्पताल पहुँच भी गई हैं तो यही मान लें किआप आने वाली घटना की तैयारी व अभ्यासकर रही हैं ताकि समय आने पर आपकोदिक्कत न हो।
 
रियल लेबर (असली प्रसव) के लक्षण
कोई नहीं जानता कि असली प्रसव कैसे शुरू होता है? लेकिन इसमें कई तरह के कारकों को शामिल कर सकते हैं। शिशु के मस्तिष्क से माँ को संदेश मिलता है कि माँ! मुझे यहाँ से बाहर निकालो। यह संदेश पाते ही माँ के शरीर में हार्मोनल प्रतिक्रिया होने लगती है।जिनकी वजह से संकुचन प्रारंभ करने वाले प्रोस्टाग्लैंडिन्स व ऑक्सीटोसिन का स्राव होने लगता है।
प्रीलेबर के संकुचन, असली लेबर में बदलते हैं, अगर संकुचन कम होने के बजाय बढ़ जाएँ व स्थिति बदलने से भी कोई फर्क न पड़े।
संकुचन पहले से ज्यादा लगातार व दर्दनाक हो जाते हैं व नियमित होने लगते हैं। हालांकि हर संकुचन लंबा व दर्दनाक(३० से ७० सेकंड) नहीं होता लेकिन उसकी गहनता बढ़ने लगती है।
पहले-पहले संकुचन मासिक धर्म की ऐंठन या गैस की उथल-पुथल जैसे होते हैं। या फिर पेट के निचले हिस्से पर दबाव पड़ता है। पेट या पीठ के निचले हिस्से से होते हुए दर्द, जांघों तक फैल जाता है लेकिन कई बार झूठे लेबर में भी ऐसा हो सकता है।
गुलाबी या हल्का लाल रक्तस्राव हो सकता है।
१५ प्रतिशत लेबर में पानी की थैली लेबरशुरू होने से पहले झटके से फटती है। कई औरतोंमें यह लेबर के साथ-साथ फटती है या फिरडॉक्टर द्वारा कृत्रिम रूप से फाड़ा जाता है।
 
डॉक्टर को कब बुलाएँ  
वैसे तो डॉक्टर ने आपको इस बारे में बता ही दिया होगा। जब संकुचन ५ से ७ मिनट के अंतराल पर होने लगे। वैसे इस तरह के अंतराल का इंतजार भी न करें, कोई जरूरी नहीं कि ऐसा ही होगा। यदि संकुचन हो रहा है और आपको असली प्रसव को यकीन नहीं हो पा रहा तो डॉक्टर को फोन करने में कोई हर्ज नहीं है। उन्हें आधी-रात उठाने से न हिचकें, चाहे आपके प्रसव के संकेत झूठे ही क्यों न हों। आप ऐसा करने वाली पहली या आखिरी गर्भवती महिला नहीं है। चाहे वे आपको झूठ ही लग रहे हों फिर भी सावधानी बरतने में क्या हर्ज है। यदि आपकी ड्यू डेट कई सप्ताह दूर हो और फिर भी अचानक संकुचन शुरू हो जाए या पानी की थैली फट जाए तो डॉक्टर को बुलाने में देर न करें। अगर लाल रंग का रक्तस्राव हो या लाल आपके सर्विक्स या योनि में महसूस हो तो झट से डॉक्टर को बुलाएँ।