धर्म और परम्पराओं के देश भारत में कई मंदिर हैं, जो अपनी अनूठी मान्यताओं के लिए फेमस हैं। इन्हीं में से एक मंदिर उत्तराखंड के रुड़की से 19 किलोमीटर दूर भगवानपुर के चुडिय़ाला गांव में स्थित है। 51 शक्तिपीठों में एक इस चूड़ामणि देवी मंदिर पुत्र प्राप्ति की मनोकामना पूरी करने के लिए जाना जाता है। कहते हैं माँ से पुत्र प्राप्ति का वरदान पाने के लिए लोकड़ा की चोरी करनी पड़ती है। आइए, जानते हैं क्या है यह लोकड़ा और लोकड़ा चुराने की परम्परा।
 
क्या है लोकड़ा
 
पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखने वाले पति-पत्नी माँ के मंदिर में आकर माता के चरणों से लोकड़ा यानी लकड़ी का गुड्डा चोरी करके अपने साथ ले जाते हैं और पुत्र होने के जाने के बाद अषाढ़ माह (जून-जुलाई) में अपने पुत्र के साथ मां के दरबार मे पहुंचते हैं। जहां भंडारे के साथ ही दम्पति चुराए हुए लोकड़े के साथ ही एक और लोकड़ा भी अपने पुत्र के हाथों से चढ़ाने की प्रथा है। 
 
ऐसे हुआ था मंदिर का निर्माण
 
इस मंदिर का निर्माण 1805 में लंढौरा रियासत के राजा ने करवाया था। एक बार राजा शिकार करने जंगल में आए हुए थे। तभी उन्हें माता की पिंडी के दर्शन हुए। राजा का कोई पुत्र नहीं था। इसलिए राजा ने माता से पुत्र प्राप्ति की मन्नत मांगी। इसके बाद राजा को पुत्र हुआ और इच्छा पूरी होने पर उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया। 
कैसे पहुचें 
 
  • दिल्ली से बस या ट्रेन रुड़की के लिए ले सकते हैं फिर वहां से भगवानपुर के लिए रुड़की रोडवेज बस अड्डे से बस ली जा सकती है। 
  • इसके अलावा ट्रेन से भी यहां पर पहुंचा जा सकता है। हालांकि चुडिय़ाला स्टेशन पर केवल पैसेंजर ट्रेनों का ही ठहराव है। उनकी संख्या भी कम ही है।